राजनांदगांव: जिले के सुदूर वनांचल मानपुर में स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने स्वावलंबन की नई मिसाल पेश की है. मानपुर के वैभव लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने वाटर फिल्टर प्लांट की शुरुआत की है. महिलाओं को वाटर फिल्टर गतिविधि से जोड़ने की दिशा में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से कारगर प्रयास किए गए हैं.
वाटर फिल्टर प्लांट से निर्मित शुद्ध RO जल की मानपुर क्षेत्र के विभिन्न कार्यालयों, दुकान, स्कूल, कॉलेज, शादी विवाह और अन्य अवसरों में आपूर्ति की जाएगी. इसका उद्देश्य वनांचल क्षेत्र में शुद्ध जल की आपूर्ति कर आय अर्जन के साथ-साथ लोगों को बीमारियों से बचाना है.
प्रतिदिन 500 जार पानी शुद्धिकरण की क्षमता
वाटर फिल्टर प्लांट स्थापना में रायपुर की संस्था गंगा फाउंडेशन का महत्वपूर्ण योगदार रहा है. संस्था द्वारा 4.50 लाख रुपये की लागत की मशीन को मात्र 1.50 लाख रुपये के डिपोजिट करने के बाद स्थापित किया है. इसके बाद प्राप्त लाभांश में 60 प्रतिशत समूह का और 40 प्रतिशत संस्था को जाएगा. 3 साल 4 महीने बाद कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार संस्था द्वारा डिपोजिट की राशि समूह को वापस लौटा दी जाएगी. संस्था द्वारा मशीन के साथ 300 प्लास्टिक के 20 लीटर के जार भी दिए गए हैं. मशीन की क्षमता प्रतिदिन 500 जार पानी शुद्धिकरण की है. शुरुआती दौर में प्रतिदिन अनुमानित 100 जार पानी की सप्लाई होगी, आगे मांग बढने पर 200-300 जार पानी की सप्लाई संभावित है. प्रति जार 10-20 रुपये में आपूर्ति की जानी है और वहां से आपूर्ति 30-40 रुपये हो सकती है. इस तरह से औसत 20 रुपये प्रति जार की बिक्री होगी.
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वनांचल क्षेत्र में स्वावलंबन के साथ शुद्ध जल होगा उपलब्ध
फिल्टर प्लांट में 2-3 महिलाएं अलग-अलग दिन शिफ्ट में काम करेंगी, जिससे प्रति महीने 43 हजार रुपये बचत होने का आनुमान है. समूह का संस्था से अनुबंध अनुसार प्रति जार 4 रुपये के मान से लाभांश देना होगा. इस तरह प्रति दिन 100 लीटर की बिक्री पर 400 रुपये और महीने में 12 हजार रुपये देय होगा. वहीं समूह को करीब 31 हजार रुपये प्रति महीने शुद्ध लाभ हो सकता है.