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राजनांदगांव: 3 महीने के कष्ट, कर्ज लेकर परिवार चलाने के बाद अब दौड़ेंगे बसों के पहिए

5 जुलाई से प्रदेशभर में बस सेवा फिर से शुरू हो जाएगी. लॉकडाउन के कारण 3 महीने से बसों के परिचालन बंद थे, जिसके चलते बस संचालकों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई थी.

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Published : Jul 4, 2020, 10:56 PM IST

bus service will start
फिर शुरू होंगी बस सेवा

राजनांदगांव: प्रदेश में रविवार से बसों के थमे पहिए फिर से चलने लगेंगे. सरकार के सामने बस संचालकों ने जो मांगे रखी थी वो मान ली गई हैं. लेकिन लॉकडाउन के दौरान जो ताला बस स्टैंड पर लटका उसने बस मालिकों को बेहाल कर दिया है. न तो वे लोन की किस्त पटा पा रहे हैं और न ही ड्राइवर, मुंशी और हेल्पर को वेतन दे पा रहे हैं. यात्री बसों में काम करने वालों के सामने दो वक्त की रोटी जुटाने की मुसीबत खड़ी हो गई. उम्मीद है कि बस संचालन शुरू होने के बाद कुछ स्थिति सुधरे.

छत्तीसगढ़ में अब दौड़ेंगी बसें

केंद्र सरकार ने धीरे-धीरे देश को अनलॉक करने की प्रक्रिया में तेजी ला दी है. इसी तारतम्य में राज्य शासन ने भी यात्री बसों के संचालन को लेकर 3 माह की मासिक कर में यात्री बस संचालकों को छूट दे दी. और फिर बाकी मांगे भी मान ली.

संचालकों के सर पर लोन

इस दौरान डीजल की कीमतों में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हुई. यात्री बस संचालकों की मानें तो डीजल के दाम 15 दिनों में काफी बढ़ चुके हैं. वहीं यात्री बस के लिए गए लोन की किस्त भी सिर पर है इसलिए उन्हें आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है. अभी संचालन शुरू होने के बाद भी लोग डर की वजह से कम यात्रा करेंगे, ऐसे में पहली जैसी स्थिति नहीं आ पाएगी.

पढ़ें- 5 जुलाई से छत्तीसगढ़ में चलेंगी यात्री बसें, परिवहन मंत्री के साथ बैठक के बाद फैसला

पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए बनाए गए हैं नियम

पहले राज्य शासन ने यात्री बस शुरू करने के लिए पहल की थी और 3 माह का मासिक वेतन माफ करते हुए बस संचालकों को यात्री बस सेवा शुरू करने को कहा था. लेकिन अब तक के बस आपरेटर संघ अपनी मांगों पर अड़े रहे, हालांकि उनकी मांगे मानी गई और रविवार से फिर से बसों के पहिए चल पड़ेंगे.

400 यात्री बसों के पहिए थमे थे, 3 हजार रोजगार के लिए भटके

राजनांदगांव जिला मुख्यालय से तकरीबन 400 बसों का संचालन किया जाता है. इन बसों के संचालन में मुंशी, ड्राइवर, हेल्पर, कंडक्टर और सभी कर्मचारियों को मिलाकर 3 हजार लोगों का घर चलता है. 4 महीने तक ये सभी रोजी-रोटी का इंतजार करते रहे.

कर्ज लेकर चलाया घर

यात्री बस संचालन में मुंशी का काम करने वाले अशरफ गुल खान ने बताया कि पिछले 4 महीने से वे बेरोजगार हैं और कर्ज लेकर अपना घर चला रहे हैं. कहीं से कोई आमदनी नहीं है, इसके चलते रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.

