देहरादून (उत्तराखंड): देवभूमि उत्तराखंड की शांत वादियां हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है. एक बार यहां आने के बाद इस धरती पर शायद किसी का लौटने का मन करे. चारों दिशाओं में आध्यात्मिक चेतना और खूबसूरत वादियां इस राज्य की पहचान हैं. लेकिन बीते कुछ सालों से उत्तराखंड में अपराध को लेकर भी खूब चर्चा होने लगी है. आए दिन हो रही आपराधिक घटनाओं ने इस राज्य को दूसरे राज्यों की तरह ही चर्चाओं में ला रख दिया है. अब सूचना के अधिकार से जो खुलासा हुआ है, उसने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड जैसे छोटे से राज्य में महिलाओं पर किस तरह से अत्याचार हो रहे हैं. बलात्कार लूट हत्या जैसी घटनाएं आए दिन बढ़ती ही जा रही हैं.
उत्तराखंड में आई अपराध की बाढ़: अब तक दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में बलात्कार जैसी घटनाओं को लेकर हमेशा से चर्चाएं होती रही हैX. लेकिन उत्तराखंड जहां जनसंख्या का हिसाब देखें या फिर भौगोलिक संरचना, सरकारी आंकड़ों ने उत्तराखंड की वह हकीकत सामने लाकर रख दी है. ये आंकड़े बेहद चिंता का विषय हैं.
2022 में उत्तराखंड में 872 बलात्कार के मामले: एडवोकेट नदीमउद्दीन द्वारा अपराध को लेकर पुलिस मुख्यालय से मांगी सूचना में यह खुलासा हुआ है कि उत्तराखंड में साल 2022 में 872 बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं. ऐसा नहीं है कि उत्तराखंड राज्य में सिर्फ बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के मामले ही बढ़े हैं. हत्या लूट डकैती सहित अन्य मामलों में भी इजाफा हुआ है.
सूचना के अधिकार में हुआ खुलासा: दरअसल उत्तराखंड के कुमाऊं से ताल्लुक रखने वाले नदीम ने पुलिस से जानकारी मांगी थी कि साल 2022 में कितने गंभीर अपराध उत्तराखंड में घटित हुए हैं. जिसके एवज में अपर पुलिस अधीक्षक शाहजहां जावेद खान ने अपने पत्रांक संख्या 648 में साल 2022 के आंकड़े नदीम को उपलब्ध कराएं हैं.
2022 में उत्तराखंड में हुए 1321 गंभीर अपराध: इसमें कहा गया है कि साल 2022 में लगभग 1321 गंभीर अपराध हुए हैं. इसमें से 872 मामले अकेले बलात्कार के ही हैं. इतना ही नहीं 170 लूट के मामले राज्य में दर्ज हुए हैं, जबकि 187 हत्याएं हुई हैं. वहीं 3 लोगों से फिरौती और अपहरण सहित 70 दहेज के मामले दर्ज हुए हैं. हैरानी की बात यह है कि कदम कदम पर जिस राज्य में पुलिस का पहरा और सुरक्षा की अलग व्यवस्था दिखती है, उस राज्य में लगभग 19 डकैती की घटनाएं भी सामने आई हैं. सरकारी आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि हमारे राज्य में किस तरह से अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. नदीमउद्दीन लगातार इस तरह की जानकारी मांग कर लोगों को सचेत करते रहते हैं.
उधमसिंह नगर में रेप के 247 केस: जिलेवार मांगी गई जानकारी में पुलिस मुख्यालय ने बताया है कि उधमसिंह नगर में बलात्कार की 247, हरिद्वार में 229 और देहरादून 184 घटनाएं हुई है. सबसे कम अगर बलात्कार या छेड़छाड़ की घटनाएं कहीं घटित हुई हैं तो वह उत्तराखंड का पर्वतीय क्षेत्र रुद्रप्रयाग जिला है. यहां सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया है. वहीं नैनीताल में 103 मामले दर्ज हुए हैं. अल्मोड़ा में 16 मामले दर्ज किए गए हैं.
अगर बात पिथौरागढ़ की करें तो वहां पर भी 17 मामले दर्ज किए गए हैं चंपावत में 7 मामले दर्ज है तो वहीं बागेश्वर में 10 मामले दर्ज हुए हैं. टिहरी गढ़वाल में 15, उत्तरकाशी में 13 मामले दर्ज हुए हैं. चमोली में 9 और पौड़ी गढ़वाल में 20 बलात्कार के मामले दर्ज हुए हैं. रेलवे पुलिस ने एक बलात्कार का मामला दर्ज किया है.
उधमसिंह नगर में एक साल में हुई 49 हत्याएं: अगर बात हत्या की करें तो सबसे अधिक हत्याएं उधम सिंह नगर जिले में हुई हैं. साल 2022 में 49 हत्याएं उधम सिंह नगर में हुई हैं. वहीं देहरादून में 34, हरिद्वार में 39, चमोली में एक, नैनीताल में 22, अल्मोड़ा में दो, पिथौरागढ़ में चार, बागेश्वर में पांच, चंपावत में चार, उत्तरकाशी में छह, टिहरी गढ़वाल में 3, रुद्रप्रयाग में चार और पौड़ी गढ़वाल में 14 हत्या के मामले पुलिस के संज्ञान में आए हैं.
डकैतों को नहीं है डर: कहते हैं किसी भी जिले के लिए सबसे जघन्य अपराध हत्या, बलात्कार के साथ-साथ डकैती का होता है. डकैती का मतलब यह है कि लुटेरे और डकैतों को यानी अपराधियों को किसी का डर नहीं रहता. तब जाकर डकैती की घटनाएं होती हैं. यह घटनाएं साल 2022 में उत्तराखंड में 19 घटित हुई हैं. इसमें सबसे अधिक 8 घटनाएं हरिद्वार में, 5 उधम सिंह नगर में 4 देहरादून में और एक-एक नैनीताल और अल्मोड़ा में घटित हुई हैं. उत्तराखंड में लूट के 170 मामले दर्ज हुए हैं. इसमें 62 देहरादून में, 40 उधम सिंह नगर में, 37 हरिद्वार में, 19 नैनीताल में तीन अल्मोड़ा और तीन पिथौरागढ़ के साथ-साथ बागेश्वर चमोली में एक-एक मामला दर्ज हुआ है. दहेज हत्या के 70 मामले उत्तराखंड में दर्ज हुए हैं.
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बेहद जरूरी है अपराध रोकना: वैसे तो किसी भी राज्य में किसी भी तरह का अपराध सही नहीं है. लेकिन उत्तराखंड जैसे छोटे से राज्य में जहां की शिक्षा दर और राज्यों के मुकाबले अच्छी है, सुरक्षा व्यवस्था बेहतर है, उसके बावजूद भी बलात्कार जैसी घटनाएं डरावने आंकड़े दे रही हैं. जरूरत है तो प्रदेश में इन अपराधों को रोकने की.