सूरजपुर: स्वीडन दूतावास के मिशन उप प्रमुख गौतम भट्टाचार्य ने जिले के केनापारा स्थित पर्यटन स्थल पहुंचकर उसका जायजा लिया. कोयले खदान को टूरिस्ट प्लेस में बदलने का कॉन्सेप्ट उन्हें काफी पसंद आया. उन्होंने स्वीडन में भी इस तरह के पर्यटन स्थल को डेवलप करने की बात कही है.
केनापरा में एसईसीएल का कोयला खदान था. जहां कोयला निकालने के बाद से यह इलाका एक बड़ी झील में तब्दील हो गया था. जो कि आम लोगों के लिए खतरा बन चुका था. जिसके बाद जिला प्रशासन ने इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्लान बनाया. नतीजा यह हुआ कि आज यह स्थल केवल प्रदेश में ही नहीं बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक मिसाल बन गया है. दूसरे देश के प्रतिनिधि भी इस मॉडल को अपने देश में बनाए जाने की वकालत कर रहे हैं. केनापरा को पर्यटन का रूप देने के लिए जिला प्रशासन ने इस झील के बीच में रेस्टोरेंट बनाया है. आम लोगों के लिए बोटिंग की व्यवस्था की है, साथ ही प्राकृतिक रूप से इस इलाके को निखारा है. स्थानीय लोगों के रोजगार के लिए महिला समूह यहां मछली पालन का काम कर रहीं है.
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स्वीडन में भी इस मॉडल को अपनाया जाएगा
स्वीडन में भी काफी संख्या में कोयले की बंद खदाने हैं. इसलिए वे भी अब इस मॉडल को अपनाकर बंद पड़े खदानों को विकसित करना चाहते हैं. यही वजह है कि स्वीडन दूतावास के उप प्रमुख गौतम भट्टाचार्य ने केनापरा का दौरा किया और वे इस मॉडल से बहुत प्रभावित हुए.