लखनऊ : देश की ब्यूरोक्रेसी में पहचान रखने वाले अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल करीब 25 साल की सर्विस के बाद सोमवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. यूपी की अफसरशाही में नवनीत सहगल की कार्यशैली एक आक्रामक और बोल्ड अफसर के तौर पर पहचानी जाती रही है. लगातार सरकार उनको महत्वपूर्ण भूमिका में रखते हुए अति महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा कराती रही है. यही नहीं उत्तर प्रदेश के अलग-अलग खेल संघों में नवनीत सहगल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. सेवानिवृत्ति के बाद भी खेल प्रशासक के तौर पर सहगल अपना परचम बुलंद करते रहेंगे. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से शुरू हुई उनकी आईएएस पद की यात्रा आज अपर मुख्य सचिव खेल के महत्वपूर्ण पद पर जाकर समाप्त हो रही है.
नवनीत सहगल की सबसे महत्वपूर्ण पहली पोस्टिंग उपाध्यक्ष हरिद्वार विकास प्राधिकरण की थी. कुछ समय बाद उनकी प्रतिभा का लोहा शासन मान चुका था. बहुत युवावस्था में ही वे संयुक्त सचिव गृह विभाग तक बना दिया गए. उत्तर प्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी और प्रधानमंत्री लखनऊ के सांसद अटल बिहारी वाजपेई थे तब वे लखनऊ के जिलाधिकारी जैसी महत्वपूर्ण भूमिका में थे.
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की महत्वपूर्ण स्कीमों को अमलीजामा पहनाने के लिए उनको निदेशक सूडा का पद भी दिया गया था. अलग-अलग सरकारों के समय में नवनीत सहगल 12 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के सचिव भी रहे. धर्मार्थ सेवा विभाग और खादी ग्राम उद्योग जैसे विभागों में भी अपेक्षाकृत महत्वहीन भूमिका होने पर भी उन्होंने शानदार काम किया. प्रमुख सचिव सूचना के पद पर रहते हुए हुए पत्रकारों के प्रिय मित्र बनें. यही नहीं अखिलेश यादव की सरकार में आगरा एक्सप्रेस वे के निर्माण में नवनीत सहगल की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती रही. खादी ग्राम उद्योग में उन्होंने खादी को उत्तर प्रदेश में पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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