सुकमाः लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में सीपीआई ने भी कमर कसनी शुरू कर दी है. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए. साथ ही पार्टी के बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ने की बात कही.
मनीष कुंजाम ने कहा कि, 'सीपीआई बगैर किसी राजनीतिक पार्टी से समझौता किए पूरी मजबूती के साथ मैदान में उतरेगी. बस्तर के जनहित मुद्दे ही सीपीआई के प्रमुख मुद्दे होंगे. इन्हीं मुद्दों के साथ पार्टी जनता तक पहुंचेगी'.
सीपीआई के लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी के सवाल पर मनीष कुंजाम ने कहा कि, 'कांग्रेस सरकार लोहंडीगुड़ा से टाटा कंपनी को भगाने का श्रेय ले रही है. इसी लोहंडीगुड़ा से सीपीआई का प्रत्याशी चुनाव में उतरेगा'.
कांग्रेस बना रही डर का वातावरण
मनीष कुंजाम ने हमसे बात करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि, 'प्रशासनिक हलकों में भय का वातारण नजर आ रहा है. ढाई महीने की कांग्रेस सरकार में भय का वातावरण निर्मित कर अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला किया जा रहा है. इसके लिए बड़े रकम की उगाही की जा रही है. सुकमा जिले में भी यह परंपरा शुरू हो गई है. साल भर पहले कलेक्टर और दो माह पहले ही एसपी की पोस्टिंग सुकमा में हुई थी. उनका भी तबादला कर दिया गया'.
कवासी लखमा पर लगाए आरोप
मनीष कुंजाम ने मंत्री कवासी लखमा पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर लखमा लाखों का अवैध वसूली कर रहे हैं. आश्रम-छात्रावास और पोटाकेबिन अधीक्षकों की पोस्टिंग के लिए लाखों रुपए लिए जा रहे हैं. चुनाव के बाद इस मामले को लेकर सीपीआई जगह-जगह विरोध करेगी'.
कांग्रेस पर लगाया आरोप
मनीष कुंजाम ने कहा कि, 'एसपी रहे जितेंन्द्र शुक्ला ने ऐसा क्या गुनाह कर दिया है कि सरकार ने उन्हें सुकमा से हटाकर पीएचक्यू में अटैच कर दिया है. दो महीने पहले ही उन्हें सुकमा की कमान सौंपी गई थी. किसी भी आईपीएस और आईपीएस अधिकारी को अचानक एक से दो महीने में ही हटा देना उनकी सर्विस लाइफ के लिए गलत को संदेश दर्शाता है'.