कोंडागांव के जामपदर में स्कूल के बाहर अभिभावकों का हंगामा - अभिभावकों का दल पहुंचा कलेक्ट्रेट
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कोंडागांव: प्रदेश में शासकीय अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा बीते 11 दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. जिससे शासकीय कार्यालयों के साथ साथ स्कूलों में भी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. आज कोंडागांव के जाम पदर मोहल्ले के वासी बीते 11 दिनों से प्राथमिक शाला बंद होने से एवं बच्चों की पढ़ाई ना होने को लेकर स्कूल परिसर (Demand for restoration of educational system) पहुंचे. जब वहां उन्होंने देखा कि स्कूल में ताला लटका है. तो उन्होंने कहा कि कोरोना काल में बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई. उसके बाद ले देकर स्कूल खुले, तो तुरंत फिर से शिक्षकों ने हड़ताल किया है. लगातार हड़ताल पर जाने से हमारे बच्चों का शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. पढ़ाई ना होने से वे इधर उधर भटकते रहते हैं. वार्डवासी एवं अभिभावकों का कहना है कि "सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों एवं शिक्षकों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं. उन्हें इस हड़ताल से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. पर किसानों के और गरीब परिवारों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं. शिक्षकों के लगातार हड़ताल पर जाने से शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है. उनके बच्चों का शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. जिसे लेकर वे चिंतित हैं. इसी संबंध में आज भी चर्चा करने विचार विमर्श करने स्कूल पहुंचे थे. पर यहां स्कूल में ताला लटका देखकर वे इस संबंध में कलेक्टर से बात करने पहुंचे (parents reached the collectorate in kondagaon ) हैं. जहां उन्होंने हड़ताल के दौरान शैक्षणिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था स्थापित करने की बात कही है. उनका यह भी कहना है कि यदि दो चार दिन में शिक्षक वापस हड़ताल खत्म कर स्कूल आकर नहीं पढ़ाते हैं. तो आगे भी उन्हें इस स्कूल में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा. वार्डवासी शिक्षकों का इस स्कूल में आने का विरोध करेंगे. जिसके लिए शासन प्रशासन ही जिम्मेदार होंगे.