सूरजपुर: खेतों के बीच 2013 में बिल्डिंग बनाने का मकसद कोरया गांव के लोगों को स्वास्थ्य सेवा का फायदा दिलाना था. लेकिन लाल फीताशाही की वजह से निर्माण के पांच साल बाद भी यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शुरू नहीं हो सका. विभाग की लापरवाही का यह आलम है कि इस अस्पताल का आज तलक उद्घाटन भी नहीं हो पाया .
जिस वक्त स्वास्थ्य केंद्र की बिल्डिंग का निर्माण हुआ था, उस दौरान कोरया के ग्रामीणों को इससे बड़ी उम्मीदें थीं, जो आज पांच साल बाद भी अधूरी है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ बिल्डिंग का निर्माण हुआ. इस स्वास्थ्य केंद्र में वो तमाम सुविधाएं भी मौजूद हैं, जो इस तरह के अस्पताल में होनी चाहिए. यहां दो स्वास्थ्य कर्मचारियों की नियुक्ति भी हुई है. इतना सब होने के बावजूद ग्रामीण आज भी 10 से 15 किलोमीटर दूर जाकर अपना इलाज कराने को मजबूर हैं. भवन के गेट पर लटका ताला शासन-प्रशासन की लापरवाही का एक बडा उदाहरण है.
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एक ओर भवन में 5 साल पहले लगे इस ताले में जंग लग चुकी है वहीं दूसरी ओर प्रभारी कलेक्टर अश्वनी देवांगन इसे शुरू करवाने की बात कर रहे हैं. बता दें कि इससे पहले भी अफसरों ने इस स्वास्थ्य केंद्र को शुरू कराने का आश्वासन दिया था, तो अब तक पूरा न हो सका. अब देखना यह होगा कि क्या इस बार जिलाधीश का वादा हकीकत की शक्ल लेगा और क्या पांच साल बाद ही सही लोगों को अपने गांव में इलाज नसीब हो पाएगा.