कोरोना काल में आधा हुआ शिक्षकों का वेतन, परेशानी हुई दोगुनी
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कोरबा: कम वेतन पाकर भी समाज से मिलने वाले सम्मान से शिक्षक संतोष कर लेते हैं. लेकिन जब वेतन न मिले तब सिर्फ सम्मान के भरोसे घर चलाना कितना कठिन हो जाता है ये कोरोना काल (corona pandemic) के मारे निजी स्कूलों के शिक्षकों से बेहतर कोई नहीं बता सकता. कोरोना काल में शिक्षकों की स्थिति (condition of teachers in corona period) बेहद खराब रही है. लॉकडाउन (lockdown) के बाद बड़े स्कूल अब फिर से पटरी पर लौट रहे हैं. यहां ऑनलाइन क्लास (online class) के एवज में भी फीस ली जा रही है. जिससे शिक्षकों को पूरा पेमेंट मिल रहा है. लेकिन खास तौर पर छोटे स्तर पर संचालित निजी स्कूल में काम करने वाले शिक्षकों के लिए कोरोना ने बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है. कोरोना संक्रमण काल शिक्षकों के लिए किसी त्रासदी से कम नहीं रहा. इस दौरान सबसे पहले स्कूलों को बंद किया गया. जिससे बड़ी तादात में या तो शिक्षकों का रोजगार छिन चुका है, या फिर उनके वेतन में 50 फीसदी तक कटौती कर दी गई है.