राजनांदगांव : भले ही आज इंसान ने तरक्की कर ली हो. लेकिन अब भी कई इलाके ऐसे हैं जहां पर रहने वाले लोगों की मानसिकता नहीं बदली.आज भी जाति और धर्म को लेकर इंसान एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं.ऐसा ही एक मामला राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव में सामने आया.जहां के तिलईरवार में रहने वाले एक परिवार को गांव से बहिष्कृत कर दिया गया. गांव में परिवार का हुक्का पानी बंद होने के बाद अब परिवार ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है.
कहां का है मामला : तिलईरवार निवासी विकास सिंह और उसके परिवार को दबंगों ने बहिष्कृत किया है. पीड़ित के मुताबिक वो गांव में अंडा और मुंगौड़ी का ठेला चलाता है. इसी से उसके परिवार का भरण पोषण होता है. 23 जुलाई को गांव में विकास सिंह के खिलाफ एक बैठक बुलाई गई. इसमें उस पर ठेले में शराब परोसने और पिलाने का आरोप लगाया गया. विकास ने आरोपों को साबित करने को कहा. लेकिन बिना आरोप साबित किए विकास समेत उसके पूरे परिवार को गांव से बहिष्कृत करने का फैसला दबंगों ने सुना दिया. इसके बाद परिवार से गांव का कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का संपर्क नहीं रख रहा है.
कलेक्टर से न्याय की गुहार : गांव में बहिष्कृत परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया गया. ना तो अब परिवार गांव के किसी दुकान से सामान ले पा रहा है.और ना ही किसी व्यक्ति को परिवार की मदद करने दिया जा रहा है. जिसके बाद अब परिवार कलेक्टर से न्याय की गुहार लगा रहा है. परिवार ने झूठा आरोप लगाकर बहिष्कृत करने का आरोप दबंगों पर लगाया है. न्याय की मांग पर कलेक्टर के नाम पर डिप्टी कलेक्टर को पत्र सौंपा है.
विकास सिंह द्वारा ज्ञापन दिया गया है. उनका परिवार आया हुआ था. उनकी यह शिकायत है कि उनको शराब पिलाने के मामले में गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है. उनके द्वारा शिकायत दी गई है. इस संबंध में संबंधित एसडीएम और पुलिस अधिकारियों को पत्राचार किया जाएगा और जांच कर आगे कार्रवाई की जाएगी.' -इंदिरा देहारी, डिप्टी कलेक्टर
आज भी कई गांवों में बहिष्कृत और हुक्का पानी बंद करने के मामले सामने आ रहे हैं. राजनांदगांव जिले का ये मामला इस बात का जीता जागता उदाहरण है, जहां पीड़ित परिवार ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है. लेकिन इस परिवार को न्याय कब मिलता है.ये देखने वाली बात होगी.