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क्या एमएसपी गारंटी के लिए कानून बनाएगी केंद्र सरकार, कृषि मंत्री ने संसद में दिया जवाब

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्य सभा में कहा है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के संबंध में एक समिति बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया खत्म होने के बाद समिति गठित करने को कहा है.

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Published : Feb 4, 2022, 11:39 AM IST

Updated : Feb 4, 2022, 6:31 PM IST

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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश से निर्वाचित टीडीपी सांसद कनकमेदला रवींद्र कुमार ने किसानों की आत्महत्या और एमएसपी बढ़ाने से जुड़े सवाल पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि सरकार किसानों को उनकी पैदावार की उचित कीमत मिले, इसके लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. उन्होंने एमएसपी गारंटी के लिए कानूनी प्रावधान के प्रश्न पर कहा कि लागत पर 50 फीसद मुनाफा जोड़कर एमएसपी घोषित करने का फैसला सरकार ने वर्ष 2018-19 में लिया. इससे देशभर के किसानों को लाभ मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि किसान को फायदा पहुंचाने के लिए उसकी चौतरफा मदद जरूरी है. तोमर ने कहा कि एफपीओ, पीएम किसान योजना, एक लाख करोड़ रुपये के प्रावधान इसलिए किए गए हैं, ताकि किसान को जरूरत के हिसाब से गांवों में ही इन्फ्रास्ट्रक्चर मिले. उन्होंने कहा कि किसान की समृद्धि के लिए सरकार चौतरफा प्रयास कर रही है.

पांच राज्यों के चुनाव खत्म होने पर एमएसपी पर कमेटी
मंत्री ने कहा कि एमएसपी पर फैसला करने के लिए समिति बनाने का मामला मंत्रालय के विचाराधीन है और चुनाव खत्म होने के बाद इसका गठन किया जाएगा. पूरा देश जानता है कि प्रधान मंत्री ने फसल विविधीकरण, ऑर्गेनिक खेती और एमएसपी को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की है. सरकार पीएम द्वारा की गई घोषणा के लिए प्रतिबद्ध है. मामला मंत्रालय के पास विचाराधीन है.

कृषि मंत्री ने संसद में दिए सवालों के जवाब

इन राज्यों में हो रहे हैं चुनाव
तोमर ने कहा कि चूंकि चुनाव चल रहे हैं, इसलिए सरकार ने चुनाव आयोग को मार्गदर्शन के लिए लिखा है. चुनाव आयोग का जवाब आ गया है. आयोग ने कहा है कि चुनाव समाप्त होने के बाद समिति का गठन किया जाना चाहिए. वर्तमान में पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा और पंजाब में चुनाव जारी है.

पिछले सात वर्षों में सरकार की एमएसपी खरीद में वृद्धि का जिक्र करते हुए तोमर ने कहा कि एमएसपी को पहले के समय से दोगुना कर दिया गया है. वर्तमान बजट में भी लगभग 2.37 लाख करोड़ रुपये की खरीद के लिए प्रावधान किए गए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलना चाहिए और सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि खरीद बढ़ाने के अलावा, सरकार पीएम-किसान सहित कई योजनाओं को भी लागू कर रही है.

तोमर ने यह भी बताया कि एमएसपी एक प्रशासनिक निर्णय है और इसे देश भर में कई वर्षों से लागू किया जा रहा है. तोमर ने कहा कि 2018 से पहले एमएसपी को परिभाषित करने और खेती को लाभदायक बनाने के लिए कोई तंत्र नहीं था. उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत से 50 फीसदी अधिक एमएसपी तय करना स्वामीनाथन समिति की 14 सिफारिशों में से एक थी, जिसे तत्कालीन अंतर-मंत्रालयी समिति ने खारिज कर दिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने 2018-19 में उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया और किसानों के हित में उच्च एमएसपी शुरू किया.

तोमर के अलावा प्रश्नकाल के दौरान ही कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने अन्य पूरक सवालों के जवाब में कहा कि 2004 में गठित स्वामीनाथन समिति ने 2006 में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. इसके बाद 2007 में एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया था और समिति ने आयोग की 215 में से 201 सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था. उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक एमएसपी तय करने की सिफारिश की थी, लेकिन तब अंतर-मंत्रालयी समिति ने इसे स्वीकार नहीं किया था. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया और एमएसपी उत्पादन लागत से 50 फीसदी अधिक है.

बजट सत्र से जुड़ी अन्य खबरें-

चौधरी ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने भी मंत्रालय का नाम कृषि कल्याण मंत्रालय करने की सिफारिश की थी, लेकिन अंतर-मंत्रालय समिति ने उसे खारिज कर दिया था. हालांकि, मोदी सरकार ने मंत्रालय का नाम बदलकर 'कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय' कर दिया.

