मशहूर शायर अजहर इकबाल ने साझा किए जिंदगी के अनछुए पल
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दरख्तों से था एक रिश्ता हमारा, जमीं उनकी थी और साया हमारा, कोई तो पाओं (पैर) की जंजीर बनता,कोई तो रोकता रस्ता हमारा. ये युवा शायर अजहर इकबाल की पंक्तियां है. अजहर इकबाल ने ETV भारत से बातचीत के दौरान अपनी जिंदगी के कई अनछुए पल साझा किए हैं.
Last Updated : Mar 21, 2021, 8:51 PM IST