ETV Bharat / bharat

INDIA Rally In Bhopal : भोपाल में इंडिया की रैली से पहले छह माह में 40 से अधिक भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल, पार्टी उत्साहित - PM Narendra Modi

विपक्षी गठबंधन इंडिया की भोपाल में होने वाली रैली से पहले बीते छह महीने में 40 से अधिक भाजपा नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. फलस्वरूप पार्टी आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर काफी उत्साहित है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

Congress
कांग्रेस
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 16, 2023, 3:44 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने भोपाल में विपक्षी गठबंधन इंडिया की संयुक्त रैली से पहले दावा किया कि वह मध्य प्रदेश में वापसी की राह पर है. पार्टी इसे एक संकेत के रूप में देख रही है क्योंकि पिछले छह महीनों में 40 से अधिक वरिष्ठ भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए इस साल के अंत में चुनाव होंगे. इस संबंध में मध्य प्रदेश के प्रभारी और एआईसीसी सचिव सीपी मित्तल (AICC secretary in charge of MP CP Mittal) ने कहा कि भोपाल में संयुक्त विपक्ष रैली मध्य प्रदेश के मतदाताओं को एक मजबूत संदेश देगी. उन्होंने कहा कि इससे निश्चित रूप से कांग्रेस को मदद मिलेगी, जो मजबूत स्थिति में है.

मित्तल ने कहा कि भाजपा राज्य में अराजकता है जिसे अपनी हार का एहसास हो गया है. इसी वजह से भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल होने के लिए दौड़ रहे हैं. पिछले छह महीनों में 40 से अधिक भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और कई अन्य आने वाले हैं. उन्होंने कहा कि जल्द आप देखेंगे कि कुछ मौजूदा विधायक भी हमारे साथ शामिल हो रहे हैं.

बता दें कि हाल ही में भाजपा छोड़ने वाले 40 नेताओं में कई पूर्व विधायक और मंत्री भी शामिल हैं. इनमें भाजपा के दो पूर्व मंत्री के अलावा पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी और राधेलाल बघेल मई में कांग्रेस में शामिल हुए थे. बाद में, ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी बैजनाथ सिंह यादव कांग्रेस में शामिल हो गए. वहीं हाल ही में नर्मदापुरम से पूर्व विधायक गिरिजा शंकर शर्मा भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं. एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि इसी तरह की प्रवृत्ति हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में देखी गई थी, जहां भाजपा नेताओं को भगवा पार्टी की हार का एहसास हो गया था और विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

कांग्रेस नेता ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पिछले 18 वर्षों में कुछ नहीं किया है और मतदाता उनसे परेशान हैं. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को इसकी भनक लग गई है और इसीलिए पीएम मोदी को पिछले कुछ महीनों में दो बार सागर जिले का दौरा करना पड़ा है. इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं. वे डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है.

अक्टूबर के पहले सप्ताह में संभावित रूप से भोपाल संयुक्त विपक्ष रैली से होने वाले लाभों को सूचीबद्ध करने के अलावा, कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि चुनावी राज्य में गठबंधन सहयोगियों कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच लेने और देने की भावना भी दिखाई दे रही है.

सूत्रों के मुताबिक, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 2018 में पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रचार किया था और उनकी पार्टी ने एकमात्र बिजावर विधानसभा सीट जीती थी और छह सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी. इसलिए सपा अब क्षेत्र की सात सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह रही है. हालांकि इंडिया ब्लॉक के भीतर सीटों का बंटवारा ज्यादातर 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए है. कांग्रेस, सपा की मांग पर विचार कर रही है और कुछ सीटों पर सहयोगी को समायोजित कर सकती है.

हालांकि इंडिया ब्लॉक के भीतर सीटों का बंटवारा ज्यादातर 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए है. कांग्रेस, सपा की मांग पर विचार कर रही है और कुछ सीटों पर सहयोगी को समायोजित कर सकती है. मित्तल ने कहा कि ऐसे कई तरीके हैं जिनसे इस मुद्दे को संबोधित किया जा सकता है. सपा कुछ सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, या वह हमारे चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ सकती है या ऐसी व्यवस्था हो सकती है कि सपा मध्य प्रदेश में हमारे उम्मीदवारों का समर्थन करती है और हम किसी अन्य राज्य में उनके उम्मीदवारों का समर्थन करते हैं. राजनीति में सभी विकल्प हमेशा खुले रहते हैं लेकिन अंतिम फैसला हाईकमान करेगा.

