सूरजपुर : सूरजपुर के नगर पंचायत भटगांव के वार्ड क्रमांक 8 के वासी बीते 92 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.दरअसल लगभग चार महीने पहले वार्ड 8 में भूमिगत बन्द कोयला खदान के कारण जमीन धंस गयी थी. ऐसे में वार्ड वासियों में खतरे की आशंका बनी हुई है.जिसके कारण वार्डवासी विस्थापन और मुआवजा की मांग को लेकर 92 दिनों से धरना दे रहे हैं. लेकिन कोल प्रबन्धन और प्रशासन दोनों ही उदासीन है.वहीं जिले में बढ़ती ठंड के कारण प्रदर्शनकारी भी बीमार पड़ते नजर आ रहे हैं.लेकिन इनका कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रखने की बात ये कह रहे हैं..
ग्रामीणों का आरोप : प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि" हमारे नगर पंचायत के वार्ड में एक बड़ा हादसा हो गया है. अंडर ग्राउंड खदान के चलते हमारे घर के पास का जमीन धसक गया है. जिसके कारण हम लोग भयभीत हैं.जिसे लेकर हम लोग 92 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं. लेकिन प्रशासन है सुनने का नाम नहीं ले रहा है. इस कड़कड़ाती ठंड में हम लोग 92 दिनों से इसी ठंड में प्लास्टिक का टेंट बनाकर पूरे परिवार सहित यहां पड़े हुए हैं और इसका कराटे ठंड में कई लोगों का तबीयत भी खराब हो चुका है. लेकिन शासन प्रशासन को इसकी सुध नहीं है कि ''
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा: ग्रामीणों का कहना है कि" अगर किसी की इस कड़कड़ाती ठंड में मौत हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा इन ग्रामीणों का कहना है कि हमें यहां से कहीं और जमीन देकर विस्थापित कर दे और हमें वादा दे दे ताकि हम अपने परिवार सहित अच्छे से रह सकें.'' वहीं ग्रामीण रफी का कहना है कि ''हमने एसईसीएल जीएम से लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक अपनी बात पहुंचाई है. लेकिन आज तक हमारा सुध लेने वाला कोई नहीं है. आला अधिकारी केवल आश्वासन ही देते हैं और हम पर रहम करने वाला कोई नहीं है हमें यह डर भी बना हुआ है कि कब किसका घर धंस जाए और बड़ी दुर्घटना हो जाए लेकिन हमारा सुनने वाला कोई नहीं है.''
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क्या है पूरा मामला :आपको बता दें कि एसईसीएल ने 40 वर्ष पहले भटगांव एरिया को अधिग्रहित किया था. अंडरग्राउंड माइन्स के कोयला का उत्पादन के लिए. वहीं ग्रामीण भी लगभग 30 वर्षों से एसईसीएल की जमीन पर काबिज होकर अपना घर बनाकर निवास कर रहे थे. अब वहीं जब एसईसीएल अंडरग्राउंड माइन्स के कोयला निकाल चुका है. तो अब ईटा भट्ठा सहित कई जगहों से जमीन धंसने की शिकायत आ रही है. ऐसे में ग्रामीण दहशत में है और टेंट के नीचे 92 दिनों से धरना देकर एसईसीएल प्रशासन से विस्थापन की मांग और मुआवजे की मांग कर रहे हैं.