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यूपी व असम के बाद त्रिपुरा के बीजेपी विधायक करेंगे जनसंख्या नियंत्रण की मांग

उत्तर प्रदेश और असम राज्य विधानसभाओं में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पर गरमागरम बहस और गाय संरक्षण के लिए अधिनियम पर चर्चाएं हुईं. अब त्रिपुरा के फातिक्रोय विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक सुधांशु दास निजी सदस्य के माध्यम से त्रिपुरा विधानसभा के मानसून सत्र में यह मुद्दे उठाएंगे.

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Published : Jul 23, 2021, 8:16 AM IST

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अगरतला : भारतीय जनता पार्टी के एक युवा चेहरे सुधांशु दास ने देश की बढ़ती जनसंख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. कहा कि जनसंख्या संकट से निपटने के लिए कानून होने चाहिए. पशु संरक्षण पर उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के रणनीतिक स्थान के कारण मवेशी तस्करी बड़े खतरे के रूप में उभरा है. यह वाम शासन के दौरान बेरोकटोक चलाता रहा. यहां तक ​​कि खुले में गोहत्या को रोकने के लिए कोई प्रावधान नहीं हैं जो राज्य की बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं के खिलाफ है.

विधायक ने कहा कि मैं दृढ़ता से महसूस करता हूं कि हमें बहुसंख्यक लोगों की भावनाओं के लिए खड़ा होना चाहिए और ऐसी प्रथाओं को रोकने के लिए कानून बनाना चाहिए. उनाकोटी जिले के तहत अपने गृह क्षेत्र से फोन पर बात करते हुए दास ने कहा कि जनसंख्या संकट भारत सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.

विशेष रूप से कोविड-19 जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के समय में हम देख रहे हैं कि कैसे सरकार को योग्य आबादी का टीकाकरण करने में कई बाधाओं का सामना कर रही है. दूसरी ओर कम आबादी वाले देशों ने अपनी अधिकतम आबादी का टीकाकरण पहले ही कर लिया है.

तमाम बाधाओं के बावजूद कोविड प्रबंधन में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का प्रदर्शन बेहद प्रभावशाली है. यही कारण है कि अब राज्यों पर केंद्रीय योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून लाने की जिम्मेदारी है.

निश्चित रूप से जो लोग निर्धारित परिवार नियोजन विधियों का अभ्यास कर रहे हैं उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जैसा कि प्रस्तावित विधेयकों में है. गोरक्षा की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में गाय को मां के रूप में पूजा जाता है. गांवों में गाय परिवार की तरह होती है.

यह भी पढ़ें-महाराष्ट्र: रायगड में नदियां उफनाईं, बच्ची समेत तीन डूबे, ट्रेनें प्रभावित होने से 6 हजार यात्री फंसे

अब अगर खुले में गायों का वध किया जाता है तो यह बहुसंख्यक लोगों की भावनाओं के खिलाफ है. हमें बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए जो हमें सत्ता के लिए चुनती हैं. उन्होंने कहा कि मैं अगले विधानसभा सत्र में दोनों मुद्दों पर एक निजी सदस्य प्रस्ताव या ध्यानाकर्षण नोटिस पेश करूंगा और मुझे सदन में अपने सहयोगियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है.

अगरतला : भारतीय जनता पार्टी के एक युवा चेहरे सुधांशु दास ने देश की बढ़ती जनसंख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. कहा कि जनसंख्या संकट से निपटने के लिए कानून होने चाहिए. पशु संरक्षण पर उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के रणनीतिक स्थान के कारण मवेशी तस्करी बड़े खतरे के रूप में उभरा है. यह वाम शासन के दौरान बेरोकटोक चलाता रहा. यहां तक ​​कि खुले में गोहत्या को रोकने के लिए कोई प्रावधान नहीं हैं जो राज्य की बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं के खिलाफ है.

विधायक ने कहा कि मैं दृढ़ता से महसूस करता हूं कि हमें बहुसंख्यक लोगों की भावनाओं के लिए खड़ा होना चाहिए और ऐसी प्रथाओं को रोकने के लिए कानून बनाना चाहिए. उनाकोटी जिले के तहत अपने गृह क्षेत्र से फोन पर बात करते हुए दास ने कहा कि जनसंख्या संकट भारत सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.

विशेष रूप से कोविड-19 जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के समय में हम देख रहे हैं कि कैसे सरकार को योग्य आबादी का टीकाकरण करने में कई बाधाओं का सामना कर रही है. दूसरी ओर कम आबादी वाले देशों ने अपनी अधिकतम आबादी का टीकाकरण पहले ही कर लिया है.

तमाम बाधाओं के बावजूद कोविड प्रबंधन में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का प्रदर्शन बेहद प्रभावशाली है. यही कारण है कि अब राज्यों पर केंद्रीय योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून लाने की जिम्मेदारी है.

निश्चित रूप से जो लोग निर्धारित परिवार नियोजन विधियों का अभ्यास कर रहे हैं उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए जैसा कि प्रस्तावित विधेयकों में है. गोरक्षा की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में गाय को मां के रूप में पूजा जाता है. गांवों में गाय परिवार की तरह होती है.

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अब अगर खुले में गायों का वध किया जाता है तो यह बहुसंख्यक लोगों की भावनाओं के खिलाफ है. हमें बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए जो हमें सत्ता के लिए चुनती हैं. उन्होंने कहा कि मैं अगले विधानसभा सत्र में दोनों मुद्दों पर एक निजी सदस्य प्रस्ताव या ध्यानाकर्षण नोटिस पेश करूंगा और मुझे सदन में अपने सहयोगियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है.

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