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NEET के परिणाम जारी, मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर में एडमिशन की तैयारी शुरू

NEET के परिणाम आते ही मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर में 100 सीटों के लिए एडमिशन की तैयारी शुरू हो गई है. इस साल मान्यता मिलने के बाद नए सत्र में प्रवेश के लिए कॉलेज प्रबंधन ने समितियों का गठन कर लिया है. 100 में से 82 सीट राज्य के छात्रों के लिए आरक्षित हैं.

Medical College Ambikapur
अंबिकापुर शासकीय मेडिकल कॉलेज
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Published : Oct 17, 2020, 7:11 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: शुक्रवार को नीट की परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नए सत्र में 100 एमबीबीएस सीटों की मान्यता मिलने के बाद छात्र-छात्राओं की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है. मेडिकल कॉलेज में नए सत्र के प्रवेश के लिए कॉलेज प्रबंधन ने समितियों का गठन कर लिया है. कॉलेज की मान्यता और नए सत्र के प्रवेश के लिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सीआर प्रसन्ना भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे चुके हैं.

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की तैयारी

पढ़ें-स्वास्थ्य मंत्री ने दिये पोस्ट कोविड ट्रीटमेंट सेंटर बनाने के निर्देश, राजकुमार कॉलेज में पढ़ेगी रेप पीड़िता

अंबिकापुर शासकीय मेडिकल कॉलेज को वर्ष 2020-21 के पांचवें सत्र की मान्यता मिल चुकी है. दो बार जीरो ईयर होने के बाद मेडिकल कॉलेज के लिए मान्यता काफी अहमियत रखती है. एमसीआई/एनएमसी से कॉलेज की मान्यता मिलने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने अपने पांचवें सत्र के बैच की प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है. इस वर्ष कॉलेज में 100 सीटों के लिए शासन के जारी किए गए अलॉटमेंट के आधार पर एमबीबीएस स्टूडेंट्स के एडमिशन लिए जाएंगे. एडमिशन के पहले छात्र-छात्राओं को एक सप्ताह से दस दिनों का समय दिया जाता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि माह के अंत से प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाएगी, लेकिन उसके पहले कॉलेज प्रबंधन ने एनएमसी के मापदंडों के अनुसार काउंसलिंग कमेटी, स्क्रूटनी समिति, हेल्प डेस्क का निर्माण कर लिया है.

विशेष सचिव ने किया निरीक्षण

मेडिकल कॉलेज अस्पताल को मान्यता मिलने के साथ ही नए सत्र की तैयारियों के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सीआर प्रसन्ना सरगुजा पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने गुरुवार और शुक्रवार को कॉलेज का निरीक्षण किया. विशेष सचिव ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के वायरोलॉजी लैब, गैस प्लांट निर्माण, कोविड-19 वार्ड, नाकीपुरिया वार्ड का निरीक्षण किया और कोविड वार्ड में हर बेड पर जल्द से जल्द ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था के साथ ही ऑक्सीजन प्लांट निर्माण के निर्देश दिए. उन्होंने मेडिकल कॉलेज अस्पताल और निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद कॉलेज प्रबंधन के साथ ही पीडब्ल्यूडी, सीजीएमएससी, ईएन्डएम के अधिकारियों के साथ बैठक लेकर समीक्षा की. उन्होंने कॉलेज में नए सत्र की तैयारियों को लेकर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि एनएमसी के मानकों को ध्यान में रखकर प्रवेश लिए जाए. इसके साथ ही अगले सत्र की मान्यता के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी जाएं.

82 सीट आरक्षित

मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर को एमबीबीएस की 100 सीटें प्रदान की गई हैं. इन 100 सीटों में से 82 सीट स्टेट कोटा के छात्रों के लिए है, जबकि 15 सीट केंद्रीय कोटा के अंतर्गत आते हैं. कॉलेज की 3 सीटें केंद्रीय पूल के अंतर्गत आते हैं. इन तीन सीटों को केंद्रशासित प्रदेश के छात्र-छात्राओं को अलॉट किए जाते हैं. कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया भी दो चरणों में होगी और दूसरा चरण मॉपअप राउंड होगा.

