आपको बता दें कि मुकेश गुप्ता और नारायण सिंह पर आरोप लगाया गया है कि इन दोनो ने मिथ्या साक्ष्य गढ़ते हुए अपराधिक षड्यंत्र किया, कूटरचित दस्तावेज तैयार किए, अवैध रूप से फोन टैपिंग कराया गया और न्यायालयीन प्रक्रिया को गुमराह किया. नान घोटाले की जांच के दौरान यह सामने आया, जिसके लिए एसआईटी गठित की गयी है.