सरगुजा: प्रदेश में स्पष्ट बहुमत से सत्ता में आई कांग्रेस की सरकार में आपसी खींचतान चरम पर दिख रही है. अंबिकापुर नगर निगम में कांग्रेस के मेयर, जिलाध्यक्ष और निगम मंडल के दो अध्यक्ष धरने पर बैठ गए हैं. रमन सरकार पर अधिकारियों की मनमानी वाली सरकार होने का आरोप लगाने वाली पार्टी की सरकार में भी अधिकारी जन प्रतिनिधियों की नहीं सुन रहे हैं. इसका खामियाजा अब अंबिकापुर शहर भुगत रहा है.
छत्तीसगढ़ रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (CGRDC) के अधिकारी न तो मेयर की सुन रहे हैं और न ही मंत्री का दर्जा प्राप्त निगम मंडल के अध्यक्षों की. लिहाजा सौ करोड़ से ज्यादा की लागत से बनी रिंग रोड शहर के लिए अभिशाप बन चुकी है. सड़क के निर्माण में मानकों की ऐसी अनदेखी की गई कि अब रिंग रोड की वजह से लोगों के घरों में बारिश का पानी अंदर तक घुसने लगा है.
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कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन
दरअसल, रिंग रोड में 4 से 5 जगहों पर जल भराव की समस्या है. इसे लेकर लोगों की लगातार शिकायतें आ रही थी. महापौर अजय तिर्की, नगर निगम के पीडब्ल्यूडी प्रभारी और श्रम मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद कई बार जिम्मेदारों को पत्र लिखकर अवगत करा चुके हैं. साथ ही सड़क मेंटेनेंस करने के निर्देश भी दिए गए, लेकिन ठेकेदार और सीजीआरडीसी (CGRDC) सड़क निर्माण के दौरान किसी भी मानकों का ध्यान नहीं दे रहा है. रविवार की रात भी बारिश से शहर के रिंग रोड में पानी निकासी की समस्या के कारण घरों में पानी घुस गया. ऐसे में सोमवार को महापौर अजय तिर्की और अन्य पदाधिकारी रोड पर मिशन चौक के पास धरने पर बैठ गए. महापौर के धरने पर बैठने के बाद निगम अमला भी मौके पर पहुंचा था. प्रदर्शन के दौरान मेयर ने एसडीएम को कलेक्टर नाम ज्ञापन सौंपकर संबंधित लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग की है.