ये थीं बस ऑपरेटर संघ की प्रमुख मांगें-

जिला मिनी बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष रईस अहमद शकील ने बताया कि मासिक किराया माफ किए जाने के बाद बस ऑपरेटर संघ ने केंद्र सरकार से बीमा की अवधि बढ़ाने की मांग की. इसके अलावा डीजल की बढ़ी कीमतों के हिसाब से ऑपरेटर संघ 40% यात्री किराया दर में बढ़ोतरी की मांग रखी.

राजनांदगांव: प्रदेश में रविवार से बसों के थमे पहिए फिर से चलने लगेंगे. सरकार के सामने बस संचालकों ने जो मांगे रखी थी वो मान ली गई हैं. लेकिन लॉकडाउन के दौरान जो ताला बस स्टैंड पर लटका उसने बस मालिकों को बेहाल कर दिया है. न तो वे लोन की किस्त पटा पा रहे हैं और न ही ड्राइवर, मुंशी और हेल्पर को वेतन दे पा रहे हैं. यात्री बसों में काम करने वालों के सामने दो वक्त की रोटी जुटाने की मुसीबत खड़ी हो गई. उम्मीद है कि बस संचालन शुरू होने के बाद कुछ स्थिति सुधरे.

छत्तीसगढ़ में अब दौड़ेंगी बसें

केंद्र सरकार ने धीरे-धीरे देश को अनलॉक करने की प्रक्रिया में तेजी ला दी है. इसी तारतम्य में राज्य शासन ने भी यात्री बसों के संचालन को लेकर 3 माह की मासिक कर में यात्री बस संचालकों को छूट दे दी. और फिर बाकी मांगे भी मान ली.

संचालकों के सर पर लोन

इस दौरान डीजल की कीमतों में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हुई. यात्री बस संचालकों की मानें तो डीजल के दाम 15 दिनों में काफी बढ़ चुके हैं. वहीं यात्री बस के लिए गए लोन की किस्त भी सिर पर है इसलिए उन्हें आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है. अभी संचालन शुरू होने के बाद भी लोग डर की वजह से कम यात्रा करेंगे, ऐसे में पहली जैसी स्थिति नहीं आ पाएगी.

पढ़ें- 5 जुलाई से छत्तीसगढ़ में चलेंगी यात्री बसें, परिवहन मंत्री के साथ बैठक के बाद फैसला

पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए बनाए गए हैं नियम

पहले राज्य शासन ने यात्री बस शुरू करने के लिए पहल की थी और 3 माह का मासिक वेतन माफ करते हुए बस संचालकों को यात्री बस सेवा शुरू करने को कहा था. लेकिन अब तक के बस आपरेटर संघ अपनी मांगों पर अड़े रहे, हालांकि उनकी मांगे मानी गई और रविवार से फिर से बसों के पहिए चल पड़ेंगे.

400 यात्री बसों के पहिए थमे थे, 3 हजार रोजगार के लिए भटके

राजनांदगांव जिला मुख्यालय से तकरीबन 400 बसों का संचालन किया जाता है. इन बसों के संचालन में मुंशी, ड्राइवर, हेल्पर, कंडक्टर और सभी कर्मचारियों को मिलाकर 3 हजार लोगों का घर चलता है. 4 महीने तक ये सभी रोजी-रोटी का इंतजार करते रहे.

कर्ज लेकर चलाया घर

यात्री बस संचालन में मुंशी का काम करने वाले अशरफ गुल खान ने बताया कि पिछले 4 महीने से वे बेरोजगार हैं और कर्ज लेकर अपना घर चला रहे हैं. कहीं से कोई आमदनी नहीं है, इसके चलते रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.

ये थीं बस ऑपरेटर संघ की प्रमुख मांगें-

जिला मिनी बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष रईस अहमद शकील ने बताया कि मासिक किराया माफ किए जाने के बाद बस ऑपरेटर संघ ने केंद्र सरकार से बीमा की अवधि बढ़ाने की मांग की. इसके अलावा डीजल की बढ़ी कीमतों के हिसाब से ऑपरेटर संघ 40% यात्री किराया दर में बढ़ोतरी की मांग रखी.

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