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कर्नाटक के चामराजनगर जिले में बच्चों में दुर्लभ बीमारी, कलेक्टर ने गांवों का दौरा किया - Autoimmune disease in children

कर्नाटक के चामराजनगर जिले में कुछ बच्चों में एक दुर्लभ बीमारी पाई गई है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक के जिला कलेक्टर ने गांवों का दौरा किया.

A rare disease in children of Chamarajanagar Karnataka District Collector Visits villages
कर्नाटक के चामराजनगर जिले में बच्चों में दुर्लभ बीमारी, कलेक्टर ने गांवों का दौरा किया
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Published : Jul 30, 2023, 12:50 PM IST

चामराजनगर: कर्नाटक के चामराजनगर जिले के हनूर तालुक के बच्चों में एक दुर्लभ बीमारी फिर से सामने आई है. यह चिकित्सा जगत के लिए एक चुनौती बन गई है. प्रभावित बच्चों के माता-पिता में चिंतित हैं. डॉक्टरों ने बताया कि यह ऑटोइम्यून (Autoimmune) बीमारी है जो 2015 में इसी हिस्से में सामने आई थी. जिस रोग में हाथ पैर और चेहरे पर काले और सफेद दाग पड़ जाते हैं. यह पपड़ीदार त्वचा रोग के समान होता है.

ऐसा कहा जाता है कि अगर यह एक बार बच्चों से फैल जाए तो उसके बचने की उम्मीद बहुत कम होती है. चामराजनगर जिले के हनूर तालुक के कुरात्ती होसुर, भद्रैयानाहल्ली, शेट्टाल्ली में यह घातक बीमारी सामने आई है. डॉक्टरों के मुताबिक यह ऑटोइम्यून बीमारी है जो 2015 में भी सामने आई थी. इस बीमारी से 2015 में शेट्टाहल्ली, कुरात्तीहोसुर गांव में 8 बच्चों की मौत हो गई थी. इस बीमारी से बच्चे पीड़ित हो रहे हैं जिसकी फिलहाल कोई दवा नहीं है.

इस बीमारी के लक्षण: नौ साल से अधिक उम्र के बच्चों में त्वचा पर घाव, सफेद दाग, त्वचा का काला पड़ना और आंखों में सूजन दिखाई देती है. वर्तमान में 5 बच्चों में इस बीमारी का पता चला है. डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी वंशानुगत प्रतीत होती है. इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि बच्चे स्कूल जाने से कतराने लगे हैं. इस संबंध में तालुक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रकाश ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा, 'इस संबंध में सरकार को पत्र लिखा गया है, कई परीक्षण किए जाने हैं और लड़की की आंखों का ऑपरेशन किया जाना है. इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने के लिए कोई दवा नहीं है.'

जिला कलेक्टर का दौरा: चामराजनगर के जिला कलेक्टर शिल्पनाग ने शनिवार को हनूर तालुक के भद्रायणहल्ली, शेट्टल्ली और कुरात्ती होसुर गांवों का दौरा किया, जहां यह बीमारी सामने आई है और बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. डॉक्टरों ने जिला कलेक्टर को बताया कि, पांच मामलों में से तीन बेंगलुरु में और दो हनूर में घर पर इलाज करा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Rare Disease: दुर्लभ मस्तिष्क संक्रमण से केरल में किशोर की मौत, दूषित जल में न नहाने का परामर्श जारी

इनमें से एक बच्चा स्वस्थ है. वहीं, बाकी दोनों को आंखों की समस्या है. इसलिए जांच के बाद इलाज किया जाता है. यह रोग पूरे भारत में कुछ लोगों में पाया जाता है. इसलिए लोगों को चिंतित नहीं होना चाहिए. यह रोग अधिकतर रिश्तेदारों में शादी के कारण होता है. रिश्तेदारों से विवाह कम करना चाहिए. जो लोग बीमार हैं उन्हें निवारक उपचार प्राप्त करने के बारे में जागरूकता पैदा की जा रही है. जिला कलेक्टर शिल्पनाग ने कहा, 'इस बीमारी के बारे में सरकार के ध्यान में लाया जाएगा और इसके समाधान के लिए क्या किया जा सकता है, इस पर चर्चा की जाएगी. मानवता के मद्देनजर, मासिक पेंशन प्रदान करने की कार्रवाई की जाएगी. डॉक्टर के मुताबिक यह बीमारी सगे संबंधियों में शादी करने से ज्यादा होती है. जहां तक हो सके ग्रामीणों को रिश्तेदारों के बीच शादियां कम करनी चाहिए.

