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9वीं के छात्र का कमाल, बनाया बायोमैट्रिक्स वोटिंग सिस्टम, ईसीआई को दी जानकारी - jharkhand news

पलामू में किसान के बेटे ने एक ऐसा वोटिंग सिस्टम तैयार किया है, जिसे बायोमैट्रिक्स सिस्टम से जोड़कर (Student Prepared Online Voting System in Palamu) भारत के किसी भी कोने से वोटिंग की जा सकती है और पूरी प्रक्रिया में एक मिनट से भी कम समय लगेगा.

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Published : Dec 12, 2022, 8:29 PM IST

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पलामू: जिला के रहने वाले नौंवी क्लास के एक छात्र ने एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है, जिससे वोटिंग प्रक्रिया बायोमैट्रिक्स सिस्टम से जुड़ जाएगा (Student Prepared Online Voting System in Palamu). छोटे उम्र में बड़ी सोच रखने वाले पलामू के उमाशंकर सिंह (Palamu Student Umashankar Singh) को टीवी डिबेट और खबरों में वोटिंग सिस्टम को लेकर कई खबरें देखने को मिलती थी. जिसके बाद उसके दिमाग मे आईडिया आया और प्रोग्राम को डेवलप किया है.

यह भी पढ़ें: सेफ क्लब की ओर से इंटर स्कूल सेफ्टी क्विज का आयोजन, केपीएस कदमा टीम ने मारी बाजी

25 दिनों में प्रोग्राम तैयार: प्रोग्राम को डेवेलप करने के बाद उमाशंकर ने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ईसीआई) को मेल किया है और प्रोग्राम की जानकारी भी दी है. साथ ही आईडिया को पेटेंट करवाने की प्रक्रिया भी शुरू किया है. आईडीया को लेकर एक कोर्ट बांड भी तैयार किया है. उमाशंकर सिंह ने करीब 25 दिनों में इस प्रोग्राम को तैयार किया है. उमाशंकर सिंह को उम्मीद है कि भारतीय निर्वाचन आयोग सुझाव को स्वीकार कर लेगा.

प्रोजेक्ट का नाम दिया है बायोमैट्रिक्स वोटिंग: उमाशंकर सिंह ने कुछ दिनों पहले रांची में आयोजित सीबीएसई द्वारा रीजनल साइंस एग्जीबिशन में भाग लिया था. एग्जीबिशन में उसने बायोमैट्रिक्स वोटिंग सिस्टम के बारे में लोगों को बताया था. जहां उसके आईडिया को अप्रूव किया गया था. उमाशंकर सिंह बताते हैं कि बायोमैट्रिक्स वोटिंग एक प्रोग्राम है. इस सिस्टम के माध्यम से पूरी वोटिंग प्रक्रिया बायोमैट्रिक्स सिस्टम से जुड़ जाएगी. इस प्रोग्राम के माध्यम से कोई भी व्यक्ति भारत के किसी भी कोने से वोटिंग कर सकता है. पूरी प्रक्रिया में एक मिनट से भी कम समय लगेगा.

भाई की मदद से बनाया प्रोग्राम: उमाशंकर सिंह बताते हैं कि वोटिंग प्रक्रिया को पूरी तरह से और पारदर्शी बनाने के लिए उसके दिमाग में आइडिया आया था. जिसके बाद उसने इस प्रोग्राम को विकसित करने का निर्णय लिया था. इस प्रोग्राम को विकसित करने में उमाशंकर के फुफेरे भाई ने काफी मदद की है. उनके फुफेरे भाई लाल कमलेश नाथ शाहदेव लोहरदगा के रहने वाले हैं और यूएसए में एक बड़ी कंपनी से जुड़े हुए हैं. वह ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में पढ़ाई करते हैं. वहां के भी शिक्षकों ने मेंटर की भूमिका निभाई है.

उमाशंकर सिंह के पिता करते है किसानी: उमाशंकर सिंह पलामू के अतिनक्सल प्रभावित इलाका पांकी के बोरोदीरी के रहने वाले है. वह फिलहाल मेदिनीनगर के जनकपुरी में अपने चाचा के यंहा रह कर पढ़ाई कर रहे है. उमाशंकर सिंह के पिता अजित सिंह मूल रूप से किसान है. बोरोदीरी झारखंड की राजधानी रांची से करीब 170 किलोमीटर जबकि पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से 45 किलोमीटर दूर है.


प्रोग्राम के माध्यम से कैसे होगी वोटिंग प्रक्रिया : बायोमैट्रिक्स वोटिंग सिस्टम के लिए फिंगरप्रिंट स्केनर, लैपटॉप इंटरनेट की जरूरत होगी. सबसे पहले पोर्टल को खोलना होगा. उसके बाद संबंधित क्षेत्र के वोटिंग के बारे में जानकारी देनी होगी. मतदाता का नाम और पता बताना होगा. इस प्रक्रिया के बाद फिंगरप्रिंट सिस्टम काम करेगा. फिंगरप्रिंट प्रक्रिया के बाद वोटिंग कराने वाले पदाधिकारी इसको वेरीफाई करेंगे, इसके बाद वोटिंग होगी. प्रोग्राम के माध्यम से ऑनलाइन वोटिंग के लिए संबंधित पोर्टल को खोलना होगा और फिंगरप्रिंट स्कैनर को लगाना होगा. फिंगरप्रिंट लगने के बाद डिटेल आएगा और यह सारा कुछ ऑटोमेटिक होगा. इस प्रक्रिया के बाद व्यूपोल का ऑप्शन आएगा, जहां से वोटिंग की जा सकेगी.

