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छात्रों ने वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए अपनाया यह अनोखा तरीका

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Published : Jan 29, 2021, 1:34 PM IST

जैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को सद्गुरु सिद्धारोडा ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने क्लीन एयर टॉवर दान किया है. इससे वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. साथ ही इससे स्वास्थ्य को भी लाभ होगा.

पूर्व छात्रों ने वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए अपनाया यह अनोखा तरीका
पूर्व छात्रों ने वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए अपनाया यह अनोखा तरीका

हुबली : कर्नाटक के हुबली जिले के पूर्व छात्रों ने प्रदूषण को रोकने के लिए एक नया प्रयोग किया है. हुबली-धारवाड़ शहर में वायु प्रदूषण से तंग आकर उन्होंने एक नया तरीका अपनाया है.

दरअसल जैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को सद्गुरु सिद्धारोडा ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने क्लीन एयर टॉवर दान किया है. इससे वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. साथ ही इससे स्वास्थ्य को भी लाभ होगा.

इससे पहले इन पूर्व छात्रों ने स्कूल भवनों को पेंट किया और अब यह क्लीन एयर टॉवर दान किया है.

एयर प्यूरीफायर टॉवर का निर्माण अपशिष्ट सामग्री से किया गया था. यह दिल्ली को छोड़कर देश की दूसरी सबसे बड़ी इकाई है. यह राज्य की पहली एयर प्यूरीफायर यूनिट है, जिसे 85 हजार के खर्च के साथ बनाया गया है. इसमें लगभग 50 से 100 मीटर की दूरी तक हवा को साफ करने की क्षमता है.

सिद्धारोडा ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन और जैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों ने इस एयर प्यूरीफायर को बनाया है. यह हवा को शुद्ध करता है और स्वास्थ्य समस्याओं को रोकता है. यह प्रदूषित हवा को साफ हवा में बदलता है. यह लगभग 50 से 100 मीटर तक के दायरे में काम करता है.

हुबली : कर्नाटक के हुबली जिले के पूर्व छात्रों ने प्रदूषण को रोकने के लिए एक नया प्रयोग किया है. हुबली-धारवाड़ शहर में वायु प्रदूषण से तंग आकर उन्होंने एक नया तरीका अपनाया है.

दरअसल जैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को सद्गुरु सिद्धारोडा ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने क्लीन एयर टॉवर दान किया है. इससे वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. साथ ही इससे स्वास्थ्य को भी लाभ होगा.

इससे पहले इन पूर्व छात्रों ने स्कूल भवनों को पेंट किया और अब यह क्लीन एयर टॉवर दान किया है.

एयर प्यूरीफायर टॉवर का निर्माण अपशिष्ट सामग्री से किया गया था. यह दिल्ली को छोड़कर देश की दूसरी सबसे बड़ी इकाई है. यह राज्य की पहली एयर प्यूरीफायर यूनिट है, जिसे 85 हजार के खर्च के साथ बनाया गया है. इसमें लगभग 50 से 100 मीटर की दूरी तक हवा को साफ करने की क्षमता है.

सिद्धारोडा ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन और जैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्रों ने इस एयर प्यूरीफायर को बनाया है. यह हवा को शुद्ध करता है और स्वास्थ्य समस्याओं को रोकता है. यह प्रदूषित हवा को साफ हवा में बदलता है. यह लगभग 50 से 100 मीटर तक के दायरे में काम करता है.

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