पुणे: डीआरडीओ के डायरेक्टर प्रदीप कुरुलकर (Pradeep Kurulkar) पर हनीट्रैप में फंसने और जानकारी पाकिस्तान को देने का आरोप है. उसे एटीएस ने गिरफ्तार किया है. जांच में नए खुलासे हो रहे हैं. सूत्र ने कहा कि फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट से पता चला है कि वह ई-मेल के जरिए पाकिस्तान के खुफिया विभाग के संपर्क में था.
पुणे में रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) के निदेशक प्रदीप कुरुलकर को गिरफ्तारी के बाद 9 तारीख तक एटीएस की हिरासत में भेज दिया गया था. उसके बाद 9 तारीख को उसे पुणे के शिवाजी नगर स्थित कोर्ट में पेश किया गया. इस बार उसे 15 तारीख तक एटीएस की हिरासत में दिया गया है. डीआरडीओ के निदेशक प्रदीप कुरुलकर से जहां पूछताछ चल रही है, वहीं तरह-तरह के खुलासे सामने आ रहे हैं.
कुरुलकर के मोबाइल और लैपटॉप की फोरेंसिक जांच में खुलासा हुआ है. हनीट्रैप में कुरुलकर न केवल सोशल मीडिया व्हाट्सएप, फेसबुक पर संपर्क में था, बल्कि कुरुलकर ई-मेल के माध्यम से पाकिस्तान खुफिया विभाग के संपर्क में था. तमाम ई-मेल का आदान-प्रदान, बातचीत भी सामने आई है.
सरकारी पासपोर्ट का इस्तेमाल: 9वीं सुनवाई में एटीएस के सामने यह मामला आया है कि प्रदीप कुरुलकर डीआरडीओ के गेस्ट हाउस में कुछ महिलाओं से मिला. आख़िर कौन हैं वो महिला? यह महिला क्यों मिलीं? इसके पीछे की असल वजह की भी एटीएस के जरिए जांच की जा रही है.
दिलचस्प बात यह है कि कुरुलकर ने सरकारी पासपोर्ट का भी इस्तेमाल किया है. उसकी भी जानकारी ली जा रही है. कुरुलकर इस अवधि के दौरान छह देशों में रहे हैं. क्या वह तब किसी से मिले थे? एटीएस के जरिए इसकी भी जांच की जा रही है.
पाकिस्तानी जासूसों से मिलने का शक: प्रदीप कुरुलकर साल के दौरान कई बार विदेश दौरे पर जा चुके हैं. इस दौरान उनके पाकिस्तानी जासूसों से मिलने का भी शक है. अगर वे मिले थे, तो उन्होंने किस कार्यालय की गोपनीय जानकारी दी? इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं उनके लिए किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल तो नहीं किया गया.
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