गयाः चीन में इंटरनेशल बिजनेस स्टडी (International Business Study) की पढ़ाई करने गए गया के छात्र अमन नागसेन (Aman Nagsen) का शव (Dead Body) आज पटना एयरपोर्ट पहुंचा. वहां से अंतिम संस्कार के लिए शव को परैया प्रखंड के मंगरावां पंचायत स्थित पैतृक गांव कष्ठुआ ले जाया जाएगा. बता दें कि पिछले 14 दिनों से परिजन उसका शव आने का इंतजार कर रहे हैं.
अमन नागसेन का शव आज सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा. वहां से विमान से शव को पटना एयरपोर्ट लाया गया. जिलाधिकारी ने बताया कि शव को रिसिव करने के लिए शव वाहन के साथ पुलिस टीम को भेजा गया है.
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा, पटना से गया लाने के लिए गया से एक शव वाहन और पुलिस की टीम भेज दी गई है. साथ में मृतक के परिजन भी पटना पहुंचे हैं. चीन से शव लाने में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने हर संभव प्रयास किया है. राजकीय सम्मान के साथ शवदाह करने को लेकर मुझे कोई सूचना नहीं है, लेकिन मृतक के प्रति हमारी संवेदना है. सम्मान और सुरक्षित तरीके से अंतिम संस्कार किया जाएगा.
छात्र अमन नागसेन हत्याकांड की सूचना प्रशासन ने छात्र के परिजनों को 30 जुलाई को दी थी. इसके बाद से परिजन बीते 14 दिन से शव आने के इंतजार में अपने घर पर बैठे हुए हैं. अब आज उसका शव गांव पहुंचेगा, जिसके अंतिम संस्कार को लेकर तैयारी कर ली गई है.
ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से मोरहर नदी तट पर गांव से कुछ दूरी पर घाट बनाया है. उस घाट पर ईंट से पक्का चबूतरा का निर्माण किया जा रहा है. परिजनों ने अमन का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ करने की मांग की है.
बता दें कि अमन नागसेन पुलिस लाइन स्थित अंबेडकर नगर के रहने वाले बीजीपी नेता किशोर पासवान के बड़े भाई उदय पासवान का इकलौता बेटा था. मृतक के चाचा पंकज पासवान ने इंडियन एंबेसी को 30 जुलाई को मेल किया था. जिसके जवाब में एम्बेसी ने हत्या की जानकारी दी थी.
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एंबेसी ने बताया था कि अमन की हत्या की किसी नन चाइनिज ने की थी, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके बाद से अमन के परिजनों के साथ ही नेताओं और बौद्ध भिक्षुओं ने महाबोधि मंदिर के पास हाथ में कैंडिल और बैनर लेकर शव को स्वदेश वापस लाने की गुहार लगा रहे थे.
बता दें कि छात्र अमन नागसेन चीन के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में इंटरनेशनल बिजनेस स्टडी की पढ़ाई करने के लिए गया हुआ था. जहां 23 जुलाई को उसकी हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद मृतक छात्र के परिजनों को 30 जुलाई को इसकी सूचना दी गई थी. इसके बाद से ही परिजन अमन के शव को स्वदेश लाने की गुहार लगा रहे थे.