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ganja smuggling in luxury car : सुकमा में गांजा तस्कर गिरफ्तार - Sukma Police

लग्जरी कार में अवैध मादक पदार्थ गांजा की तस्करी करते आरोपी तस्कर को सुकमा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वहीं एक अन्य आरोपी फरार है. तस्कर के कब्जे से सुकमा पुलिस ने 143 किलो 340 ग्राम अवैध मादक पदार्थ गांजा बरामद किया है, जिसकी अनुमानित कीमत 14 लाख 11 हजार 700 रुपये है.

ganja smuggling in luxury car
सुकमा में गांजा तस्कर गिरफ्तार
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Published : Mar 2, 2023, 6:55 PM IST

सुकमा : कोंटा एसडीओपी रोहित शुक्ला ने बताया कि '' पड़ोसी राज्य ओडिशा से लग्जरी कार में अवैध मादक पदार्थ गांजा सुकमा के रास्ते तेलंगाना तस्करी करने की सूचना मुखबिर से मिली थी. जिसके बाद कार्यवाही के लिए कोंटा थाना से विशेष टीम का गठन करके धरपकड़ के लिए रवाना किया. जहां टीम ने चेकिंग करते हुए काले कलर की स्विफ्ट डिजायर कार से अवैध मादक पदार्थ के साथ एक आरोपी तस्कर को गिरफ्तार. वहीं एक अन्य आरोपी तस्कर फरार होने में कामयाब रहा. जिसकी तलाश पुलिस के द्वारा की जा रही है.''

कौन है आरोपी : गिरफ्तार आरोपी तस्कर रिंकू कोड़ी जिला मलकानगिरी ओडिशा का निवासी है. इसके बाद आरोपी तस्कर के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करके विवेचना में लिया गया है. इसके अलावा एसडीओपी ने यह भी बताया कि ''सुकमा जिला पहले गांजा तस्करों का कॉरिडोर हुआ करता था. लेकिन सुकमा पुलिस लगातार तस्करों के खिलाफ कार्यवाही करते नजर आ रही है. यही कारण है कि सुकमा जिले में अब तस्करी की वारदात कम देखने को मिल रही है.''

ओडिशा सीमा से लगता है जिला : सुकमा जिले से लगे पड़ोसी राज्य ओडिशा में अवैध मादक पदार्थ गांजा की खेती बहुतायत से की जाती है. गांजा तस्कर ओड़िशा से बस्तर संभाग के रास्ते गांजा तस्करी की वारदात को अंजाम देते हैं. भारत देश के अलग-अलग राज्यों में ले जाकर महंगे दामों में बेचते हैं. जिसे देखते हुए सुकमा पुलिस इस कार्यवाही को एक बड़ी सफलता मान रही है.

ये भी पढ़ें- झारखंड की नदी में मिला सुकमा के युवक का शव

ओडिशा में कहां होती है गांजा की खेती : ओडिशा के दक्षिणी हिस्सों में अवैध रूप से गांजा या कैनबिस या गांजा की व्यापक रूप से खेती की जाती है. यह उन आदिवासियों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है. आदिवासी गांजा तस्करों और बिचौलियों को बहुत कम पैसों में पत्ते बेचते हैं. लेकिन ये तस्कर दूसरी ओर इन पत्तों को एक मादक पदार्थ के रूप में बेचकर हैं, जो प्रीमियम लागत पर आकर्षक लाभ कमाते हैं.ओडिशा सरकार हर साल गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट और मल्कानगिरी जैसे जिलों में आबकारी विभाग और पुलिस की मदद से सैकड़ों हेक्टेयर अवैध गांजा की खेती को नष्ट कर देती है, क्योंकि नक्सली सत्ता के खिलाफ हिंसा की अपनी गतिविधियों को पूरा करने के लिए इसे बेचते हैं.

सुकमा : कोंटा एसडीओपी रोहित शुक्ला ने बताया कि '' पड़ोसी राज्य ओडिशा से लग्जरी कार में अवैध मादक पदार्थ गांजा सुकमा के रास्ते तेलंगाना तस्करी करने की सूचना मुखबिर से मिली थी. जिसके बाद कार्यवाही के लिए कोंटा थाना से विशेष टीम का गठन करके धरपकड़ के लिए रवाना किया. जहां टीम ने चेकिंग करते हुए काले कलर की स्विफ्ट डिजायर कार से अवैध मादक पदार्थ के साथ एक आरोपी तस्कर को गिरफ्तार. वहीं एक अन्य आरोपी तस्कर फरार होने में कामयाब रहा. जिसकी तलाश पुलिस के द्वारा की जा रही है.''

कौन है आरोपी : गिरफ्तार आरोपी तस्कर रिंकू कोड़ी जिला मलकानगिरी ओडिशा का निवासी है. इसके बाद आरोपी तस्कर के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करके विवेचना में लिया गया है. इसके अलावा एसडीओपी ने यह भी बताया कि ''सुकमा जिला पहले गांजा तस्करों का कॉरिडोर हुआ करता था. लेकिन सुकमा पुलिस लगातार तस्करों के खिलाफ कार्यवाही करते नजर आ रही है. यही कारण है कि सुकमा जिले में अब तस्करी की वारदात कम देखने को मिल रही है.''

ओडिशा सीमा से लगता है जिला : सुकमा जिले से लगे पड़ोसी राज्य ओडिशा में अवैध मादक पदार्थ गांजा की खेती बहुतायत से की जाती है. गांजा तस्कर ओड़िशा से बस्तर संभाग के रास्ते गांजा तस्करी की वारदात को अंजाम देते हैं. भारत देश के अलग-अलग राज्यों में ले जाकर महंगे दामों में बेचते हैं. जिसे देखते हुए सुकमा पुलिस इस कार्यवाही को एक बड़ी सफलता मान रही है.

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ओडिशा में कहां होती है गांजा की खेती : ओडिशा के दक्षिणी हिस्सों में अवैध रूप से गांजा या कैनबिस या गांजा की व्यापक रूप से खेती की जाती है. यह उन आदिवासियों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है. आदिवासी गांजा तस्करों और बिचौलियों को बहुत कम पैसों में पत्ते बेचते हैं. लेकिन ये तस्कर दूसरी ओर इन पत्तों को एक मादक पदार्थ के रूप में बेचकर हैं, जो प्रीमियम लागत पर आकर्षक लाभ कमाते हैं.ओडिशा सरकार हर साल गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट और मल्कानगिरी जैसे जिलों में आबकारी विभाग और पुलिस की मदद से सैकड़ों हेक्टेयर अवैध गांजा की खेती को नष्ट कर देती है, क्योंकि नक्सली सत्ता के खिलाफ हिंसा की अपनी गतिविधियों को पूरा करने के लिए इसे बेचते हैं.

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