(इनपुट-पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश से निर्वाचित टीडीपी सांसद कनकमेदला रवींद्र कुमार ने किसानों की आत्महत्या और एमएसपी बढ़ाने से जुड़े सवाल पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि सरकार किसानों को उनकी पैदावार की उचित कीमत मिले, इसके लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. उन्होंने एमएसपी गारंटी के लिए कानूनी प्रावधान के प्रश्न पर कहा कि लागत पर 50 फीसद मुनाफा जोड़कर एमएसपी घोषित करने का फैसला सरकार ने वर्ष 2018-19 में लिया. इससे देशभर के किसानों को लाभ मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि किसान को फायदा पहुंचाने के लिए उसकी चौतरफा मदद जरूरी है. तोमर ने कहा कि एफपीओ, पीएम किसान योजना, एक लाख करोड़ रुपये के प्रावधान इसलिए किए गए हैं, ताकि किसान को जरूरत के हिसाब से गांवों में ही इन्फ्रास्ट्रक्चर मिले. उन्होंने कहा कि किसान की समृद्धि के लिए सरकार चौतरफा प्रयास कर रही है.

पांच राज्यों के चुनाव खत्म होने पर एमएसपी पर कमेटी
मंत्री ने कहा कि एमएसपी पर फैसला करने के लिए समिति बनाने का मामला मंत्रालय के विचाराधीन है और चुनाव खत्म होने के बाद इसका गठन किया जाएगा. पूरा देश जानता है कि प्रधान मंत्री ने फसल विविधीकरण, ऑर्गेनिक खेती और एमएसपी को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की है. सरकार पीएम द्वारा की गई घोषणा के लिए प्रतिबद्ध है. मामला मंत्रालय के पास विचाराधीन है.

कृषि मंत्री ने संसद में दिए सवालों के जवाब

इन राज्यों में हो रहे हैं चुनाव
तोमर ने कहा कि चूंकि चुनाव चल रहे हैं, इसलिए सरकार ने चुनाव आयोग को मार्गदर्शन के लिए लिखा है. चुनाव आयोग का जवाब आ गया है. आयोग ने कहा है कि चुनाव समाप्त होने के बाद समिति का गठन किया जाना चाहिए. वर्तमान में पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, गोवा और पंजाब में चुनाव जारी है.

पिछले सात वर्षों में सरकार की एमएसपी खरीद में वृद्धि का जिक्र करते हुए तोमर ने कहा कि एमएसपी को पहले के समय से दोगुना कर दिया गया है. वर्तमान बजट में भी लगभग 2.37 लाख करोड़ रुपये की खरीद के लिए प्रावधान किए गए हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलना चाहिए और सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि खरीद बढ़ाने के अलावा, सरकार पीएम-किसान सहित कई योजनाओं को भी लागू कर रही है.

तोमर ने यह भी बताया कि एमएसपी एक प्रशासनिक निर्णय है और इसे देश भर में कई वर्षों से लागू किया जा रहा है. तोमर ने कहा कि 2018 से पहले एमएसपी को परिभाषित करने और खेती को लाभदायक बनाने के लिए कोई तंत्र नहीं था. उन्होंने कहा कि उत्पादन लागत से 50 फीसदी अधिक एमएसपी तय करना स्वामीनाथन समिति की 14 सिफारिशों में से एक थी, जिसे तत्कालीन अंतर-मंत्रालयी समिति ने खारिज कर दिया था. प्रधानमंत्री मोदी ने 2018-19 में उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया और किसानों के हित में उच्च एमएसपी शुरू किया.

तोमर के अलावा प्रश्नकाल के दौरान ही कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने अन्य पूरक सवालों के जवाब में कहा कि 2004 में गठित स्वामीनाथन समिति ने 2006 में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी. इसके बाद 2007 में एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया था और समिति ने आयोग की 215 में से 201 सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था. उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक एमएसपी तय करने की सिफारिश की थी, लेकिन तब अंतर-मंत्रालयी समिति ने इसे स्वीकार नहीं किया था. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया और एमएसपी उत्पादन लागत से 50 फीसदी अधिक है.

बजट सत्र से जुड़ी अन्य खबरें-

चौधरी ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने भी मंत्रालय का नाम कृषि कल्याण मंत्रालय करने की सिफारिश की थी, लेकिन अंतर-मंत्रालय समिति ने उसे खारिज कर दिया था. हालांकि, मोदी सरकार ने मंत्रालय का नाम बदलकर 'कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय' कर दिया.

(इनपुट-पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Feb 4, 2022, 6:31 PM IST
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