सरगुजा: कोरोना वायरस से संकम्रित लोगों के इलाज के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 100 बेड वाले कोविड-19 वार्ड बनाया गया है. यहां लगातार संभाग के चार जिलों सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर और कोरिया के मरीजों को भर्ती कराया गया है. प्रबंधन के जारी किए गए आंकड़ों में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब कुल 64 मरीजों का उपचार जारी है. मेडिकल कॉलेज से ठीक होकर घर लौटने वालों की संख्या 3 है. बाकी संक्रमितों का इलाज लगातार किया जा रहा है. इधर मरीजों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के साथ ही लोगों को ये चिंता सताने लगी है कि आंकड़े और बढ़े तो इलाज के लिए क्या इंतजाम होगा.
कोरोना जिस रफ्तार से संभाग भर में पांव पसार रहा है, इससे आने वाले दिनों में स्थिति नियंत्रण से बाहर जा सकती है. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड-19 मरीजों के लिए सिर्फ 100 बेड हैं, जिनमें से 75 जनरल बेड के साथ ही 10 आईसीयू और 15 एसडीयू वार्ड हैं. सरगुजा संभाग में सर्वाधिक कोरिया जिले के मरीज हैं, जबकि दूसरे नंबर पर बलरामपुर है. बावजूद इसके लोगों की आदतों में परिवर्तन नहीं आ रहा है और लोग सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाइजेशन सहित अन्य नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.
बलरामपुर और सूरजपुर में भी बनाए गए हैं कोविड अस्पताल
वर्तमान में 64 मरीजों का उपचार जारी है. यहां लगभग 10 बिस्तरों को गंभीर मरीजों के लिए आरक्षित रखा जाएगा. अगर लगातार संक्रमितों के आंकड़ों में बढ़ोतरी होती है तो अस्पताल में बिस्तरों की संख्या कम पड़ सकती है. ऐसे में नए मरीजों को भर्ती करना संभव नहीं होगा. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन चाह कर भी नए मरीज भर्ती नहीं कर सकता, जो चिंता का विषय है. ऐसे में अब शासन-प्रशासन को यहां बेड की संख्या बढ़ाने या फिर निजी हॉस्पिटल को कोरोना के उपचार के लिए अधिग्रहीत करने की जरूरत पड़ सकती है. शासन के निर्देश के तहत मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अलावा बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर में 30 बेड का कोविड-19 हॉस्पिटल बनाया गया है.
बढ़ाई गई डॉक्टर्स की संख्या
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड-19 हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही डॉक्टर्स की संख्या भी बढ़ा दी गई है. जहां पूर्व में एक डॉक्टर की ड्यूटी कोविड वार्ड में लगाई गई थी, वहां अब तीन डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई गई है. इसके साथ ही नर्स और वार्ड ब्वॉय की संख्या भी बढ़ा दी गई है, जो लगातार एक सप्ताह तक हॉस्पिटल के अंदर ही रहकर मरीजों का उपचार करेंगे. मेडिकल कॉलेज में मरीजों को मिनरल पानी के साथ ही पैकेजिंग वाला गुणवत्तापूर्ण खाना दिया जा रहा है.
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सूरजपुर जिले में भी 100 बेड वाले हॉस्पिटल की स्थापना की गई है. मरीजों को लगातार सरगुजा के कोविड अस्पताल भेजने से वहां दबाव बढ़ता जा रहा है. वहीं भविष्य में सूरजपुर और बलरामपुर के हॉस्पिटल में भी ट्रीटमेंट शुरू कराया जा सकता है, लेकिन प्रशासन और कोविड-19 हॉस्पिटल प्रबंधन इसके लिए कितना तैयार है यह देखना जरूरी होगा.