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'भारतीय बाजार में अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहता है अमेजन'

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी साप्ताहिक पत्रिका 'पांचजन्य' ने अमेरिका की ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन को 'ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0' करार देते हुए कहा कि कंपनी ने अनुकूल सरकारी नीतियों के लिए रिश्वत के तौर पर करोड़ों रुपये का भुगतान किया है.

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Published : Sep 26, 2021, 10:32 PM IST

भारतीय
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नई दिल्ली : पांचजन्य ने अपनी पत्रिका के ताजा संस्करण में अमेजन पर लेख लिखते हुए उसकी कड़ी आलोचना की है. पांचजन्य ने 'ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0' के नाम से अपने लेख लिखा कि भारत पर 18वीं शताब्दी में कब्जा करने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी ने जो कुछ किया, वही आज अमेजन की गतिविधियों में दिखाई देता है.

पत्रिका ने यह दावा करते हुए कि अमेजन भारतीय बाजार में अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहता है और ऐसा करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनी ने भारतीय नागरिकों की आर्थिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर कब्जा करने के लिए पहल करना शुरू कर दिया है.

लेख में अमेजन के वीडियो मंच की भी कड़ी आलोचना करते हुए कहा गया कि वह अपने मंच पर ऐसी फिल्में और वेब सीरीज जारी कर रहा है, जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ हैं.

गौरतलब है कि ऐसी खबरें आई हैं कि अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज भारत में अपने कानूनी प्रतिनिधियों द्वारा भुगतान की गई कथित रिश्वत की जांच कर रही है.

मुख्य विपक्षी दल, कांग्रेस ने अमेज़ॅन से जुड़े कथित रिश्वत मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है.

इससे पहले, आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने भी व्यापारियों के हितों के लिए हानिकारक कानूनों को दरकिनार करने और अनैतिक व्यापार प्रथाओं में लिप्त होने के लिए अमेज़ॅन जैसे ई-कॉमर्स खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : पांचजन्य ने अपनी पत्रिका के ताजा संस्करण में अमेजन पर लेख लिखते हुए उसकी कड़ी आलोचना की है. पांचजन्य ने 'ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0' के नाम से अपने लेख लिखा कि भारत पर 18वीं शताब्दी में कब्जा करने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी ने जो कुछ किया, वही आज अमेजन की गतिविधियों में दिखाई देता है.

पत्रिका ने यह दावा करते हुए कि अमेजन भारतीय बाजार में अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहता है और ऐसा करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनी ने भारतीय नागरिकों की आर्थिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर कब्जा करने के लिए पहल करना शुरू कर दिया है.

लेख में अमेजन के वीडियो मंच की भी कड़ी आलोचना करते हुए कहा गया कि वह अपने मंच पर ऐसी फिल्में और वेब सीरीज जारी कर रहा है, जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ हैं.

गौरतलब है कि ऐसी खबरें आई हैं कि अमेरिकी ई-कॉमर्स दिग्गज भारत में अपने कानूनी प्रतिनिधियों द्वारा भुगतान की गई कथित रिश्वत की जांच कर रही है.

मुख्य विपक्षी दल, कांग्रेस ने अमेज़ॅन से जुड़े कथित रिश्वत मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है.

इससे पहले, आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने भी व्यापारियों के हितों के लिए हानिकारक कानूनों को दरकिनार करने और अनैतिक व्यापार प्रथाओं में लिप्त होने के लिए अमेज़ॅन जैसे ई-कॉमर्स खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

(पीटीआई-भाषा)

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