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पलामू: जिला के रहने वाले नौंवी क्लास के एक छात्र ने एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है, जिससे वोटिंग प्रक्रिया बायोमैट्रिक्स सिस्टम से जुड़ जाएगा (Student Prepared Online Voting System in Palamu). छोटे उम्र में बड़ी सोच रखने वाले पलामू के उमाशंकर सिंह (Palamu Student Umashankar Singh) को टीवी डिबेट और खबरों में वोटिंग सिस्टम को लेकर कई खबरें देखने को मिलती थी. जिसके बाद उसके दिमाग मे आईडिया आया और प्रोग्राम को डेवलप किया है.

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25 दिनों में प्रोग्राम तैयार: प्रोग्राम को डेवेलप करने के बाद उमाशंकर ने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ईसीआई) को मेल किया है और प्रोग्राम की जानकारी भी दी है. साथ ही आईडिया को पेटेंट करवाने की प्रक्रिया भी शुरू किया है. आईडीया को लेकर एक कोर्ट बांड भी तैयार किया है. उमाशंकर सिंह ने करीब 25 दिनों में इस प्रोग्राम को तैयार किया है. उमाशंकर सिंह को उम्मीद है कि भारतीय निर्वाचन आयोग सुझाव को स्वीकार कर लेगा.

प्रोजेक्ट का नाम दिया है बायोमैट्रिक्स वोटिंग: उमाशंकर सिंह ने कुछ दिनों पहले रांची में आयोजित सीबीएसई द्वारा रीजनल साइंस एग्जीबिशन में भाग लिया था. एग्जीबिशन में उसने बायोमैट्रिक्स वोटिंग सिस्टम के बारे में लोगों को बताया था. जहां उसके आईडिया को अप्रूव किया गया था. उमाशंकर सिंह बताते हैं कि बायोमैट्रिक्स वोटिंग एक प्रोग्राम है. इस सिस्टम के माध्यम से पूरी वोटिंग प्रक्रिया बायोमैट्रिक्स सिस्टम से जुड़ जाएगी. इस प्रोग्राम के माध्यम से कोई भी व्यक्ति भारत के किसी भी कोने से वोटिंग कर सकता है. पूरी प्रक्रिया में एक मिनट से भी कम समय लगेगा.

भाई की मदद से बनाया प्रोग्राम: उमाशंकर सिंह बताते हैं कि वोटिंग प्रक्रिया को पूरी तरह से और पारदर्शी बनाने के लिए उसके दिमाग में आइडिया आया था. जिसके बाद उसने इस प्रोग्राम को विकसित करने का निर्णय लिया था. इस प्रोग्राम को विकसित करने में उमाशंकर के फुफेरे भाई ने काफी मदद की है. उनके फुफेरे भाई लाल कमलेश नाथ शाहदेव लोहरदगा के रहने वाले हैं और यूएसए में एक बड़ी कंपनी से जुड़े हुए हैं. वह ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में पढ़ाई करते हैं. वहां के भी शिक्षकों ने मेंटर की भूमिका निभाई है.

उमाशंकर सिंह के पिता करते है किसानी: उमाशंकर सिंह पलामू के अतिनक्सल प्रभावित इलाका पांकी के बोरोदीरी के रहने वाले है. वह फिलहाल मेदिनीनगर के जनकपुरी में अपने चाचा के यंहा रह कर पढ़ाई कर रहे है. उमाशंकर सिंह के पिता अजित सिंह मूल रूप से किसान है. बोरोदीरी झारखंड की राजधानी रांची से करीब 170 किलोमीटर जबकि पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर से 45 किलोमीटर दूर है.


प्रोग्राम के माध्यम से कैसे होगी वोटिंग प्रक्रिया : बायोमैट्रिक्स वोटिंग सिस्टम के लिए फिंगरप्रिंट स्केनर, लैपटॉप इंटरनेट की जरूरत होगी. सबसे पहले पोर्टल को खोलना होगा. उसके बाद संबंधित क्षेत्र के वोटिंग के बारे में जानकारी देनी होगी. मतदाता का नाम और पता बताना होगा. इस प्रक्रिया के बाद फिंगरप्रिंट सिस्टम काम करेगा. फिंगरप्रिंट प्रक्रिया के बाद वोटिंग कराने वाले पदाधिकारी इसको वेरीफाई करेंगे, इसके बाद वोटिंग होगी. प्रोग्राम के माध्यम से ऑनलाइन वोटिंग के लिए संबंधित पोर्टल को खोलना होगा और फिंगरप्रिंट स्कैनर को लगाना होगा. फिंगरप्रिंट लगने के बाद डिटेल आएगा और यह सारा कुछ ऑटोमेटिक होगा. इस प्रक्रिया के बाद व्यूपोल का ऑप्शन आएगा, जहां से वोटिंग की जा सकेगी.

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