अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में श्री वार्ष्णेय महाविद्यालय में भगवा या हिजाब पहनकर आने वालों की अब गेट पर चेकिंग होगी और फिर उन्हें परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड को लेकर नोटिस चिपका दिया गया है. एक दिन पहले भगवा को लेकर कॉलेज में फिर से विवाद जैसी स्थिति पैदा हो गई थी, जिसे लेकर कॉलेज प्रशासन ने विद्यार्थियों को ड्रेस कोड में आना अनिवार्य कर दिया है.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म हो गए हैं लेकिन स्कूल कॉलेजों में भगवा और हिजाब को लेकर विवाद सामने आ रहे हैं. अलीगढ़ के श्री वार्ष्णेय महाविद्यालय परिसर में चेहरा ढक कर आना वर्जित कर दिया गया है. इसके साथ ही भगवा भी पहनकर विद्यार्थी नहीं आ सकेंगे. महाविद्यालय के प्राचार्य की तरफ से नोटिस चिपकाया गया है जिसमें विद्यार्थियों के ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य किया गया है.
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ड्रेस कोड में छात्राओं के लिए सफेद सलवार, हल्के स्लेटी रंग का कुर्ता, सफेद दुपट्टा या फिर स्लेटी रंग की साड़ी, सफेद रंग का ब्लाउज निर्धारित किया गया है. बिना ड्रेस कोड के कॉलेज में प्रवेश वर्जित किया गया है. कॉलेज के गेट पर सख्ती बढ़ा दी गई है. छात्रों के लिए काली पैंट और हल्के बैंगनी रंग की शर्ट अनिवार्य कर दी गई है. साथ ही छात्रों को हल्के भूरे रंग का कोट या स्वेटर पहनकर आना होगा. कानून की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए काली पैंट और सफेद शर्ट के साथ काले रंग का कोट या स्वेटर अनिवार्य किया गया है.
कॉलेज की प्रॉक्टर रोली अग्रवाल ने बताया कि नोटिस विद्यार्थियों के लिए रिमाइंडर है. उन्होंने बताया कि स्कूल के प्रॉस्पेक्टस में यही ड्रेस मेंशन की गई है. उन्होंने बताया कि विद्यार्थी प्रॉस्पेक्टस नहीं पढ़ते हैं इसलिए वह कुछ भी पहन कर कॉलेज आ जाते हैं. उन्होंने बताया कि नोटिस इसीलिए चिपकाया गया है ताकि छात्र-छात्राएं ड्रेस कोड में ही कॉलेज में एंट्री कर सकें.
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कॉलेज की छात्राओं कल्पना कुमारी व निधि वार्ष्णेय ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कॉलेज में छात्र-छात्राओं को ड्रेस कोड में ही आना चाहिए जिससे कि पहचान हो सके. इस मामले पर कॉलेज की अनुशासन अधिकारी डॉ. वीना उपाध्याय ने बताया कि कॉलेज प्रॉस्पेक्टस को बच्चे देखते नहीं हैं और फॉलो नहीं करते हैं. इस वजह से रिमाइंडर नोटिस चस्पा किया गया है.