Cooks strike in Dhamtari: 1800 रुपए में घर चलाना मुश्किल, धमतरी में रसोइयों ने फिर शुरू की हड़ताल
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धमतरी: आंगनबाड़ी के बाद अब मिड डे मील रसोइयों ने हड़ताल शुरू कर दी है. धमतरी के करीब 2631 रसोइयों ने काम बन्द कर दिया है. सरकार ने बेरोजगारों को 2500 रुपए महीना भत्ता देने की बात कही है. वहीं रसोइयों को महज 18 सौ रुपए मानदेय दिया जा रहा है. धमतरी के गांधी मैदान में 11 मार्च से हड़ताल पर बैठे रसोइयों ने कहा कि उन्हें कम से कम कलेक्टर दर पर भुगतान किया जाए.
कलेक्टर दर से मानदेय दिए जाने का मांग: छत्तीसगढ़ स्कूल मध्याह्न भोजन रसोइया संयुक्त संघ मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. धमतरी के गांधी मैदान में रसोइया संघ ने छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनकी मांग है कि छत्तीसगढ़ स्कूल मध्याह्न भोजन रसोइया संघ को कलेक्टर दर से मानदेय दिया जाए. रसोइयों को पूर्णकालिक किया जाए, शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी का दर्जा मिले, रसोइयों को सेटअप में रखा जाए, मध्याह्न भोजन बनाने के लिए गैस सिलेंडर की व्यवस्था की जाए. मांग पूरी न होने पर रसोइयों ने फिर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है.
protest of Irregular Employees : अनियमित कर्मचारी संघ का प्रदर्शन, छह सूत्रीय मांग पूरी करने पर अड़े
दिनभर काम के एवज में 50 रुपए की रोजी: रसोइया संघ की जिला सचिव रीना साहू ने बताया कि "सुबह से स्कूल में मध्याह्न भोजन के लिए आते हैं. सबसे पहले चूल्हा चौका और किचन की सफाई करनी पड़ती है. उसके बाद चावल दाल की सफाई के साथ सब्जी काटनी पड़ती है. फिर भोजन तैयार करना पड़ता है और खाना परोसना पड़ता है. फिर खाने के बाद दोबारा बर्तन और किचन की साफ सफाई करके घर लौटना पड़ता है. इतना सारा काम करते हुए दिन भर लग जाता है और दिन भर की रोजी मात्र पचास रुपए मिल पाती है. मात्र 18 सौ रुपए के मानदेय में आज के समय में घर परिवार चलाना मुश्किल है."