आगरा: ताजनगरी की आबोहवा पर प्रदूषण का ग्रहण लग गया है. यही वजह है कि यहां की एयर क्वालिटी खराब स्थिति में पहुंच गई है. मंगलवार को जारी शिकागो विवि की ओर से रिपोर्ट के मुताबिक, देश के सबसे प्रदूषित शहरों में आगरा पांचवे पायदान पर है. रिपोर्ट के मुताबिक, आगरा की आबोहवा अब सांस लेने लायक नहीं है.
दरअसल, अमेरिकी शोध समूह के शिकागो विश्वविद्यालय (ईपीआईसी) में ऊर्जा नीति संस्थान ने मंगलवार को एयर क्वॉलिटी लाइफ इंडेक्स जारी किया. जारी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वायु प्रदूषण की वजह से उत्तर भारत में रह रहे करीब 51 करोड़ लोगों का जीवन औसतन 7.6 साल कम हो रहा है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि, औसत भारतीयों की जीवन प्रत्याशा 5 साल कम हो गई है. अब टॉप फाइव प्रदूषित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो दिल्ली, यूपी, बिहार, हरियाणा और त्रिपुरा हैं.
पांचवा प्रदूषित शहर है आगरा
अमेरिकी शोध समूह के शिकागो विश्वविद्यालय (ईपीआईसी) में ऊर्जा नीति संस्थान की जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के टॉप फाइव प्रदूषित शहरों की बात करें तो सबसे पहले पायदान पर देश की राजधानी दिल्ली-एनसीआर, गोपालगंज, जौनपुर, सीवान और आगरा हैं. आगरा की बात करें तो यहां पर प्रमुख 5 स्थान शास्त्रीपुरम, दयालबाग, आवास विकास कालोनी, संजय प्लेस और शाहजहां गार्डन पर वायु प्रदूषण की नियमित मॉनिटरिंग होती है.
पर्यावरणविद व पक्षी विशेषज्ञ डॉ. केपी सिंह बताते हैं कि, आगरा की एयर क्वालिटी इंडेक्स अक्टूबर माह के खतरनाक स्थिति में पहुंचने लगती है. देश के टॉप फाइव प्रदूषित शहरों में आगरा शामिल रहता है. आगरा में वायु प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह लगातार हो रहे निर्माण कार्य है. जहां पर धूल नियंत्रण के नियमों का पालन नहीं किया जाता है. इसके साथ ही लगातार सड़कों पर बढ़ रही वाहनों की संख्या है. आगरा की खराब एयर क्वॉलिटी की वजह जगह-जगह कूड़े के ढेर में आग लगाना भी है.
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