ये भी पढ़ें- 2024 Lok Sabha Elections: यूपी में बसपा के वोटों को लुभाने खड़गे को मैदान में उतार सकती है कांग्रेस

नई दिल्ली : कांग्रेस ने भोपाल में विपक्षी गठबंधन इंडिया की संयुक्त रैली से पहले दावा किया कि वह मध्य प्रदेश में वापसी की राह पर है. पार्टी इसे एक संकेत के रूप में देख रही है क्योंकि पिछले छह महीनों में 40 से अधिक वरिष्ठ भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए इस साल के अंत में चुनाव होंगे. इस संबंध में मध्य प्रदेश के प्रभारी और एआईसीसी सचिव सीपी मित्तल (AICC secretary in charge of MP CP Mittal) ने कहा कि भोपाल में संयुक्त विपक्ष रैली मध्य प्रदेश के मतदाताओं को एक मजबूत संदेश देगी. उन्होंने कहा कि इससे निश्चित रूप से कांग्रेस को मदद मिलेगी, जो मजबूत स्थिति में है.

मित्तल ने कहा कि भाजपा राज्य में अराजकता है जिसे अपनी हार का एहसास हो गया है. इसी वजह से भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल होने के लिए दौड़ रहे हैं. पिछले छह महीनों में 40 से अधिक भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और कई अन्य आने वाले हैं. उन्होंने कहा कि जल्द आप देखेंगे कि कुछ मौजूदा विधायक भी हमारे साथ शामिल हो रहे हैं.

बता दें कि हाल ही में भाजपा छोड़ने वाले 40 नेताओं में कई पूर्व विधायक और मंत्री भी शामिल हैं. इनमें भाजपा के दो पूर्व मंत्री के अलावा पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी और राधेलाल बघेल मई में कांग्रेस में शामिल हुए थे. बाद में, ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी बैजनाथ सिंह यादव कांग्रेस में शामिल हो गए. वहीं हाल ही में नर्मदापुरम से पूर्व विधायक गिरिजा शंकर शर्मा भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं. एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि इसी तरह की प्रवृत्ति हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में देखी गई थी, जहां भाजपा नेताओं को भगवा पार्टी की हार का एहसास हो गया था और विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

कांग्रेस नेता ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पिछले 18 वर्षों में कुछ नहीं किया है और मतदाता उनसे परेशान हैं. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को इसकी भनक लग गई है और इसीलिए पीएम मोदी को पिछले कुछ महीनों में दो बार सागर जिले का दौरा करना पड़ा है. इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं. वे डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है.

अक्टूबर के पहले सप्ताह में संभावित रूप से भोपाल संयुक्त विपक्ष रैली से होने वाले लाभों को सूचीबद्ध करने के अलावा, कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि चुनावी राज्य में गठबंधन सहयोगियों कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच लेने और देने की भावना भी दिखाई दे रही है.

सूत्रों के मुताबिक, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 2018 में पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रचार किया था और उनकी पार्टी ने एकमात्र बिजावर विधानसभा सीट जीती थी और छह सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी. इसलिए सपा अब क्षेत्र की सात सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह रही है. हालांकि इंडिया ब्लॉक के भीतर सीटों का बंटवारा ज्यादातर 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए है. कांग्रेस, सपा की मांग पर विचार कर रही है और कुछ सीटों पर सहयोगी को समायोजित कर सकती है.

हालांकि इंडिया ब्लॉक के भीतर सीटों का बंटवारा ज्यादातर 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए है. कांग्रेस, सपा की मांग पर विचार कर रही है और कुछ सीटों पर सहयोगी को समायोजित कर सकती है. मित्तल ने कहा कि ऐसे कई तरीके हैं जिनसे इस मुद्दे को संबोधित किया जा सकता है. सपा कुछ सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, या वह हमारे चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ सकती है या ऐसी व्यवस्था हो सकती है कि सपा मध्य प्रदेश में हमारे उम्मीदवारों का समर्थन करती है और हम किसी अन्य राज्य में उनके उम्मीदवारों का समर्थन करते हैं. राजनीति में सभी विकल्प हमेशा खुले रहते हैं लेकिन अंतिम फैसला हाईकमान करेगा.

ये भी पढ़ें- 2024 Lok Sabha Elections: यूपी में बसपा के वोटों को लुभाने खड़गे को मैदान में उतार सकती है कांग्रेस

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.