प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कतर दोहा के न्यूज चैनल अल जजीरा द्वारा प्रस्तावित डाक्यूमेंट्री फिल्म' इंडिया...हू लिट दि फ्यूज' के प्रसारण पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार के आधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करें कि इस याचिका का निस्तारण होने तक फिल्म का प्रसारण न होने दिया जाए. साथ ही फिल्म के कंटेंट की भारत के कानूनों के तहत कड़ाई से जांच करने के बाद ही प्रसारण का सर्टिफिकेट दिया जाए. कोर्ट ने अल जजीरा चैनल को भी नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई 6 जुलाई को होगी.
सुधीर कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है. जनहित याचिका में कहा गया है कि कतर न्यूज चैनल अल जजीरा ने भारत के अल्पसंख्यकों को लेकर के एक फिल्म बनाई है. जिसमें झूठे मनगढ़ंत और विवादित तथ्य शामिल किए गए हैं. फिल्म की कहानी ऐसी है, जिससे भारत में सांप्रदायिक सौहार्द व भाईचारे का माहौल बिगड़ सकता है.
फिल्म में गलत तथ्यों के सहारे भारत के सामाजिक ताने-बाने को तितर-बितर करने की कोशिश की गई है. यदि इस फिल्म का प्रसारण किया जाता है तो भारत में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यकों के बीच वैमनस्यता बढ़ सकती है. याचिका में कहा गया है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जो कि धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत पर आधारित है. दुनिया के दूसरे कई देशों में इस फिल्म का जो प्रीमियर जारी किया गया है, उसके अनुसार फिल्म में जो चीजें दिखाई गई है उससे भारत के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को आघात पहुंच सकता है. फिल्म में भारत के राजनीतिक दलों की भी नकारात्मक छवि पेश की गई है. अल्प संख्यक समुदाय के झूठे एवं मनगढ़ंत उत्पीड़न की छवि प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है.
कोर्ट ने कहा कि अल जजीरा चैनल अपने विवादित प्रसारण के कारण कई देशों में बैन किया जा चुका है. भारत में भी इस पर पूर्व में एक बार प्रतिबंध लगाया जा चुका है. कोर्ट ने अल जजीरा की फिल्म इंडिया हू लिट फ्यूज के प्रसारण पर रोक लगाते हुए अल जजीरा चैनल को नोटिस सर्व करने का निर्देश दिया है.
इसे भी पढ़ें-इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी, कहा- समझौते के आधार पर खत्म हो सकता है दुष्कर्म का मुकदमा