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Inter state Child Kidnapping : चार साल पहले जोधपुर से अपहृत बालक गुजरात से बरामद, जानिए कैसे हुआ खुलासा

राजस्थान से अपहृत बालक को पुलिस ने गुजरात के दाहोद जिले से बरामद कर लिया है. पीड़ित बच्चे का तीन साल की उम्र में अपहरण हुआ था इसलिए बच्चे को परिजन को सौंपने से पहले पुलिस ने मां और बच्चे का डीएनए सैंपल जांच के लिए भेजा है.

Shashtrinagar Police Station, Jodhpur, Rajasthan
शास्त्रीनगर थाना, जोधपुर राजस्थान
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Published : Aug 9, 2023, 7:43 AM IST

जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर जिले से चार साल पहले से अपहृत खानाबदोश परिवार के तीन साल के बच्चे को पुलिस ने बरामद कर परिवार के हवाले कर दिया है. सात साल के मासूम राहुल को शास्त्रीनगर थाना पुलिस गुजरात के दाहोद बाल कल्याण समिति से लेकर आई है. हालांकि इसके लिए पुलिस को पहले जोधपुर में घुमंतु परिवार का पता लगाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. पीड़ित मां बाप को पुलिस दाहोद लेकर गई, वहां पहचान करवाई उसके बाद उन्हें जोधपुर लेकर आई. जोधपुर बाल कल्याण समिति ने बच्चे को सौंपने से पहले डीएनए टेस्ट के लिए मां और बेटे के सैंपल लिए गए. उसके बाद बाल कल्याण समिति ने परिजनों को बच्चा सौंप दिया.

दरअसल बीते 3 अगस्त को भीलवाड़ा जिले में एक बच्चा गायब हो गया था. जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित जांच पड़ताल शुरू की. उसी जांच पड़ताल में बच्चे को लेकर जाने वाले पति पत्नी के हुलिए पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से निकाले. साथ ही पुलिस को पता चला कि आरोपी दंपती बच्चे को लेकर गुजरात की ओर गए हैं. इसलिए राजस्थान पुलिस ने बिना समय गंवाए गुजरात पुलिस, दाहोद को इसकी सूचना दी. गुजरात पुलिस ने ट्रेन से पति पत्नी और उनके साथ तीन बच्चों को पकड़ा. जिनमें एक बच्चा भीलवाड़ा से अगवा किया गया था. उसी पूछताछ में जोधपुर से उठाए गए राहुल की भी जानकारी मिली, जबकि एक बच्चा दिल्ली से उठाया गया था. गुजरात पुलिस ने तीनों बच्चों को वहां बाल कल्याण समिति, दाहोद को सुपुर्द कर दिया. इसके साथ ही गुजरात पुलिस ने बच्चों की बरामदगी की सूचना भीलवाड़ा और जोधपुर जिला पुलिस को दी. जिसके बाद जोधपुर जिले की शास्त्री नगर थाना पुलिस सक्रिय हुई और बच्चे के परिजनों को ढूंढ़ा. उसके बाद बच्चे को उसके परिजनों से मिलवा दिया.

चॉकलेट के बहाने उठाकर ले गया बच्चा : शास्त्री नगर थाना अधिकारी जोगिंदर सिंह ने बताया कि नवंबर 2019 में मसूरिया निवासी महिला ने पुलिस को रिपोर्ट दी थी. उसमें महिला ने आरोप लगाया था कि करण नामक व्यक्ति मेरे 3 साल के पोते राहुल को उठाकर ले गया है. करण हमेशा उसके पास आता था और उसे चॉकलेट दिया करता था. एक दिन आकर बोला कि आज मैं चॉकलेट लाना भूल गया तुम मेरे साथ चलो. फिर राहुल उसके साथ चला गया और वापस नहीं आया.

पढ़ें Kidnapped Child From Sidewalk: औलाद नहीं थी तो 1000 रुपए देकर करवाया बच्चे का अपहरण, जानिए पूरा माजरा...

