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परमवीरों को सम्मानः अंडमान के 21 द्वीपों को मिलेगा नाम, शहीद अल्बर्ट एक्का के नाम पर भी होगा एक आईलैंड

अंडमान निकोबार के 21 अनाम द्वीपों का नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा जा रहा है. जिसमें झारखंड के परमवीर शहीद अल्बर्ट एक्का का नाम भी शामिल है. केंद्र सरकार के इस फैसले पर राज्य के मंत्री ने खुशी जताई है.

martyr Albert Ekka
शहीद अल्बर्ट एक्का
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Published : Jan 22, 2023, 10:00 PM IST

आलमगीर आलम, मंत्री

रांचीः नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अमर शहीद परमवीर चक्र विजेता के नाम पर अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े और अनाम द्वीपों का नाम रखेंगे. उनमें से एक द्वीप झारखंड के परमवीर चक्र विजेता लांस नायक अल्बर्ट एक्का का भी होगा.

अंडमान निकोबार द्वीप समूह के अन्य अनाम द्वीपों का नाम जिन परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर होगा, वह हैं मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार कर्म सिंह, रामा राघोबा राणे, यदुनाथ सिंह, मेजर पीरू सिंह, कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, हवलदार अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल आर्देशिर बुजॉरजी तारापोर, मेजर होशियार सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज पांडे, सूबेदार मेजर संजय और योगेंद्र सिंह यादव.

झारखंड के गुमला जिले में हुआ था परमवीर अल्बर्ट एक्का का जन्मः अल्बर्ट एक्का का जन्म 27 दिसंबर 1942 ईस्वी को झारखंड के गुमला जिले के जारी गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम जूलियस एक्का और माता का नाम मरियम एक्का था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा सी सी स्कूल पटवाटोली में हुई थी, जबकि माध्यमिक शिक्षा भीखमपुर मिडिल स्कूल से हुई थी. उनकी पत्नी का नाम बलमदीन एक्का था.

उन्होंने सन 1962 में सेना के बिहार रेजिमेंट से अपना सैनिक जीवन शुरू किया. बाद में जब 14 गार्ड्स का गठन हुआ, तब अल्बर्ट एक्का वहां स्थानांतरित कर दिए गए. बचपन से ही सैनिक बनने की इच्छा रखने वाले अल्बर्ट एक्का एक अच्छे योद्धा के साथ-साथ हॉकी के भी बेहतरीन खिलाड़ी थे. 1971 ईस्वी में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय अल्बर्ट एक्का ने अपने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए युद्ध के दौरान हाथ में बम लेकर दुश्मन पाकिस्तान के क्षेत्र में जाकर दुश्मन देश के 3 बंकर उड़ा दिए थे और अपने इकाई के सैनिकों की रक्षा की थी. इस दौरान वह घायल भी हो गए और 3 दिसंबर 1971 ईस्वी को उन्होंने वीरगति को प्राप्त किया. अल्बर्ट एक्का के बलिदान को देखते हुए सेना के रुस्तम सम्मान परमवीर चक्र से उन्हें मरणोपरांत सम्मानित किया गया.

संसदीय कार्यमंत्री ने परमवीर अल्बर्ट एक्का के नाम पर द्वीप का नाम रखने के फैसले की सराहना कीः केंद्र सरकार और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंडमान निकोबार द्वीप समूहों के 21 अनाम द्वीपों का नाम परमवीर अल्बर्ट एक्का सहित सभी 21 परमवीरों के नाम पर करने के फैसले का राज्य के संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने स्वागत किया और कहा कि झारखंड की धरती ने एक से बढ़कर एक वीर सपूत दिए हैं, जिन्होंने जुल्म सितम के खिलाफ उलगुलान किया और उनकी वीरता का नाम दुनिया भर में है. उन्होंने कहा कि झारखंडी होने के नाते उनके लिए और यहां के सभी लोगों के लिए कल का दिन गौरवान्वित करने वाला होगा. जब यहां के माटी के लाल के नाम पर अंडमान निकोबार में एक अनाम द्वीप का नाम रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि परमवीर अल्बर्ट एक्का का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है और हमेशा वह हमें प्रेरणा देते रहेंगे कि मातृभूमि पर अगर किसी ने आंख उठाकर देखने की भी कोशिश की तो हर भारतीय उसे सबक सिखाने को तैयार रहता है.

