ETV Bharat / bharat

CM सरमा बोले- 29 फीसदी की दर से बढ़ रही मुस्लिम आबादी, रोकने को करेंगे हर उपाय

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने जोर देते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारी माताओं और बहनों की भलाई के लिए तथा इन सबसे ऊपर, समुदाय के कल्याण के लिए है.

असम सरकार लाएगी विशेष नीतिअसम सरकार लाएगी विशेष नीति
असम सरकार लाएगी विशेष नीति
author img

By

Published : Jun 29, 2021, 12:57 AM IST

(दूर्बा घोष) गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि राज्य सरकार अल्पसंख्यकों की आबादी की वृद्धि धीमी करने के लिए विशेष नीतिगत कदम उठाएगी, जिसका लक्ष्य गरीबी और निरक्षरता का उन्मूलन करना है.

उन्होंने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा कि राज्य सरकार का प्राथमिक लक्ष्य स्वास्थ्य एवं शैक्षणिक गतिविधियों का प्रसार करना तथा इस तरह के कदमों के जरिए मुस्लिम आबादी की वृद्धि पर रोक लगाना है. सरमा ने कहा कि हालांकि, इस तरह का रुख समुदाय के अंदर से ही आना होगा, क्योंकि जब सरकार 'बाहर से ऐसा करेगी तो इसका राजनीतिक आधार पर मतलब निकाला जाएगा'.

मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारी माताओं और बहनों की भलाई के लिए तथा इन सबसे ऊपर, समुदाय के कल्याण के लिए है. उन्होंने दावा किया कि असम अपनी वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 1.6 प्रतिशत रखने में कामयाब रहा है लेकिन जब हम सांख्यिकी की तह में जाते हैं तो यह पाते हैं कि मुस्लिम आबादी 29 प्रतिशत की दर (दशकीय) से बढ़ रही है, जबकि हिंदू आबादी 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही. सरमा ने कहा कि वह मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ निरंतर संपर्क में हैं और वह समुदाय के अंदर एक तरह का नेतृत्व सृजित करने के लिए अगले महीने कई संगठनों के साथ परामर्श करेंगे.

उन्होंने कहा कि हमारे नीतिगत मानकों में विश्वविद्यालय स्तर तक लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा जैसे कुछ प्रोत्साहन, अल्पसंख्यक महिलाओं का वित्तीय समावेशन, पंचायतों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण तथा अल्पसंख्यक इलाकों में कॉलेजों और विश्वविद्यालय खोला जाना शामिल होगा. गौरतलब है कि उन्होंने हाल ही में कहा था कि उनकी सरकार दो बच्चों के नियम के साथ एक जनसंख्या नीति लाने की योजना बना रही है और इसका पालन करने वाले परिवारों को खास योजनाओं के तहत लाभ मिलेगा. इस तरह का एक नियम पंचायत चुनाव लड़ने के लिए और राज्य सरकार की नौकरियों के लिए मैाजूद है.

यह पूछे जाने पर कि राज्य में अतिक्रमणकारियों को हटाए जाने अभियान के दौरान क्या एक खास समुदाय को निशाना बनाया गया है, मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा बाहर से प्रतीत होता है, लेकिन भला कौन वन का अतिक्रमण करने की अनुमति देगा? यह महज संयोग है कि हटाये गये कुछ लोग एक धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से आदेश जारी किया है कि वन आच्छादन नहीं घटे. उन्होंने कहा कि यह एक राष्ट्रीय चिंता है और मैं राष्ट्रीय नीति के अनुरूप काम कर रहा हूं.

पढ़ें: काेराेना से पति की माैत, पीड़ित पत्नी को ढाई लाख देगी असम सरकार

उन्होंने कहा कि हाल ही में कुछ हिंदुओं और असमी को शहर के एक इलाके से हटाया गया था और ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से अल्पसंख्यक समुदाय अतिक्रमण करने में कहीं अधिक संलिप्त है. मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी प्राथमिकताओं के बारे में सरमा ने कहा कि बाढ़ और भूमि कटाव जैसी कुछ समस्याएं हैं, जिनका हल अवश्य निकाला जाना चाहिए.

