श्रीनगर : भारतीय सेना (Indian Army) ने गुरुवार को दावा किया कि वो अमरनाथ यात्रा के लिए तैयार है और इसके लिए सभी आवश्यक कदम भी उठाए हैं लेकिन अंतिम फैसला जम्मू-कश्मीर प्रशासन को करना है.
इस संबंध में श्रीनगर के पुराने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बात करने के दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (General Manoj Mukund Naravane) ने कहा कि नियंत्रण रेखा (LOC) और और कश्मीर के भीतरी इलाकों में स्थिति में काफी सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं को हिंसा के रास्ते से बचना चाहिए क्योंकि यह उन्हें कहीं नहीं ले जाएगा.
सेना प्रमुख जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर हैं और बृहस्पतिवार को उनके दौरे का दूसरा दिन था. यात्रा के दौरान, उन्होंने स्थानीय सेना कमांडरों और जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर के साथ बातचीत की.
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वार्षिक अमरनाथ यात्रा (annual Amarnath yatra) के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम अपनी तरफ से अमरनाथ यात्रा के लिए तैयार हैं और यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं. बेशक, यात्रा करने या न करने का निर्णय नागरिक प्रशासन को करना है.
उन्होंने कहा कि कमांडरों द्वारा एलओसी और भीतरी इलाकों में स्थिति के बारे में जानकारी दिए जाने के बाद, मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि जिन मापदंडों से हम सामान्य स्थिति का आकलन करते हैं, उनमें बहुत सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि हालांकि शुरू में कुछ (आतंकवादी) घटनाएं हुईं . जनरल नरवणे ने कहा, हाल के दिनों में पथराव का शायद ही कोई मामले सामने आया है और ये सभी सामान्य स्थिति की वापसी का संकेत है. उन्होंने कहा कि लोग भी यही चाहते हैं और यह अच्छी बात हो रही है.
बता दें कि श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) ने 22 अप्रैल को वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए पंजीकरण को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था. इससे पहले, बोर्ड ने बालटाल और पहलगाम मार्गों के लिए 15 अप्रैल से तीर्थयात्रियों का ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किया था. 56 दिवसीय यात्रा 28 जून से शुरू होने वाली थी.