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ताजमहल के मून लाइट दीदार की ऑनलाइन टिकट पर ASI बनाएगा गाइडलाइन, जानें क्यों

एक बार फिर ताजमहल के मूनलाइट दीदार के लिए टिकट लेने की व्यवस्था में बदलाव किया गया है. टिकट के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंथन और गाइडलाइन पर काम शुरू कर दिया है. पर्यटकों को आगरा में एएसआई कार्यालय के बाहर लंबी कतार में नहीं लगना होगा.

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Published : Nov 14, 2022, 10:58 AM IST

आगरा: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक बार फिर 18 साल बाद ताजमहल के मूनलाइट दीदार के लिए टिकट व्यवस्था में बदलाव करने का आदेश दिया गया है. इस बारे में आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई में ताजमहल के मून लाइट दीदार के लिए पर्यटकों की 24 घंटे पहले टिकट लेने की व्यवस्था में बदलाव किया गया है. टिकट के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंथन और गाइड लाइन पर काम शुरू कर दिया है. इससे पर्यटकों को अब आगरा में एएसआई कार्यालय के बाहर लंबी कतार में नहीं लगना होगा. वे घर बैठकर और एक ही क्लिक पर अपना टिकट ऑनलाइन बना सकेंगे. ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था का लाभ पर्यटक और एएसआई दोनों को होगा. लेकिन, गाइडलाइन बनाने में एएसआई के सामने कई दिक्कतें हैं. इस पर मंथन किया जा रहा है.

जानकारी देते एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल

बता दें कि सन 1984 तक ताज रात्रि दर्शन पर कोई पाबंदी नहीं थी. शरद पूर्णिमा पर तब चमकी का मेला भी लगता था. फिर सुरक्षा लिहाज से ताजमहल की चमकी पर ताजमहल बंद कर दिया गया. इसके बाद आगरा के पर्यटन कारोबारियों की याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2004 में ताजमहल के रात्रि दीदार की अनुमति दी थी.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हर माह पूर्णिमा पर माह में पांच दिन (यानी पूर्णिमा, पूर्णिमा से दो दिन पूर्व व दो दिन बाद तक) ताजमहल खोला जाने लगा. इसके लिए एक दिन पहले एएसआई के माल रोड स्थित कार्यालय से टिकट खरीदना पड़ता था. इस कारण एएसआई कार्यालय पर कतार लगने लगी. निश्चित टिकट होने की वजह से पर्यटकों की परेशानी को लेकर आगरा डवलपमेंट फाउंडेशन ने सन 2019 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. इसमें ताज रात्रि दर्शन की ऑनलाइन टिकट शुरू करने की मांग की गई. सुनवाई पर अब ताजमहल के रात्रि दर्शन के लिए ऑनलाइन टिकट जारी करने के निर्देश दिए गए हैं.

एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल का कहना है कि हर माह की पूर्णिमा पर पांच दिन ताजमहल रात्रि दर्शन के लिए खुलता है. इसके लिए एक दिन में अधिकतम 400 पर्यटक ही ताजमहल के रात्रि दर्शन कर सकते हैं. इसके लिए 30-30 मिनट के आठ स्लॉट हैं. इसमें 50-50 पर्यटकों का प्रवेश दिया जाता है. अभी तक पर्यटकों को 24 घंटे पहले एएसआई कार्यालय से ऑफलाइन टिकट लेनी होती थी.

यह भी पढ़ें: काशी विश्वनाथ धाम में पकड़े गए 3 संदिग्ध, खुफिया विभाग कर रहा पूछताछ

एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ताजमहल के रात्रि दर्शन के लिए ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था की जाएगी. इसको लेकर विभाग ने गाइडलाइन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. गाइड लाइन बनाकर ही ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था की जाएगी. नई व्यवस्था से जहां पर्यटकों की परेशानी कम होगी. वहीं, चांदनी रात में ताजमहल के दीदार की टिकटें भी पूरी बिकेंगी.

आगरा: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक बार फिर 18 साल बाद ताजमहल के मूनलाइट दीदार के लिए टिकट व्यवस्था में बदलाव करने का आदेश दिया गया है. इस बारे में आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई में ताजमहल के मून लाइट दीदार के लिए पर्यटकों की 24 घंटे पहले टिकट लेने की व्यवस्था में बदलाव किया गया है. टिकट के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंथन और गाइड लाइन पर काम शुरू कर दिया है. इससे पर्यटकों को अब आगरा में एएसआई कार्यालय के बाहर लंबी कतार में नहीं लगना होगा. वे घर बैठकर और एक ही क्लिक पर अपना टिकट ऑनलाइन बना सकेंगे. ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था का लाभ पर्यटक और एएसआई दोनों को होगा. लेकिन, गाइडलाइन बनाने में एएसआई के सामने कई दिक्कतें हैं. इस पर मंथन किया जा रहा है.

जानकारी देते एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल

बता दें कि सन 1984 तक ताज रात्रि दर्शन पर कोई पाबंदी नहीं थी. शरद पूर्णिमा पर तब चमकी का मेला भी लगता था. फिर सुरक्षा लिहाज से ताजमहल की चमकी पर ताजमहल बंद कर दिया गया. इसके बाद आगरा के पर्यटन कारोबारियों की याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2004 में ताजमहल के रात्रि दीदार की अनुमति दी थी.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हर माह पूर्णिमा पर माह में पांच दिन (यानी पूर्णिमा, पूर्णिमा से दो दिन पूर्व व दो दिन बाद तक) ताजमहल खोला जाने लगा. इसके लिए एक दिन पहले एएसआई के माल रोड स्थित कार्यालय से टिकट खरीदना पड़ता था. इस कारण एएसआई कार्यालय पर कतार लगने लगी. निश्चित टिकट होने की वजह से पर्यटकों की परेशानी को लेकर आगरा डवलपमेंट फाउंडेशन ने सन 2019 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. इसमें ताज रात्रि दर्शन की ऑनलाइन टिकट शुरू करने की मांग की गई. सुनवाई पर अब ताजमहल के रात्रि दर्शन के लिए ऑनलाइन टिकट जारी करने के निर्देश दिए गए हैं.

एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल का कहना है कि हर माह की पूर्णिमा पर पांच दिन ताजमहल रात्रि दर्शन के लिए खुलता है. इसके लिए एक दिन में अधिकतम 400 पर्यटक ही ताजमहल के रात्रि दर्शन कर सकते हैं. इसके लिए 30-30 मिनट के आठ स्लॉट हैं. इसमें 50-50 पर्यटकों का प्रवेश दिया जाता है. अभी तक पर्यटकों को 24 घंटे पहले एएसआई कार्यालय से ऑफलाइन टिकट लेनी होती थी.

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एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ताजमहल के रात्रि दर्शन के लिए ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था की जाएगी. इसको लेकर विभाग ने गाइडलाइन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. गाइड लाइन बनाकर ही ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था की जाएगी. नई व्यवस्था से जहां पर्यटकों की परेशानी कम होगी. वहीं, चांदनी रात में ताजमहल के दीदार की टिकटें भी पूरी बिकेंगी.

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