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दिल्ली हाईकोर्ट का विकिपीडिया को फटकार, 16 अक्टूबर को होगी सुनवाई

न्यूज एजेंसी का विवरण संपादित करने वाले का खुलासा नहीं करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने विकिपीडिया को फटकार लगाई.

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दिल्ली हाईकोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 14, 2024, 3:31 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सोमवार को विकिपीडिया की एक याचिका पर सुनवाई की, जिसमें वे सिंगल बेंच के उस आदेश को चुनौती दे रहे थे, जिसका मकसद विकिपीडिया पर प्रकाशित एक विवरण को संपादित करने वाले व्यक्ति की पहचान उजागर करना था. यह विवरण एक समाचार एजेंसी द्वारा प्रकाशित किया गया था, जिसमें विकिपीडिया ने भारत सरकार का प्रोपेगैंडा टूल बताया था.

इस मामले में सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस मनमोहन ने कहा कि अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी. विकिपीडिया की ओर से पेश वकील अमित सिब्बल ने तर्क दिया कि विवरण संपादित करने वाले का नाम बताना उनकी निजता की नीति का उल्लंघन होगा, तो अदालत ने कहा कि यदि वे नाम नहीं बताएंगे, तो अदालत उस व्यक्ति का रुख कैसे जान पायेगी.

सुनवाई के दौरान न्यूज एजेंसी के वकील ने अदालत को बताया कि विकिपीडिया के पेज में उल्लेखित था कि जज ने धमकी दी है कि वे भारत सरकार को आदेश दे सकते हैं कि विकिपीडिया को देश में बंद कर दिया जाए. इस पर हाईकोर्ट ने विकिपीडिया को सख्त निर्देश दिया कि उन्हें इस पेज को हटाना होगा, अन्यथा उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं की जाएगी.

विकिपीडिया को स्पष्ट रूप से चेतावनी: कोर्ट ने विकिपीडिया को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि वे किसी भी व्यक्ति को बदनाम करने का प्लेटफार्म नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा, "आप एक सेवा प्रदाता हैं. आपको न्यूज एजेंसी के संपादक का नाम बताना होगा." इस पर विकिपीडिया के वकील ने अतिरिक्त समय देने की मांग की.

यह भी पढ़ें- दिल्ली हाईकोर्ट के UAPA ट्रिब्यूनल ने जमात-ए-इस्लामी पर लगे बैन को सही ठहराया

अवमानना का नोटिस: इस मामले में सिंगल बेंच के 5 सितंबर के आदेश का उल्लंघन करने के लिए विकिपीडिया के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था. जस्टिस नवीन चावला ने कहा था कि यदि आगे भी आदेश का पालन नहीं किया गया, तो अदालत कड़े कदम उठाएगी.

विकिपीडिया ने अपनी दलील में कहा कि उसका मुख्यालय भारत में नहीं है, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि यह कोई मायने नहीं रखता. यदि आप देश के कानून का पालन नहीं करेंगे, तो आपको यहां काम करने का अधिकार नहीं है.

ये है मामला: दरअसल, न्यूज एजेंसी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि विकिपीडिया ने उसके बारे में अपमानजनक कंटेंट पोस्ट करने की अनुमति दी है. विकिपीडिया में न्यूज एजेंसी का विवरण देते हुए लिखा गया है कि वो सरकार का प्रोपेगैंडा टूल है. इससे न्यूज एजेंसी की छवि खराब हो रही है. न्यूज एजेंसी की ओर से पेश वकील सिद्धांत कुमार ने मांग की कि उसके संबंध में ऐसा विवरण पोस्ट करने वाले यूजर की पहचान का खुलासा किया जाए.

विकिपीडिया की ओर से वकील टाईन अब्राहम ने कहा है कि यूजर की किसी भी सूचना को संपादित करता है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा होने के बावजूद विकिपीडिया अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता है. हाईकोर्ट ने साफ किया कि आपको देश के कानून का पालन करना होगा.

यह भी पढ़ें- PFI नेता इब्राहिम पुथानैथानीम की जमानत याचिका पर एनआईए को नोटिस जारी

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सोमवार को विकिपीडिया की एक याचिका पर सुनवाई की, जिसमें वे सिंगल बेंच के उस आदेश को चुनौती दे रहे थे, जिसका मकसद विकिपीडिया पर प्रकाशित एक विवरण को संपादित करने वाले व्यक्ति की पहचान उजागर करना था. यह विवरण एक समाचार एजेंसी द्वारा प्रकाशित किया गया था, जिसमें विकिपीडिया ने भारत सरकार का प्रोपेगैंडा टूल बताया था.

इस मामले में सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस मनमोहन ने कहा कि अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी. विकिपीडिया की ओर से पेश वकील अमित सिब्बल ने तर्क दिया कि विवरण संपादित करने वाले का नाम बताना उनकी निजता की नीति का उल्लंघन होगा, तो अदालत ने कहा कि यदि वे नाम नहीं बताएंगे, तो अदालत उस व्यक्ति का रुख कैसे जान पायेगी.

सुनवाई के दौरान न्यूज एजेंसी के वकील ने अदालत को बताया कि विकिपीडिया के पेज में उल्लेखित था कि जज ने धमकी दी है कि वे भारत सरकार को आदेश दे सकते हैं कि विकिपीडिया को देश में बंद कर दिया जाए. इस पर हाईकोर्ट ने विकिपीडिया को सख्त निर्देश दिया कि उन्हें इस पेज को हटाना होगा, अन्यथा उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं की जाएगी.

विकिपीडिया को स्पष्ट रूप से चेतावनी: कोर्ट ने विकिपीडिया को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि वे किसी भी व्यक्ति को बदनाम करने का प्लेटफार्म नहीं हो सकते हैं. उन्होंने कहा, "आप एक सेवा प्रदाता हैं. आपको न्यूज एजेंसी के संपादक का नाम बताना होगा." इस पर विकिपीडिया के वकील ने अतिरिक्त समय देने की मांग की.

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अवमानना का नोटिस: इस मामले में सिंगल बेंच के 5 सितंबर के आदेश का उल्लंघन करने के लिए विकिपीडिया के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था. जस्टिस नवीन चावला ने कहा था कि यदि आगे भी आदेश का पालन नहीं किया गया, तो अदालत कड़े कदम उठाएगी.

विकिपीडिया ने अपनी दलील में कहा कि उसका मुख्यालय भारत में नहीं है, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि यह कोई मायने नहीं रखता. यदि आप देश के कानून का पालन नहीं करेंगे, तो आपको यहां काम करने का अधिकार नहीं है.

ये है मामला: दरअसल, न्यूज एजेंसी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि विकिपीडिया ने उसके बारे में अपमानजनक कंटेंट पोस्ट करने की अनुमति दी है. विकिपीडिया में न्यूज एजेंसी का विवरण देते हुए लिखा गया है कि वो सरकार का प्रोपेगैंडा टूल है. इससे न्यूज एजेंसी की छवि खराब हो रही है. न्यूज एजेंसी की ओर से पेश वकील सिद्धांत कुमार ने मांग की कि उसके संबंध में ऐसा विवरण पोस्ट करने वाले यूजर की पहचान का खुलासा किया जाए.

विकिपीडिया की ओर से वकील टाईन अब्राहम ने कहा है कि यूजर की किसी भी सूचना को संपादित करता है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा होने के बावजूद विकिपीडिया अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता है. हाईकोर्ट ने साफ किया कि आपको देश के कानून का पालन करना होगा.

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