आलमगीर आलम, मंत्री

रांचीः नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अमर शहीद परमवीर चक्र विजेता के नाम पर अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े और अनाम द्वीपों का नाम रखेंगे. उनमें से एक द्वीप झारखंड के परमवीर चक्र विजेता लांस नायक अल्बर्ट एक्का का भी होगा.

अंडमान निकोबार द्वीप समूह के अन्य अनाम द्वीपों का नाम जिन परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर होगा, वह हैं मेजर सोमनाथ शर्मा, सूबेदार कर्म सिंह, रामा राघोबा राणे, यदुनाथ सिंह, मेजर पीरू सिंह, कैप्टन जीएस सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा, सूबेदार जोगिंदर सिंह, मेजर शैतान सिंह, हवलदार अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल आर्देशिर बुजॉरजी तारापोर, मेजर होशियार सिंह, सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज पांडे, सूबेदार मेजर संजय और योगेंद्र सिंह यादव.

झारखंड के गुमला जिले में हुआ था परमवीर अल्बर्ट एक्का का जन्मः अल्बर्ट एक्का का जन्म 27 दिसंबर 1942 ईस्वी को झारखंड के गुमला जिले के जारी गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम जूलियस एक्का और माता का नाम मरियम एक्का था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा सी सी स्कूल पटवाटोली में हुई थी, जबकि माध्यमिक शिक्षा भीखमपुर मिडिल स्कूल से हुई थी. उनकी पत्नी का नाम बलमदीन एक्का था.

उन्होंने सन 1962 में सेना के बिहार रेजिमेंट से अपना सैनिक जीवन शुरू किया. बाद में जब 14 गार्ड्स का गठन हुआ, तब अल्बर्ट एक्का वहां स्थानांतरित कर दिए गए. बचपन से ही सैनिक बनने की इच्छा रखने वाले अल्बर्ट एक्का एक अच्छे योद्धा के साथ-साथ हॉकी के भी बेहतरीन खिलाड़ी थे. 1971 ईस्वी में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय अल्बर्ट एक्का ने अपने अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए युद्ध के दौरान हाथ में बम लेकर दुश्मन पाकिस्तान के क्षेत्र में जाकर दुश्मन देश के 3 बंकर उड़ा दिए थे और अपने इकाई के सैनिकों की रक्षा की थी. इस दौरान वह घायल भी हो गए और 3 दिसंबर 1971 ईस्वी को उन्होंने वीरगति को प्राप्त किया. अल्बर्ट एक्का के बलिदान को देखते हुए सेना के रुस्तम सम्मान परमवीर चक्र से उन्हें मरणोपरांत सम्मानित किया गया.

संसदीय कार्यमंत्री ने परमवीर अल्बर्ट एक्का के नाम पर द्वीप का नाम रखने के फैसले की सराहना कीः केंद्र सरकार और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंडमान निकोबार द्वीप समूहों के 21 अनाम द्वीपों का नाम परमवीर अल्बर्ट एक्का सहित सभी 21 परमवीरों के नाम पर करने के फैसले का राज्य के संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने स्वागत किया और कहा कि झारखंड की धरती ने एक से बढ़कर एक वीर सपूत दिए हैं, जिन्होंने जुल्म सितम के खिलाफ उलगुलान किया और उनकी वीरता का नाम दुनिया भर में है. उन्होंने कहा कि झारखंडी होने के नाते उनके लिए और यहां के सभी लोगों के लिए कल का दिन गौरवान्वित करने वाला होगा. जब यहां के माटी के लाल के नाम पर अंडमान निकोबार में एक अनाम द्वीप का नाम रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि परमवीर अल्बर्ट एक्का का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायक है और हमेशा वह हमें प्रेरणा देते रहेंगे कि मातृभूमि पर अगर किसी ने आंख उठाकर देखने की भी कोशिश की तो हर भारतीय उसे सबक सिखाने को तैयार रहता है.

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