सरगुजा: जिले में बीते सप्ताह लगातार बारिश हुई, लेकिन शनिवार को दोपहर से लेकर रात तक मूसलाधार बारिश ने पूरे शहर को परेशान कर दिया. कई निचले इलाकों में घरों में पानी घुस गया. अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में पानी भरने से वहां मौजूद मेडिकल स्टाफ परेशान हो गया. आइसोलेशन वार्ड में रखे सामान पानी में तैरने लगे. जानकारी के मुताबिक वहां 9 मरीज भर्ती हैं.
आइसोलेशन वार्ड में ऐसे लोगों को रखा जाता है, जिन्होंने संदेह के आधार पर अपनी कोरोना जांच कराई हो. वार्ड में जलभराव से संक्रमण का खतरा हो सकता है. लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्वशासी समिति के सदस्य और मेयर डॉक्टर अजय तिर्की इसे प्राकृतिक आपदा बात रहे हैं. मेयर कहते हैं की इतनी तेज बारिश हुई की ड्रेनेज सिस्टम सही होने के बाद भी पानी भर गया. मेयर ने कहा कि सामान्य स्थिति में ऐसा कभी नहीं होता है.
बहरहाल ऐसा पहली बार हुआ है कि बारिश का पानी अस्पताल के वार्ड तक पहुंच गया हो. अब देखना होगा की ऐसी आपदा से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग कैसी तैयारी करता है.
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बता दें कि सरगुजा में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अबतक कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3 हजार 295 पहुंच चुका है. इनमें से 2 हजार 544 लोगों को इलाज के बाद ठीक कर लिया गया है. कोरोना से अबतक जिले में 29 लोगों की मौत हो चुकी है. जिला प्रशासन लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं को बहाल करने में लगा हुआ है.
घर-घर जाकर जांच और सर्वे
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए शासन ने लोगों के घर-घर जाकर जांच और सर्वे के निर्देश दिए थे. ताकि अधिक से अधिक संक्रमितों की पहचान की जा सके और उन्हें समय रहते उपचार मुहैय्या कराया जा सके. बड़ी संख्या में लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, लेकिन डर के कारण बीमारी छिपा रहे थे. बिना लक्षण वाले संक्रमित शहर में घूम-घूम कर संक्रमण फैला रहे थे. ऐसे में 2 अक्टूबर से डोर-टू-डोर सर्वे चालू कराया गया. ताकि संक्रमितों की पहचान की जा सके. प्रशिक्षण शुरू होने के बाद सरगुजा जिले में भी मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वे किया है.
हाई रिस्क संक्रमितों को खतरा अधिक
सर्वे में हाई रिस्क के अंतर्गत गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों की पहचान, सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की पहचान कर उनका पहले एंटीजन टेस्ट कराना है. एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आने पर उनका आरटीपीसीआर के लिए सैंपल लिया जाना है. सांस शुगर और बीपी जैसी बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए कोरोना संक्रमण खतरनाक है. ऐसे में इन मरीजों की पहचान के लिए प्रशासन पहल कर रहा है.