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Bacterial E ball: सरगुजा के ई बॉल से साफ कर रहे खजुराहो और जयपुर के तालाब

ई बॉल की उपयोगिता और अधिक बढ़ने लगी है. देश में होने वाले जी 20 समिट के लिये तालाबों की सफाई ई बॉल से कराई गई है. मध्यप्रदेश के खजुराहो और राजस्थान के जयपुर शहर ने अम्बिकापुर के साइंटिस्ट की मदद से अपने शहर के तालाबों को साफ किया है. preparation for G20 summit

surguja E ball used in cleaning  ponds
ई बॉल से तालाबों के पानी का शुद्धिकरण
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Published : Mar 14, 2023, 5:26 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

ई बॉल से साफ हो रहे खजुराहो और जयपुर के तालाब

सरगुजा: देश में जी 20 समिट के तहत अलग अलग शहर में अलग अलग तारीखों में विदेशी मेहमानों का आगमन हो रहा है. अम्बिकापुर के डॉ प्रशांत कहते हैं "विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिये शहरी निकाय बेहतर व्यवस्था और साफ सफाई में लगे हुये हैं. मध्यप्रदेश के खजुराहो और राजस्थान के जयपुर के प्रशासन ने हमसे संपर्क किया. उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों से ई बॉल की चर्चा सुनी थी. इन निकायों ने जी समिट से पहले ई बॉल के जरिये अपने तालाबों को साफ करने की बात कही. जिसके बाद यहां से ई बॉल भेजी गई. टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की गई. आज वहां के तालाब साफ और स्वच्छ हैं. ETV भारत की वजह से ई बॉल की चर्चा हुई थी."

ई बॉल से तालाबों के पानी का शुद्धिकरण: ई बॉल से शहर की नालियों, तालाबों में इसके उपयोग के बाद अब देश भर के शहरों में इसे प्रयोग कर रहे हैं. बैक्टीरिया और फंगस के मिश्रण से तैयार इस ई बॉल ने पानी का शुद्धिकरण कर दिया है. यह पानी अब इतना साफ हो गया है कि इसका उपयोग पीने के लिए भी कर सकते हैं.

ई बॉल की डिमांड बढ़ी: ई बॉल से पानी के पीएच और टीडीएस का लेवल भी आदर्श स्तर पर पहुंच रहा है. ई बॉल के रूप में युवा वैज्ञानिक का प्रयोग अब सफल है. देश भर के कई छोटे बड़े शहरों में ई बॉल की डिमांड है.

12 वर्षों की मेहनत लाई रंग: शहर की नालियों, तालाबों का गंदा पानी शासन प्रशासन के लिए हमेशा से चुनौती भरा काम रहता है. नाली और तालाबों की सफाई के लिए कर्मचारियों की जरूरत तो पड़ती ही थी. इसमें लाखों के खर्च भी होते थे. लगभग 12 वर्षों की मेहनत के बाद युवा वैज्ञानिक डॉ प्रशांत ने एक ऐसे ई बॉल का निर्माण किया, जो गंदे पानी को उपचारित कर उसे पीने योग्य बना देता है.

यह भी पढ़ें: protect your garden in summer: गार्डन के शौकीन है तो जानिए गर्मी में कैसे करें अपने बगीचे की देखभाल !

क्या है ई बॉल: ई बॉल लाभदायक बैक्टीरिया और फंगस का कंसोटिया या मिश्रण है. इसमें टी 64 और एलएबी 2 बैक्टीरिया का उपयोग किया गया है. यह किसी भी पीएच और 45 से ज्यादा तापमान पर भी काम करता है. बॉल में मौजूद सूक्ष्मजीव नाली और तालाब के वॉटर में जाकर ऑर्गेनिक वेस्ट से पोषण लेना शुरु कर संख्या बढ़ाते हैं, जिससे पानी साफ हो जाता है.

90 दिन तक प्रभावी रहती है ई बॉल: एक ई बाल लगभग 150 मीटर लंबी नाली के लिए प्रभावी होती है. एक बार ई बॉल उपयोग करने के बाद 90 दिन तक वह प्रभावी होती है. ई बॉल के उपयोग से बार बार नाली जाम और नाली से आने वाली दुर्गंध से छुटकारा मिल रहा है.

चम्बोथी तालाब में किया पहला प्रयोग: इस ई बॉल का प्रयोग अम्बिकापुर नगर निगम ने शहर के बीच स्थित गंदे चम्बोथी तालाब में किया था. शुरुआत में जब इस तालाब में ई बॉल को डाला गया, तो यहां का पानी काफी गंदा था. लेकिन 15 दिनों में ई बॉल का उपयोग करने पर तालाब के अंदर मौजूद गंदगी साफ होने लगी.
जब टीम ने इसके पानी की जांच की तो इसका पीएच 6.75 और टीडीएस 276 मापा गया. जबकि सामान्य रूप से भी पानी का पीएच 6-7 के बीच और टीडीएस 200 से 400 के बीच अच्छा माना जाता है. अब शहर के मरिन ड्राइव तालाब में इसका प्रयोग चल रहा है.

