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आंध्र प्रदेश: मंत्री अंबाती रामबाबू पर रिश्वत मांगने का आरोप, बेटे की मौत पर मिलने वाले मुआवजे में मांगा हिस्सा

जनसेना नेता पवन कल्याण ने मंत्री अंबाती रामबाबू पर आरोप लगाया कि उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष से राहत पाने वाले परिवार से रिश्वत की मांग की है, जिन्होंने एक हादसे में अपने बेटे को खो दिया.

Victim's family seeking compensation for son's death
बेटे की मौत का मुआवजा मांगने वाला पीड़ित परिवार
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Published : Dec 20, 2022, 10:24 PM IST

अमरावती: काश्तकार आश्वासन अभियान के तहत रविवार को पालनाडु जिले के सत्तेनपल्ली मंडल के धुलीपल्ला पहुंचे जनसेना नेता पवन कल्याण पवन ने मंत्री अंबाती रामबाबू पर कई आरोप लगाए. पवन ने मंत्री अंबाती रामबाबू का नाम लेते हुए कहा कि दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है, तो विधायक व मंत्री स्तर के लोग सरकार द्वारा परिवार को दी जाने वाली मुआवजा राशि में रिश्वत की मांग कर रहे हैं. उसके तुरंत बाद, अंबाती रामबाबू ने पवन के आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया और मांग की कि वह किसी को बताए कि उन्होंने रिश्वत मांगी थी.

आरोप साबित होने पर रामबाबू ने चुनौती दी कि वह मंत्री पद के साथ-साथ विधायक पद से भी इस्तीफा देने को तैयार हैं. मंत्री अंबाती की चुनौती के 24 घंटे के भीतर पीड़ित परिवार के रोने और आरोप लगाने का वीडियो वायरल हो गया. सत्तेनपल्ली में अचमपेटा रेलवे फाटक के पास रहने वाले एक दंपति परलेय्या और गंगम्मा ने अपना दुख व्यक्त किया कि अंबाती रामबाबू ने उनसे पैसे मांगे. परलिया और गंगम्मा के बेटे अनिल की इस साल 20 अगस्त को नाले की सफाई के दौरान दुर्घटनावश मौत हो गई थी.

इस संबंध में सरकार द्वारा 5 लाख रुपये की सहायता स्वीकृत की गई है. पीड़ितों ने खुलासा किया कि नगरपालिका अध्यक्ष लक्ष्मीतुलसी के पति संबाशिवराव ने उनसे सरकार द्वारा स्वीकृत पांच लाख रुपये में से ढाई लाख रुपये का हिस्सा देने के लिए कहा. दंपति ने दावा किया कि अंबाती ने रामबाबू से कहा कि अगर वे मंत्री से शिकायत करेंगे तो उन्हें पैसे देने होंगे. उन्होंने कहा कि उनके पास कोई संपत्ति नहीं है और वे अपनी बेटी की शादी करना चाहते हैं, अगर सरकार उन्हें 5 लाख रुपये दे.

एक समय पर, वे स्थानीय सीआई से धमकियां मिलने के बाद आत्महत्या करना चाहते थे कि वे सांबाशिवराव द्वारा मांगे गए पैसे दे दें अन्यथा परेशानी होगी. उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल अपनी बेटी के लिए आत्महत्या करने का फैसला छोड़ दिया. 20 दिन पहले उन्हें रुपयों का चेक मिला था. मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपेय अभी तक उनके हाथ नहीं पहुंचा है. वीडियो सामने आने के बाद वाईसीपी नेताओं ने परलेय्या दंपति को धमकाना शुरू कर दिया. उन्होंने स्थानीय जनसेना नेताओं को सूचित किया. वाईसीपी नेताओं की धमकियों के मद्देनजर परिवार को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया.

जनसेना के नेताओं ने पूछा कि मंत्री अंबाती रामबाबू के खिलाफ पवन कल्याण की टिप्पणी सही है. पारलेय्या और गंगम्मा के आरोप उसी के सबूत हैं. क्या हमें इससे ज्यादा सबूत चाहिए? मंत्री ने पवन कल्याण को चुनौती देने पर रामबाबू को संयम से बोलने की सलाह दी. मुआवजे की राशि को लेकर राज्य के जल एवं जल निकासी मंत्री अंबाती रामबाबू ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्वीकृत मुआवजा राशि से रिश्वत लेने का दुर्भाग्य नहीं है.

