जशपुर: मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए हमर लैब की शुरुआत की गई. जिला अस्पताल में चल रहे इसी हमर लैब पर अब गंभीर आरोप लगे हैं. आरोप है कि बिना टेस्ट किए मरीज को रिपोर्ट थमा दी गई. शिकायत मिलने के बाद सिविल सर्जन डॉ वी के इंदवार ने लैब प्रभारी से जवाब तलब किया है. सिविल सर्जन ने कारण बताओं नोटिस भेजकर सफाई देने को कहा है. पीड़ित मरीज के परिवार वालों का कहना है कि गलत रिपोर्ट देने की वजह से मरीज के इलाज में देरी हुई, बाद में मौत हो गई.
हमर लैब पर बिना जांच के रिपोर्ट देने का आरोप: आरोप लगाने वाले मरीज के परिजनों का कहना है कि बिना जांच के ही बिलुरुबीन टेस्ट की लैब रिपोर्ट जारी कर दी गई. और तो और लीवर और किडनी टेस्ट के साथ सीरम और यूरिया रिपोर्ट भी टेस्ट किए बिना दे दी गई. आरोप है कि जो रिपोर्ट दी गई उसमें सभी टेस्ट पैरामीटर को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया. जांच रिपोर्ट के आधार पर साठ साल के मरीज हरदयाल का इलाज किया गया. बाद में डॉक्टरों ने मरीज को अंबिकापुर रेफर कर दिया. इलाज के दौरान मरीज की मौत अंबिकापुर में हो गई.
शुरुआती जांच में लापरवाही की बात सामने आई है. सिविल सर्जन को पूरी जानकारी भेज दी गई है. जांच के बाद जो भी उचित कार्रवाई होगी सिविल सर्जन करेंगे. - पुरूषोत्तम कंवर, स्वयं लैब प्रभारी
एक और शिकायत आई सामने: मरीज हरदयाल के मौत के बाद हमर लैब की जांच रिपोर्ट में एक गड़बड़ी सामने आई है. जिले के कांसाबेल ब्लॉक के टांगरगांव निवासी महेश को 22 दिसंबर को पीलिया की शिकायत पर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. भर्ती के बाद मरीज के बिलुरुबिन, क्रिएटिनिनऔर यूरिया जांच कराई गई. जांच रिपोर्ट में बिलीरुबिन 1.93 मिली ग्राम बताया गया. इसके दो दिन बाद कराए गए जांच में बिलीरुबिन को 22.66 मिली ग्राम दिखाया गया.
लैब प्रभारी ने भी उठाए सवाल: इन दोनों जांच रिपोर्ट से स्वयं लैब प्रभारी पुरूषोत्तम कंवर भी सहमत नहीं है. उनका कहना है कि उन्होंने कहा कि एक ही मरीज का जांच रिपोर्ट अलग अलग मिली है. लैब प्रभारी का कहना है कि जांच में पता चला कि जांच करने वाले ने कोई लैब टेस्ट इस मरीज के नाम पर नहीं किया है.