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शहर को पॉलिथीन मुक्त बनाने पेड़ों पर लटकाए कपड़े के थैले, आइए और ले जाइए! - प्लास्टिक मुक्त राजनांदगांव

जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर डोंगरगांव ब्लॉक के युवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ठीक सामने लगे पेड़ पर चारों तरफ कपड़े के थैले बांधकर लोगों से शहर को प्लास्टिकमुक्त बनाने की अपील कर रहे हैं.

लोगों को जागरुक करने पेड़ पर लटका दिए कपड़े के थैले
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Published : Oct 16, 2019, 10:00 AM IST

राजनांदगांव: जिले के डोंगरगांव में एक पेड़ लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. दरअसल, इस पेड़ पर रंग-बिरंगे एक समान लटके हुए दिखाई दे रहे हैं, लेकिन यह कोई पेड़ पर लगे फल नहीं है, ये कपड़े के थैले हैं जो शहर को प्लास्टिकमुक्त बनाने के लिए अपनाई गई तकनीक है. जी हां, स्थानीय युवाओं ने शहर को प्लास्टिकमुक्त बनाने ये अनोखी पहल की है, जो वहां से गुजरने वाले लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है.

लोगों को जागरुक करने पेड़ पर लटका दिए कपड़े के थैले

जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर डोंगरगांव ब्लॉक के युवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ठीक सामने लगे पेड़ पर चारों तरफ कपड़े के थैले बांधकर लोगों से शहर को प्लास्टिकमुक्त करने की अपील कर रहे हैं. इस नजारे को देखकर लोग प्लास्टिक को लेकर सरकार के निर्देशों के साथ ही प्लास्टिक के नुकसान को लेकर चर्चा भी कर रहे हैं.

'प्लास्टिक मुक्त शहर बनाना है'
अभियान से जुड़े युवा भोज साहू का कहना है कि शहर को प्लास्टिकमुक्त बनाने के लिए सबसे जरूरी है लोगों में प्लास्टिक के प्रति जागरुकता लाना और प्लास्टिक से होने वाले नुकसान को बताना.

पढ़ें- अगर हर हॉस्टल करे ऐसी पहल, तो सुरक्षित रहेंगी बेटियां

शहर के पेड़ों पर कपड़े के थैले बांधकर लोगों में चर्चा के लिए विषय पैदा करने का यह अनोखा प्रयोग है ताकि लोग प्लास्टिक के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करें. प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर कपड़े के थैलों का प्रयोग करें. उनका कहना है कि कोई भी आम नागरिक इन पेड़ों पर लगे थैलों का उपयोग कर सकता है.

राजनांदगांव: जिले के डोंगरगांव में एक पेड़ लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. दरअसल, इस पेड़ पर रंग-बिरंगे एक समान लटके हुए दिखाई दे रहे हैं, लेकिन यह कोई पेड़ पर लगे फल नहीं है, ये कपड़े के थैले हैं जो शहर को प्लास्टिकमुक्त बनाने के लिए अपनाई गई तकनीक है. जी हां, स्थानीय युवाओं ने शहर को प्लास्टिकमुक्त बनाने ये अनोखी पहल की है, जो वहां से गुजरने वाले लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है.

लोगों को जागरुक करने पेड़ पर लटका दिए कपड़े के थैले

जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर डोंगरगांव ब्लॉक के युवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ठीक सामने लगे पेड़ पर चारों तरफ कपड़े के थैले बांधकर लोगों से शहर को प्लास्टिकमुक्त करने की अपील कर रहे हैं. इस नजारे को देखकर लोग प्लास्टिक को लेकर सरकार के निर्देशों के साथ ही प्लास्टिक के नुकसान को लेकर चर्चा भी कर रहे हैं.

'प्लास्टिक मुक्त शहर बनाना है'
अभियान से जुड़े युवा भोज साहू का कहना है कि शहर को प्लास्टिकमुक्त बनाने के लिए सबसे जरूरी है लोगों में प्लास्टिक के प्रति जागरुकता लाना और प्लास्टिक से होने वाले नुकसान को बताना.

पढ़ें- अगर हर हॉस्टल करे ऐसी पहल, तो सुरक्षित रहेंगी बेटियां

शहर के पेड़ों पर कपड़े के थैले बांधकर लोगों में चर्चा के लिए विषय पैदा करने का यह अनोखा प्रयोग है ताकि लोग प्लास्टिक के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करें. प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर कपड़े के थैलों का प्रयोग करें. उनका कहना है कि कोई भी आम नागरिक इन पेड़ों पर लगे थैलों का उपयोग कर सकता है.

Intro:राजनांदगांव. डोंगरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के करीब से गुजर रहे लोगों को यह पेड़ आश्चर्यचकित कर रहा है क्योंकि इस पेड़ पर कपड़े के थैले लटके हुए दिखाई दे रहे हैं लेकिन यह कोई पेड़ के फल नहीं है यह शहर को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए अपनाई गई तकनीक है, जी हां युवाओं ने प्रयास करते हुए प्लास्टिक शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए इस तरकीब को अपनाया है यहां से गुजरने वाले लोगों के लिए यह चर्चा का विषय बना हुआ है.

Body:जिला मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर डोंगरगांव ब्लॉक के युवाओं ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ठीक सामने लगे पेड़ पर चारों तरफ कपड़े के थैले बांधकर लोगों को शहर को प्लास्टिक मुक्त करने की अपील कर रहे हैं इस नजारे को देखकर लोग प्लास्टिक को लेकर सरकार के निर्देशों के साथ ही प्लास्टिक के नुकसान को लेकर चर्चा भी कर रहे हैं इस मुहिम को शुरू करने वाले युवाओं का कहना है कि लोगों में प्लास्टिक के प्रति जागरूकता आनी जरूरी है इस उद्देश्य से इस प्रयोग को किया गया है.

Conclusion:प्लास्टिक मुक्त शहर बनाना है
अभियान से जुड़े युवा भोज साहू का कहना है कि शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सबसे जरूरी है लोगों में प्लास्टिक के प्रति जागरूकता लाना और प्लास्टिक से होने वाले नुकसान को बताना शहर के पेड़ों में प्लास्टिक के थैले बांधकर लोगों में चर्चा के लिए विषय पैदा करने का यह प्रयोग है ताकि लोग प्लास्टिक के फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा कर सके और इसके उपयोग को रोककर प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर कपड़े के थैलों का प्रयोग कर सकें. उनका कहना है कि कोई भी आम नागरिक इन पेड़ों पर लगे थैलों का उपयोग कर सकता है.

बाइट भोज साहू पर्यावरण प्रेमी
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