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सुकमा में मिले डेंगू के 25 संभावित मरीज, बच्चे भी हैं शामिल

सुकमा जिले के कोंटा में डेंगू के 25 संभावित मरीज मिले हैं. इनमें कुछ बच्चे भी शामिल हैं.

डेंगू से पीड़ित बच्ची
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Published : Sep 30, 2019, 9:20 AM IST

Updated : Sep 30, 2019, 11:12 AM IST

सुकमा : कोंटा में डेंगू के 25 संभावित मरीज मिले हैं, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं. फिलहाल, डेंगू के मरीजों का इलाज कर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं 2 स्कूली बच्चों समेत 6 लोगों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोंटा में चल रहा है.

सीएमएचओ सीबी प्रसाद बनसोड ने बताया कि इस महीने के 16 सितंबर से मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. करीब 48 मरीजों के ब्लड सैंपल कलेक्ट कर जगदलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया था, जिनमें 25 लोगों में NS-1 यानी संभावित रोगी सामने आए. उन्होंने यह भी बताया कि कुछ दिन पहले सीआरपीएफ जवान बुखार से पीड़ित थे. उनका ब्लड सैंपल लिया गया था. जांच में NS-1 पॉजिटिव आया, जो डेंगू का सस्पेक्ट प्रारंभिक स्टेज होता है. आशंका जताई जा रही है कि सीआरपीएफ के जवान कहीं बाहर से डेंगू का संक्रमण लेकर आए और यहां आने के बाद नगर के अन्य लोग इससे प्रभावित हुए हैं.

जवानों से नगर में डेंगू संक्रमण फैल रहा
इधर, सीआरपीएफ 217 वाहिनी के कमांडेंट अशोक कुमार ने फोन पर बताया कि कुछ जवान डेंगू बीमारी से पीड़ित थे, उन्हें बेहतर इलाज के लिए बाहर भेजा गया है. वहीं डेंगू का संक्रमण फैलने के सवाल पर कमांडेंट ने कहा कि जवान पिछले डेढ़-दो महीने से कोंटा में ही है और नगर के आस-पास ही ऑपरेशन कर रहे हैं. कोई भी जवान नगर के बाहर नहीं गया है. कमांडेंट ने कहा कि सवाल ही नहीं उठता कि जवानों से नगर में डेंगू संक्रमण फैल रहा है. उन्हें डेंगू नक्सल ऑपरेशन और एरिया डोमिनेशन के दौरान हुई है.

3 जवानों में मिले हैं डेंगू के लक्षण
बता दें कि साल 2015 में गोंडा ब्लॉक में डेंगू से 12 लोगों की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं है. बताया जाता है कि पिछले डेढ़ महीने से नगर में डेंगू का प्रकोप है. सबसे पहले 18 और 19 अगस्त को सीआरपीएफ के 3 जवानों में डेंगू पाया गया. इसके बाद 21 अगस्त को छात्र स्वयं बुधरा बुखार की शिकायत लेकर कोंटा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा.

कीटनाशक का किया गया है छिड़काव
रक्त परीक्षण के बाद डेंगू होने की पुष्टि हुई. इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के रोकथाम के लिए किसी तरह की सावधानी नहीं बरती. जब डेंगू के मरीज पहुंचने लगे, तो स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार नगर में डेंगू के रोकथाम के लिए कीटनाशक का छिड़काव करने लगे. डोर-टू-डोर लोगों के घर पहुंच कर स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं. विभाग के कुछ अधिकारी दबी जुबां से मानने लगे हैं कि कोंटा नगर में डेंगू ने अपने पांव पसार लिए हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने यह भी दावा किया है कि डेंगू के मरीज खतरे से बाहर हैं.

सुकमा : कोंटा में डेंगू के 25 संभावित मरीज मिले हैं, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं. फिलहाल, डेंगू के मरीजों का इलाज कर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं 2 स्कूली बच्चों समेत 6 लोगों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोंटा में चल रहा है.

सीएमएचओ सीबी प्रसाद बनसोड ने बताया कि इस महीने के 16 सितंबर से मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. करीब 48 मरीजों के ब्लड सैंपल कलेक्ट कर जगदलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया था, जिनमें 25 लोगों में NS-1 यानी संभावित रोगी सामने आए. उन्होंने यह भी बताया कि कुछ दिन पहले सीआरपीएफ जवान बुखार से पीड़ित थे. उनका ब्लड सैंपल लिया गया था. जांच में NS-1 पॉजिटिव आया, जो डेंगू का सस्पेक्ट प्रारंभिक स्टेज होता है. आशंका जताई जा रही है कि सीआरपीएफ के जवान कहीं बाहर से डेंगू का संक्रमण लेकर आए और यहां आने के बाद नगर के अन्य लोग इससे प्रभावित हुए हैं.

जवानों से नगर में डेंगू संक्रमण फैल रहा
इधर, सीआरपीएफ 217 वाहिनी के कमांडेंट अशोक कुमार ने फोन पर बताया कि कुछ जवान डेंगू बीमारी से पीड़ित थे, उन्हें बेहतर इलाज के लिए बाहर भेजा गया है. वहीं डेंगू का संक्रमण फैलने के सवाल पर कमांडेंट ने कहा कि जवान पिछले डेढ़-दो महीने से कोंटा में ही है और नगर के आस-पास ही ऑपरेशन कर रहे हैं. कोई भी जवान नगर के बाहर नहीं गया है. कमांडेंट ने कहा कि सवाल ही नहीं उठता कि जवानों से नगर में डेंगू संक्रमण फैल रहा है. उन्हें डेंगू नक्सल ऑपरेशन और एरिया डोमिनेशन के दौरान हुई है.

