सुकमा : किसानों की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं. पहले से ही कोरोना संकट के कारण किसानों को नुकसान पहुंच रहा है. वहीं दूसरी तरफ बेमौसम बारिश, तेज हवाएं और ओलावृष्टि से सब्जियों और फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. मंगलवार शाम को जिला मुख्यालय समेत आसपास के इलाके में तेज आंधी के साथ हुई ओलावृष्टि ने किसानों की बची खुची फसल को भी तबाह कर दिया है.
दरअसल, दोहरी मार झेल रहे किसानों के सामने आर्थिक तंगी का डर सताने लगा है. जिले के अलग-अलग हिस्सों में ओले गिरने की वजह से टमाटर, केला, मूंग, उड़द समेत कई सब्जियों को नुकसान पहुंचा है. किसान अध्यक्ष शेख सुभान ने बताया कि, ‘लॉकडाउन में 12 एकड़ में लगी केले की फसल बर्बाद हो गई. मजबूरन केले को मुफ्त में जरूरतमंदों में बांटना पड़ा. उम्मीद थी कि बची हुई फसल लागत निकाल देगी, लेकिन बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है’.
मुआवजे की मांग
किसानों ने बताया कि, ‘टमाटर, तोरई, सूरजमुखी और करेला लगाया है. ओलावृष्टि से पूरी फसल खराब हो गई है’. उन्होंने बताया कि, ‘अधिकांश किसान बैंक से कर्ज लिए हुए हैं. फसल नष्ट होने से उसकी बिक्री नहीं हो पाएगी और अब वह अपना कर्ज चुकाने में सक्षम भी नहीं है’. किसानों ने कलेक्टर से मांग की है कि नष्ट हुई फसल का आकलन कर तत्काल मुआवजा दिया जाए.