भीख मंगवाते थे अपहृत बच्चों से दंपती : पुलिस ने बताया कि इस मामले में भीलवाड़ा पुलिस ने आरोपी बालू सिंह उर्फ महेंद्र सिंह उर्फ करण और उसकी पत्नी गीता को हिरासत में लेकर पूछताछ की. तब आरोपियों ने बताया कि वह बच्चे को उठाकर उनसे भिक्षावृत्ति करवाते थे. जोधपुर से बच्चा उठाने के बाद उन्होंने दिल्ली से भी एक बच्चा उठाया था. जिनसे अलग अलग जगह ले जाकर भीख मंगवाते थे. भीलवाड़ा में दंपती सीसीटीवी की नजर में आने से पकड़े गए. अब राजसथान पुलिस दोनों (पति-पत्नी) को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर जोधपुर लाने की तैयारी कर रही है.

जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर जिले से चार साल पहले से अपहृत खानाबदोश परिवार के तीन साल के बच्चे को पुलिस ने बरामद कर परिवार के हवाले कर दिया है. सात साल के मासूम राहुल को शास्त्रीनगर थाना पुलिस गुजरात के दाहोद बाल कल्याण समिति से लेकर आई है. हालांकि इसके लिए पुलिस को पहले जोधपुर में घुमंतु परिवार का पता लगाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. पीड़ित मां बाप को पुलिस दाहोद लेकर गई, वहां पहचान करवाई उसके बाद उन्हें जोधपुर लेकर आई. जोधपुर बाल कल्याण समिति ने बच्चे को सौंपने से पहले डीएनए टेस्ट के लिए मां और बेटे के सैंपल लिए गए. उसके बाद बाल कल्याण समिति ने परिजनों को बच्चा सौंप दिया.

दरअसल बीते 3 अगस्त को भीलवाड़ा जिले में एक बच्चा गायब हो गया था. जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित जांच पड़ताल शुरू की. उसी जांच पड़ताल में बच्चे को लेकर जाने वाले पति पत्नी के हुलिए पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से निकाले. साथ ही पुलिस को पता चला कि आरोपी दंपती बच्चे को लेकर गुजरात की ओर गए हैं. इसलिए राजस्थान पुलिस ने बिना समय गंवाए गुजरात पुलिस, दाहोद को इसकी सूचना दी. गुजरात पुलिस ने ट्रेन से पति पत्नी और उनके साथ तीन बच्चों को पकड़ा. जिनमें एक बच्चा भीलवाड़ा से अगवा किया गया था. उसी पूछताछ में जोधपुर से उठाए गए राहुल की भी जानकारी मिली, जबकि एक बच्चा दिल्ली से उठाया गया था. गुजरात पुलिस ने तीनों बच्चों को वहां बाल कल्याण समिति, दाहोद को सुपुर्द कर दिया. इसके साथ ही गुजरात पुलिस ने बच्चों की बरामदगी की सूचना भीलवाड़ा और जोधपुर जिला पुलिस को दी. जिसके बाद जोधपुर जिले की शास्त्री नगर थाना पुलिस सक्रिय हुई और बच्चे के परिजनों को ढूंढ़ा. उसके बाद बच्चे को उसके परिजनों से मिलवा दिया.

चॉकलेट के बहाने उठाकर ले गया बच्चा : शास्त्री नगर थाना अधिकारी जोगिंदर सिंह ने बताया कि नवंबर 2019 में मसूरिया निवासी महिला ने पुलिस को रिपोर्ट दी थी. उसमें महिला ने आरोप लगाया था कि करण नामक व्यक्ति मेरे 3 साल के पोते राहुल को उठाकर ले गया है. करण हमेशा उसके पास आता था और उसे चॉकलेट दिया करता था. एक दिन आकर बोला कि आज मैं चॉकलेट लाना भूल गया तुम मेरे साथ चलो. फिर राहुल उसके साथ चला गया और वापस नहीं आया.

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भीख मंगवाते थे अपहृत बच्चों से दंपती : पुलिस ने बताया कि इस मामले में भीलवाड़ा पुलिस ने आरोपी बालू सिंह उर्फ महेंद्र सिंह उर्फ करण और उसकी पत्नी गीता को हिरासत में लेकर पूछताछ की. तब आरोपियों ने बताया कि वह बच्चे को उठाकर उनसे भिक्षावृत्ति करवाते थे. जोधपुर से बच्चा उठाने के बाद उन्होंने दिल्ली से भी एक बच्चा उठाया था. जिनसे अलग अलग जगह ले जाकर भीख मंगवाते थे. भीलवाड़ा में दंपती सीसीटीवी की नजर में आने से पकड़े गए. अब राजसथान पुलिस दोनों (पति-पत्नी) को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार कर जोधपुर लाने की तैयारी कर रही है.

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