3 जवानों में मिले हैं डेंगू के लक्षण
बता दें कि साल 2015 में गोंडा ब्लॉक में डेंगू से 12 लोगों की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं है. बताया जाता है कि पिछले डेढ़ महीने से नगर में डेंगू का प्रकोप है. सबसे पहले 18 और 19 अगस्त को सीआरपीएफ के 3 जवानों में डेंगू पाया गया. इसके बाद 21 अगस्त को छात्र स्वयं बुधरा बुखार की शिकायत लेकर कोंटा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा.

कीटनाशक का किया गया है छिड़काव
रक्त परीक्षण के बाद डेंगू होने की पुष्टि हुई. इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के रोकथाम के लिए किसी तरह की सावधानी नहीं बरती. जब डेंगू के मरीज पहुंचने लगे, तो स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार नगर में डेंगू के रोकथाम के लिए कीटनाशक का छिड़काव करने लगे. डोर-टू-डोर लोगों के घर पहुंच कर स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं. विभाग के कुछ अधिकारी दबी जुबां से मानने लगे हैं कि कोंटा नगर में डेंगू ने अपने पांव पसार लिए हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने यह भी दावा किया है कि डेंगू के मरीज खतरे से बाहर हैं.

Intro:डेढ़ माह से कोंटा नगर में पैर पसार रहा था... डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ी तो जागा स्वास्थ्य विभाग...

सुकमा. जिले के कोंटा में इन दिनों डेंगू मच्छर के डंक ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. नगर के थाना पारा और ओड़िया पारा में सर्वाधिक प्रभाव देखने को मिल रहा है. कोंटा में अब तक 25 डेंगू के संभावित रोगी मिले हैं इनमें बच्चे भी शामिल हैं. डेंगू के मरीजों का इलाज कर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. सभी सुरक्षित बताए जा रहे हैं. वर्तमान में 2 स्कूली बच्चों समेत छह लोगों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोंटा में चल रहा है. हालांकि अभी भी जिले में कई ऐसे मरीज है जो सरकारी अस्पताल के बजाय बेहतर इलाज के लिए निजी क्लीनिक का ही रुख कर रहे हैं.

सीएमएचओ सीबी प्रसाद बनसोड ने बताया कि इस माह के 16 सितंबर से मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. करीब 48 मरीजों के ब्लड सैंपल कलेक्ट कर जगदलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया था. जिनमें 25 लोगों में NS-1 यानी संभावित रोगी सामने आए. उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पूर्व सीआरपीएफ जवान बुखार से पीड़ित थे. उनका ब्लड सैंपल लिया गया था. जांच मेंNS-1 पॉजिटिव आया, जो डेंगू का सस्पेक्ट प्रारंभिक स्टेज होता है. जानकारी मिली है कि सीआरपीएफ के जवान कहीं बाहर से डेंगू का संक्रमण लेकर आए और यहां आने के बाद नगर के अन्य लोग इससे प्रभावित हुए हैं.


Body:इधर सीआरपीएफ 217 वाहिनी के कमांडेंट अशोक कुमार ने दूरभाष पर बताया कि कुछ जवान डेंगू बीमारी से पीड़ित थे उन्हें बेहतर इलाज के लिए बाहर भेजा गया है. बाहर से आए जवानों से डेंगू का संक्रमण फैलने के सवाल पर कमांडेंट ने कहा कि जवान पिछले डेढ़-दो महीने से कोंटा में ही है और नगर के आसपास ही ऑप्स कर रहे हैं. कोई भी जवान नगर के बाहर नहीं गया है. सवाल ही नहीं उठता कि जवानों से नगर में डेंगू संक्रमण फैल रहा है. उन्हें डेंगू यही नक्सल ऑपरेशन व एरिया डोमिनेशन के दौरान हुई है.


Conclusion:4 साल पहले हुई है दर्जनों मौतें...
वर्ष 2015 में गोंडा ब्लॉक में डेंगू से हुई एक दर्जन मौतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं है. बताया जाता है कि पिछले डेढ़ महीने से नगर में डेंगू का प्रकोप है. नगर में सबसे पहले 18 और 19 अगस्त को सीआरपीएफ के 3 जवानों में डेंगू पाया गया. इसके बाद 21 अगस्त को छात्र स्वयं बुधरा बुखार की शिकायत लेकर कोंटा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा. रक्त परीक्षण के बाद डेंगू होने की पुष्टि हुई इस बीच स्वास्थ्य विभाग डेंगू के रोकथाम के लिए किसी तरह की सावधानी नहीं बरती. जब डेंगू के मरीज पहुंचने लगे तो स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार नगर में डेंगू के रोकथाम के लिए कीटनाशक का छिड़काव करने लगे. डोर टू डोर लोगों के घर पहुंच कर स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं. विभाग के कुछ अधिकारी दबी जुबाँ से मानने लगे हैं कि कोंटा नगर में डेंगू ने अपने पांव पसार लिए हैं और लोगों को अपनी जद में लेना शुरू कर दिया है. स्वास्थ विभाग के जिम्मेदारों ने यह भी दावा किया है कि डेंगू के मरीज खतरे से बाहर हैं.

बाइट 01: सोना सिंह बघेल, डेंगू का संभावित मरीज
बाइट 02: बुधराम निषाद, भृत्य बालक आश्रम मेहता
बाइट 03: सीबी प्रसाद बनसोड, सीएमएचओ सुकमा....
Last Updated : Sep 30, 2019, 11:12 AM IST
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