फैकल्टी की कमी हुई पूरी

मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए सबसे बड़ी समस्या फैकल्टी की कमी थी, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने इस कमी को काफी हद तक दूर करने में सफलता हासिल कर ली है. कॉलेज के पांचवें सत्र तक की मान्यता के लिए कुल 106 फैकल्टी की जरूरत थी. इस बार कॉलेज प्रबंधन ने इस कमी को दूर किया है और अब सिर्फ 8.49 प्रतिशत फैकल्टी की कमी है. इनमें 5 प्रोफेसर, 4 एसोसिएट प्रोफेसर और 3 एसआर की कमी है.

सरगुजा: शुक्रवार को नीट की परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नए सत्र में 100 एमबीबीएस सीटों की मान्यता मिलने के बाद छात्र-छात्राओं की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है. मेडिकल कॉलेज में नए सत्र के प्रवेश के लिए कॉलेज प्रबंधन ने समितियों का गठन कर लिया है. कॉलेज की मान्यता और नए सत्र के प्रवेश के लिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सीआर प्रसन्ना भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे चुके हैं.

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की तैयारी

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अंबिकापुर शासकीय मेडिकल कॉलेज को वर्ष 2020-21 के पांचवें सत्र की मान्यता मिल चुकी है. दो बार जीरो ईयर होने के बाद मेडिकल कॉलेज के लिए मान्यता काफी अहमियत रखती है. एमसीआई/एनएमसी से कॉलेज की मान्यता मिलने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने अपने पांचवें सत्र के बैच की प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है. इस वर्ष कॉलेज में 100 सीटों के लिए शासन के जारी किए गए अलॉटमेंट के आधार पर एमबीबीएस स्टूडेंट्स के एडमिशन लिए जाएंगे. एडमिशन के पहले छात्र-छात्राओं को एक सप्ताह से दस दिनों का समय दिया जाता है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि माह के अंत से प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाएगी, लेकिन उसके पहले कॉलेज प्रबंधन ने एनएमसी के मापदंडों के अनुसार काउंसलिंग कमेटी, स्क्रूटनी समिति, हेल्प डेस्क का निर्माण कर लिया है.

विशेष सचिव ने किया निरीक्षण

मेडिकल कॉलेज अस्पताल को मान्यता मिलने के साथ ही नए सत्र की तैयारियों के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सीआर प्रसन्ना सरगुजा पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने गुरुवार और शुक्रवार को कॉलेज का निरीक्षण किया. विशेष सचिव ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के वायरोलॉजी लैब, गैस प्लांट निर्माण, कोविड-19 वार्ड, नाकीपुरिया वार्ड का निरीक्षण किया और कोविड वार्ड में हर बेड पर जल्द से जल्द ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था के साथ ही ऑक्सीजन प्लांट निर्माण के निर्देश दिए. उन्होंने मेडिकल कॉलेज अस्पताल और निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद कॉलेज प्रबंधन के साथ ही पीडब्ल्यूडी, सीजीएमएससी, ईएन्डएम के अधिकारियों के साथ बैठक लेकर समीक्षा की. उन्होंने कॉलेज में नए सत्र की तैयारियों को लेकर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि एनएमसी के मानकों को ध्यान में रखकर प्रवेश लिए जाए. इसके साथ ही अगले सत्र की मान्यता के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी जाएं.

82 सीट आरक्षित

मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर को एमबीबीएस की 100 सीटें प्रदान की गई हैं. इन 100 सीटों में से 82 सीट स्टेट कोटा के छात्रों के लिए है, जबकि 15 सीट केंद्रीय कोटा के अंतर्गत आते हैं. कॉलेज की 3 सीटें केंद्रीय पूल के अंतर्गत आते हैं. इन तीन सीटों को केंद्रशासित प्रदेश के छात्र-छात्राओं को अलॉट किए जाते हैं. कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया भी दो चरणों में होगी और दूसरा चरण मॉपअप राउंड होगा.

फैकल्टी की कमी हुई पूरी

मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए सबसे बड़ी समस्या फैकल्टी की कमी थी, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने इस कमी को काफी हद तक दूर करने में सफलता हासिल कर ली है. कॉलेज के पांचवें सत्र तक की मान्यता के लिए कुल 106 फैकल्टी की जरूरत थी. इस बार कॉलेज प्रबंधन ने इस कमी को दूर किया है और अब सिर्फ 8.49 प्रतिशत फैकल्टी की कमी है. इनमें 5 प्रोफेसर, 4 एसोसिएट प्रोफेसर और 3 एसआर की कमी है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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