रामेश्वर दास वैष्णव से सुनिए 'बाड़े हे जी टूरा के सान झुलुप के मारे' - छत्तीसगढ़ी कवि
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'हमर भाखा के मया' में आज के हमारे खास मेहमान हैं छत्तीसगढ़ी के जाने-माने गीतकार रामेश्वर दास वैष्णव. हास्य-व्यंग्य की शैली के लिए रामेश्वर वैष्णव की अपनी अलग पहचान है. उनके गीतों में एक कहानी या वाकया जुड़ा होता है, जिसे वे अपने खास अंदाज में पेश करते हैं. रामेश्वर वैष्णव 1 हजार से ज्यादा गीत-गजल लिख चुके हैं.
कथा-
चांपा के तीर म एक ठन गांव म एक झन लड़का हा नवा नवा फैइसन म अपन बाल ल बढ़ा ले रहिस, ओखर जुलुफ ल देख के ओखर पिता ह एक दिन कइथे बेटा एला कटवाले, लेकिन लइका ह अपन बाप के बात ल नइ माने.
Last Updated : Jan 23, 2021, 7:58 PM IST