राजनांदगांव : लोकसभा चुनाव 2019 में इस बार नोटा की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है. इस संसदीय क्षेत्र में नोटा ने तीसरा स्थान बनाया है. दिलचस्प बात तो ये है कि इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को भी नोटा ने पीछे छोड़ दिया है.
लोकसभा चुनाव में नोटा की भूमिका एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आई है, जिसे लेकर अब राष्ट्रीय पार्टियों को भी रणनीति बनानी होगी. नोटा पर बढ़ता वोट प्रतिशत राजनीतिक पार्टियों पर लोगों के घटते विश्वास की ओर संकेत है, जो इस लोकसभा चुनाव में स्पष्टतौर पर देखने को मिल रहा है.
राजनांदगांव लोकसभा सीट पर 14 प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया था. इनमें तीन राष्ट्रीय पार्टियां और शेष निर्दलीय प्रत्याशी रहे. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडेय ने 662387 वोट हासिल किए, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को 550421 वोट मिले. इन दोनों प्रत्याशी के बाद नोटा का नंबर आता है. जहां पूरे संसदीय क्षेत्र में नोटा पर 19436 वोट पड़े हैं, वहीं बसपा की प्रत्याशी रविता लकड़ा को मात्र 17145 वोट मिले. बता दें कि नोटा की वोट संख्या बसपा की प्रत्याशी रविता लकड़ा को मिले वोट से ज्यादा है. शेष प्रत्याशी तो नोटा को मिले मतों के आस-पास भी नहीं फटक पाए हैं.
नोटा को लेकर तैयार करनी होगी रणनीति
इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार दीपांकर खोब्रागड़े का कहना है कि 'इस बार राजनांदगांव लोकसभा सीट पर 14 प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया था. इनमें तीन राष्ट्रीय स्तर की पार्टियां शामिल रहीं, इसके बावजूद मतदाताओं ने नोटा का ऑप्शन अपनाया है. धीरे-धीरे नोटा की संख्या बढ़ती जा रही है. इसका साफ मतलब है कि जो प्रत्याशी राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में मैदान में थे, उन्हें 19436 मतदाताओं ने नकार दिया है.'
ये प्रत्याशी रहे मैदान में
प्रत्याशियों के नाम और उनको मिले वोट
भोलाराम साहू 5 लाख 50 हजार 421
रविता लकड़ा 17 हजार 145
संतोष पांडेय 6 लाख 62 हजार 387
अजय पाली 8366
डॉ. गोंजू पाल 1773
प्रतिमा संतोष वासनिक 1506
महेंद्र कुमार साहू 1519
विश्वनाथ पोर्ते 3817
वैद्य शेखू राम वर्मा 4297
कामिनी साहू 2445
कांति गुप्ता 3713
रामखेलावन डहरिया 5060
सच्चिदानंद कौशिक 12472
सुदेश टीकम 12668
नोटा 19426