सूरजपुर: योजनाओं को लेकर सरकार दावे तो बहुत करती है, लेकिन अगर जमीनी हकीकत देखें तो सारे दावे खोखले नजर आते हैं. सरकार की योजनाएं कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक अक्सर नहीं पहुंच पाती. प्रतापपुर से लगे ग्राम पंचायत शिवपुर की रहने वाली दिव्यांग खोरी की परेशानियों के आगे सभी दावे बेमानी नजर आते हैं. इस नाबालिग दिव्यांग को आज तक किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल सका है. ग्राम शिवपुर का रहने वाला खोरी का परिवार बेहद गरीब है. खुद बेटी के लिए कुछ कर सकें, इसके लिए उनके पास धन नहीं है.
खोरी पैरों से दिव्यांग है. वो बचपन से ही चल पाने में असमर्थ है. सरकारी योजनाओं की बात करें, तो एक्सेसिबल इंडिया कैंपेन के जरिए सरकार दिव्यांगों के लिए अनुकूल वातावरण पर जोर दे रही है, लेकिन खोरी कभी स्कूल की चौखट तक नहीं देख सकी, उसकी पढ़ाई तक नहीं हो सकी. खोरी को अब तक एक व्हील चेयर तक भी नसीब नहीं हो सकी है. परिवार कई सालों से प्रशासन से गुहार लगा रहा है, लेकिन अब तक कोई भी लाभ खोरी को नहीं मिल सका है.
100 फीसदी चलने में असमर्थ
2017 में बने प्रमाणपत्र में खोरी को 100% दिव्यांग कहा गया है. घर के लोग प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काटकर थक चुके हैं. वे किसी भी योजना का लाभ अपनी बेटी को नहीं दिला सके हैं. अधिकारियों का कहना है कि परिवार का नाम गरीबी रेखा 2002 की सूची में नाम नहीं है. हालांकि मामले की जानकारी ETV भारत ने जनपद पंचायत CEO को दी है, जिसके बाद तत्काल राहत देने की बात कही गई है.
ETV भारत यही उम्मीद करता है कि खोरी जैसी दिव्यांगों को उनका हक मिल सके. प्रशासनिक अनदेखी से जाने कितने दिव्यांग ऐसे ग्रामीण इलाकों में योजनाओं के जरिए मदद के इंतजार में हैं. प्रशासन को जल्द मदद पहुंचाने की जरूरत है.