ई बॉल से साफ हो रहे खजुराहो और जयपुर के तालाब

सरगुजा: देश में जी 20 समिट के तहत अलग अलग शहर में अलग अलग तारीखों में विदेशी मेहमानों का आगमन हो रहा है. अम्बिकापुर के डॉ प्रशांत कहते हैं "विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिये शहरी निकाय बेहतर व्यवस्था और साफ सफाई में लगे हुये हैं. मध्यप्रदेश के खजुराहो और राजस्थान के जयपुर के प्रशासन ने हमसे संपर्क किया. उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों से ई बॉल की चर्चा सुनी थी. इन निकायों ने जी समिट से पहले ई बॉल के जरिये अपने तालाबों को साफ करने की बात कही. जिसके बाद यहां से ई बॉल भेजी गई. टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की गई. आज वहां के तालाब साफ और स्वच्छ हैं. ETV भारत की वजह से ई बॉल की चर्चा हुई थी."

ई बॉल से तालाबों के पानी का शुद्धिकरण: ई बॉल से शहर की नालियों, तालाबों में इसके उपयोग के बाद अब देश भर के शहरों में इसे प्रयोग कर रहे हैं. बैक्टीरिया और फंगस के मिश्रण से तैयार इस ई बॉल ने पानी का शुद्धिकरण कर दिया है. यह पानी अब इतना साफ हो गया है कि इसका उपयोग पीने के लिए भी कर सकते हैं.

ई बॉल की डिमांड बढ़ी: ई बॉल से पानी के पीएच और टीडीएस का लेवल भी आदर्श स्तर पर पहुंच रहा है. ई बॉल के रूप में युवा वैज्ञानिक का प्रयोग अब सफल है. देश भर के कई छोटे बड़े शहरों में ई बॉल की डिमांड है.

12 वर्षों की मेहनत लाई रंग: शहर की नालियों, तालाबों का गंदा पानी शासन प्रशासन के लिए हमेशा से चुनौती भरा काम रहता है. नाली और तालाबों की सफाई के लिए कर्मचारियों की जरूरत तो पड़ती ही थी. इसमें लाखों के खर्च भी होते थे. लगभग 12 वर्षों की मेहनत के बाद युवा वैज्ञानिक डॉ प्रशांत ने एक ऐसे ई बॉल का निर्माण किया, जो गंदे पानी को उपचारित कर उसे पीने योग्य बना देता है.

यह भी पढ़ें: protect your garden in summer: गार्डन के शौकीन है तो जानिए गर्मी में कैसे करें अपने बगीचे की देखभाल !

क्या है ई बॉल: ई बॉल लाभदायक बैक्टीरिया और फंगस का कंसोटिया या मिश्रण है. इसमें टी 64 और एलएबी 2 बैक्टीरिया का उपयोग किया गया है. यह किसी भी पीएच और 45 से ज्यादा तापमान पर भी काम करता है. बॉल में मौजूद सूक्ष्मजीव नाली और तालाब के वॉटर में जाकर ऑर्गेनिक वेस्ट से पोषण लेना शुरु कर संख्या बढ़ाते हैं, जिससे पानी साफ हो जाता है.

90 दिन तक प्रभावी रहती है ई बॉल: एक ई बाल लगभग 150 मीटर लंबी नाली के लिए प्रभावी होती है. एक बार ई बॉल उपयोग करने के बाद 90 दिन तक वह प्रभावी होती है. ई बॉल के उपयोग से बार बार नाली जाम और नाली से आने वाली दुर्गंध से छुटकारा मिल रहा है.

चम्बोथी तालाब में किया पहला प्रयोग: इस ई बॉल का प्रयोग अम्बिकापुर नगर निगम ने शहर के बीच स्थित गंदे चम्बोथी तालाब में किया था. शुरुआत में जब इस तालाब में ई बॉल को डाला गया, तो यहां का पानी काफी गंदा था. लेकिन 15 दिनों में ई बॉल का उपयोग करने पर तालाब के अंदर मौजूद गंदगी साफ होने लगी.
जब टीम ने इसके पानी की जांच की तो इसका पीएच 6.75 और टीडीएस 276 मापा गया. जबकि सामान्य रूप से भी पानी का पीएच 6-7 के बीच और टीडीएस 200 से 400 के बीच अच्छा माना जाता है. अब शहर के मरिन ड्राइव तालाब में इसका प्रयोग चल रहा है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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