चामराजनगर: कर्नाटक के चामराजनगर जिले के हनूर तालुक के बच्चों में एक दुर्लभ बीमारी फिर से सामने आई है. यह चिकित्सा जगत के लिए एक चुनौती बन गई है. प्रभावित बच्चों के माता-पिता में चिंतित हैं. डॉक्टरों ने बताया कि यह ऑटोइम्यून (Autoimmune) बीमारी है जो 2015 में इसी हिस्से में सामने आई थी. जिस रोग में हाथ पैर और चेहरे पर काले और सफेद दाग पड़ जाते हैं. यह पपड़ीदार त्वचा रोग के समान होता है.

ऐसा कहा जाता है कि अगर यह एक बार बच्चों से फैल जाए तो उसके बचने की उम्मीद बहुत कम होती है. चामराजनगर जिले के हनूर तालुक के कुरात्ती होसुर, भद्रैयानाहल्ली, शेट्टाल्ली में यह घातक बीमारी सामने आई है. डॉक्टरों के मुताबिक यह ऑटोइम्यून बीमारी है जो 2015 में भी सामने आई थी. इस बीमारी से 2015 में शेट्टाहल्ली, कुरात्तीहोसुर गांव में 8 बच्चों की मौत हो गई थी. इस बीमारी से बच्चे पीड़ित हो रहे हैं जिसकी फिलहाल कोई दवा नहीं है.

इस बीमारी के लक्षण: नौ साल से अधिक उम्र के बच्चों में त्वचा पर घाव, सफेद दाग, त्वचा का काला पड़ना और आंखों में सूजन दिखाई देती है. वर्तमान में 5 बच्चों में इस बीमारी का पता चला है. डॉक्टरों के मुताबिक यह बीमारी वंशानुगत प्रतीत होती है. इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि बच्चे स्कूल जाने से कतराने लगे हैं. इस संबंध में तालुक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रकाश ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा, 'इस संबंध में सरकार को पत्र लिखा गया है, कई परीक्षण किए जाने हैं और लड़की की आंखों का ऑपरेशन किया जाना है. इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक करने के लिए कोई दवा नहीं है.'

जिला कलेक्टर का दौरा: चामराजनगर के जिला कलेक्टर शिल्पनाग ने शनिवार को हनूर तालुक के भद्रायणहल्ली, शेट्टल्ली और कुरात्ती होसुर गांवों का दौरा किया, जहां यह बीमारी सामने आई है और बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. डॉक्टरों ने जिला कलेक्टर को बताया कि, पांच मामलों में से तीन बेंगलुरु में और दो हनूर में घर पर इलाज करा रहे हैं.

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इनमें से एक बच्चा स्वस्थ है. वहीं, बाकी दोनों को आंखों की समस्या है. इसलिए जांच के बाद इलाज किया जाता है. यह रोग पूरे भारत में कुछ लोगों में पाया जाता है. इसलिए लोगों को चिंतित नहीं होना चाहिए. यह रोग अधिकतर रिश्तेदारों में शादी के कारण होता है. रिश्तेदारों से विवाह कम करना चाहिए. जो लोग बीमार हैं उन्हें निवारक उपचार प्राप्त करने के बारे में जागरूकता पैदा की जा रही है. जिला कलेक्टर शिल्पनाग ने कहा, 'इस बीमारी के बारे में सरकार के ध्यान में लाया जाएगा और इसके समाधान के लिए क्या किया जा सकता है, इस पर चर्चा की जाएगी. मानवता के मद्देनजर, मासिक पेंशन प्रदान करने की कार्रवाई की जाएगी. डॉक्टर के मुताबिक यह बीमारी सगे संबंधियों में शादी करने से ज्यादा होती है. जहां तक हो सके ग्रामीणों को रिश्तेदारों के बीच शादियां कम करनी चाहिए.

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