कवि मैथिलीशरण गुप्त की इन पंक्तियों को जब पीएम ने 'आज' के हिसाब से बदल दिया
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भर में भारत के प्रति विश्वास बढ़ा है. इस दौरान उन्होंने कवि मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है, तेरा कर्म क्षेत्र बड़ा है, पल पल है अनमोल, अरे भारत उठ, आंखें खोल' पढ़ी. पीएम ने इसे आज के हिसाब से गढ़ा भी है. उन्होंने कहा- 'अवसर तेरे लिए खड़ा है. तू आत्मविश्वास से भरा पड़ा है. हर बाधा, हर बंदिश को तोड़, अरे भारत ! आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़.'
Last Updated : Feb 8, 2021, 1:22 PM IST