नई दिल्ली : देश में कोविड-19 महामारी के फैलने और उसकी रोकथाम के लिए विभिन्न राज्यों में लगाए गए लॉकडाउन और अन्य पाबंदियों को देखते हुए गरीबों और जरूरतमंदों को होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए पीएमजीकेएवाई को दो महीने यानी मई और जून के लिए फिर से शुरू किया गया है.
पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत पंजीकृत 80 करोड़ लाभार्थियों को राशन की दुकानों के माध्यम से अतिरिक्त खाद्यान्न मुफ्त प्रदान किया जाता है. खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पहले से ही पर्याप्त खाद्यान्न की व्यवस्था कर ली है.
मंत्रालय ने कहा कि तीन मई तक लगभग 28 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने एफसीआई गोदामों से उठाव शुरू कर दिया है और लाभार्थियों को आगे वितरण करने के लिए 5.88 लाख टन खाद्यान्न की आपूर्ति की जा चुकी है.
लक्षद्वीप ने मई-जून के आवंटन को पूरी तरह से उठा लिया है जबकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने अपने मई महीने के आवंटन का 100 प्रतिशत पहले ही उठा लिया है. उसने कहा कि बाकी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों (पंजाब, चंडीगढ़, गोवा, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा और पुडुचेरी) को भी पीएमजीकेवाई के तहत खाद्यान्नों का तुरंत उठाव शुरू करने के लिए कहा गया है.
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आने वाले दिनों में इसमें तेजी आने की संभावना है. योजना के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण की लागत पूरी तरह से केंद्र सरकार वहन करेगी. पीएमजीकेएवाई के तहत एनएफएसए लाभार्थियों को मुफ्त में दिया गया अतिरिक्त अनाज मौजूदा हर महीने पांच किलोग्राम प्रति व्यक्ति के अलावा है.