पीटीआई-भाषा

(दूर्बा घोष) गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि राज्य सरकार अल्पसंख्यकों की आबादी की वृद्धि धीमी करने के लिए विशेष नीतिगत कदम उठाएगी, जिसका लक्ष्य गरीबी और निरक्षरता का उन्मूलन करना है.

उन्होंने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा कि राज्य सरकार का प्राथमिक लक्ष्य स्वास्थ्य एवं शैक्षणिक गतिविधियों का प्रसार करना तथा इस तरह के कदमों के जरिए मुस्लिम आबादी की वृद्धि पर रोक लगाना है. सरमा ने कहा कि हालांकि, इस तरह का रुख समुदाय के अंदर से ही आना होगा, क्योंकि जब सरकार 'बाहर से ऐसा करेगी तो इसका राजनीतिक आधार पर मतलब निकाला जाएगा'.

मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारी माताओं और बहनों की भलाई के लिए तथा इन सबसे ऊपर, समुदाय के कल्याण के लिए है. उन्होंने दावा किया कि असम अपनी वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 1.6 प्रतिशत रखने में कामयाब रहा है लेकिन जब हम सांख्यिकी की तह में जाते हैं तो यह पाते हैं कि मुस्लिम आबादी 29 प्रतिशत की दर (दशकीय) से बढ़ रही है, जबकि हिंदू आबादी 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही. सरमा ने कहा कि वह मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ निरंतर संपर्क में हैं और वह समुदाय के अंदर एक तरह का नेतृत्व सृजित करने के लिए अगले महीने कई संगठनों के साथ परामर्श करेंगे.

उन्होंने कहा कि हमारे नीतिगत मानकों में विश्वविद्यालय स्तर तक लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा जैसे कुछ प्रोत्साहन, अल्पसंख्यक महिलाओं का वित्तीय समावेशन, पंचायतों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण तथा अल्पसंख्यक इलाकों में कॉलेजों और विश्वविद्यालय खोला जाना शामिल होगा. गौरतलब है कि उन्होंने हाल ही में कहा था कि उनकी सरकार दो बच्चों के नियम के साथ एक जनसंख्या नीति लाने की योजना बना रही है और इसका पालन करने वाले परिवारों को खास योजनाओं के तहत लाभ मिलेगा. इस तरह का एक नियम पंचायत चुनाव लड़ने के लिए और राज्य सरकार की नौकरियों के लिए मैाजूद है.

यह पूछे जाने पर कि राज्य में अतिक्रमणकारियों को हटाए जाने अभियान के दौरान क्या एक खास समुदाय को निशाना बनाया गया है, मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा बाहर से प्रतीत होता है, लेकिन भला कौन वन का अतिक्रमण करने की अनुमति देगा? यह महज संयोग है कि हटाये गये कुछ लोग एक धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से आदेश जारी किया है कि वन आच्छादन नहीं घटे. उन्होंने कहा कि यह एक राष्ट्रीय चिंता है और मैं राष्ट्रीय नीति के अनुरूप काम कर रहा हूं.

पढ़ें: काेराेना से पति की माैत, पीड़ित पत्नी को ढाई लाख देगी असम सरकार

उन्होंने कहा कि हाल ही में कुछ हिंदुओं और असमी को शहर के एक इलाके से हटाया गया था और ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से अल्पसंख्यक समुदाय अतिक्रमण करने में कहीं अधिक संलिप्त है. मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी प्राथमिकताओं के बारे में सरमा ने कहा कि बाढ़ और भूमि कटाव जैसी कुछ समस्याएं हैं, जिनका हल अवश्य निकाला जाना चाहिए.

पीटीआई-भाषा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.