पढ़ें: शिष्या से दुष्कर्म मामले में स्वामी चिन्मयानंद की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित

मंत्री ने कहा कि उन्होंने ही पांच लाख रुपये का मुआवजा मंजूर किया था और उन्हें ऐसी रिश्वत मांगने की जरूरत नहीं है. उन्होंने चुनौती दी कि अगर वह साबित कर दें कि वह पैसे के लालची हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे. जनसेना नेता पवन कल्याण ने इस चुनौती का जवाब मांगा.

अमरावती: काश्तकार आश्वासन अभियान के तहत रविवार को पालनाडु जिले के सत्तेनपल्ली मंडल के धुलीपल्ला पहुंचे जनसेना नेता पवन कल्याण पवन ने मंत्री अंबाती रामबाबू पर कई आरोप लगाए. पवन ने मंत्री अंबाती रामबाबू का नाम लेते हुए कहा कि दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है, तो विधायक व मंत्री स्तर के लोग सरकार द्वारा परिवार को दी जाने वाली मुआवजा राशि में रिश्वत की मांग कर रहे हैं. उसके तुरंत बाद, अंबाती रामबाबू ने पवन के आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया और मांग की कि वह किसी को बताए कि उन्होंने रिश्वत मांगी थी.

आरोप साबित होने पर रामबाबू ने चुनौती दी कि वह मंत्री पद के साथ-साथ विधायक पद से भी इस्तीफा देने को तैयार हैं. मंत्री अंबाती की चुनौती के 24 घंटे के भीतर पीड़ित परिवार के रोने और आरोप लगाने का वीडियो वायरल हो गया. सत्तेनपल्ली में अचमपेटा रेलवे फाटक के पास रहने वाले एक दंपति परलेय्या और गंगम्मा ने अपना दुख व्यक्त किया कि अंबाती रामबाबू ने उनसे पैसे मांगे. परलिया और गंगम्मा के बेटे अनिल की इस साल 20 अगस्त को नाले की सफाई के दौरान दुर्घटनावश मौत हो गई थी.

इस संबंध में सरकार द्वारा 5 लाख रुपये की सहायता स्वीकृत की गई है. पीड़ितों ने खुलासा किया कि नगरपालिका अध्यक्ष लक्ष्मीतुलसी के पति संबाशिवराव ने उनसे सरकार द्वारा स्वीकृत पांच लाख रुपये में से ढाई लाख रुपये का हिस्सा देने के लिए कहा. दंपति ने दावा किया कि अंबाती ने रामबाबू से कहा कि अगर वे मंत्री से शिकायत करेंगे तो उन्हें पैसे देने होंगे. उन्होंने कहा कि उनके पास कोई संपत्ति नहीं है और वे अपनी बेटी की शादी करना चाहते हैं, अगर सरकार उन्हें 5 लाख रुपये दे.

एक समय पर, वे स्थानीय सीआई से धमकियां मिलने के बाद आत्महत्या करना चाहते थे कि वे सांबाशिवराव द्वारा मांगे गए पैसे दे दें अन्यथा परेशानी होगी. उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल अपनी बेटी के लिए आत्महत्या करने का फैसला छोड़ दिया. 20 दिन पहले उन्हें रुपयों का चेक मिला था. मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपेय अभी तक उनके हाथ नहीं पहुंचा है. वीडियो सामने आने के बाद वाईसीपी नेताओं ने परलेय्या दंपति को धमकाना शुरू कर दिया. उन्होंने स्थानीय जनसेना नेताओं को सूचित किया. वाईसीपी नेताओं की धमकियों के मद्देनजर परिवार को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया.

जनसेना के नेताओं ने पूछा कि मंत्री अंबाती रामबाबू के खिलाफ पवन कल्याण की टिप्पणी सही है. पारलेय्या और गंगम्मा के आरोप उसी के सबूत हैं. क्या हमें इससे ज्यादा सबूत चाहिए? मंत्री ने पवन कल्याण को चुनौती देने पर रामबाबू को संयम से बोलने की सलाह दी. मुआवजे की राशि को लेकर राज्य के जल एवं जल निकासी मंत्री अंबाती रामबाबू ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्वीकृत मुआवजा राशि से रिश्वत लेने का दुर्भाग्य नहीं है.

पढ़ें: शिष्या से दुष्कर्म मामले में स्वामी चिन्मयानंद की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित

मंत्री ने कहा कि उन्होंने ही पांच लाख रुपये का मुआवजा मंजूर किया था और उन्हें ऐसी रिश्वत मांगने की जरूरत नहीं है. उन्होंने चुनौती दी कि अगर वह साबित कर दें कि वह पैसे के लालची हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे. जनसेना नेता पवन कल्याण ने इस चुनौती का जवाब मांगा.

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