राजनांदगांव : पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है. 5 लाख के इनामी नक्सली राजेश टोप्पो उर्फ लच्छू ने राजनांदगांव पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. राजेश मलाजखंड एरिया कमेटी का सदस्य रहा है, वह MMC जोन इंचार्ज दीपक तेलतुमबड़े का बॉडीगार्ड था. राजेश ने राज्य शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला लिया है.
आत्म समर्पित नक्सली अलग-अलग हुई चार घटनाओं में शामिल था. पुलिस उसे लंबे समय से तलाश रही थी. वह मलाजखंड एरिया कमेटी के सदस्य के तौर पर काम कर रहा था. आत्म समर्पित नक्सली को केंद्र शासन से सरेंडर कम रिजर्वेशन स्कीम के तहत ढाई लाख और राज्य सरकार के घोषित इनाम 5 लाख सहित कुल 7 लाख 50 हजार रुपए इनाम के तौर पर दिए जाएंगे.
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2009 में संगठन में हुआ था शामिल
- राजेश सन् 2009 में नक्सली संगठन से जुड़ा और साल 2011 में कोरची एरिया कमेटी में काम किया. इसके बाद एक साल काम करते हुए CCM दीपक तेलतुमड़े का उसे गार्ड बनाया गया. जहां सन् 2012 से 014 तक वह बॉडीगार्ड के रूप में काम करता रहा.
- इसके बाद सन् 2015 में फिर से उसे कोरची दलम में काम करने के लिए भेजा गया. सन् 2016 में टाडा एरिया कमेटी में ट्रांसफर कर दिया गया. लगभग डेढ़ वर्ष तक टाटा एरिया कमेटी में काम करने के बाद साल 2017 में कमेटी में फिर ट्रांसफर किया गया, जहां अभी वह काम कर रहा था.
इन घटनाओं में रहा है शामिल
- साल 2010 में थाना कोरची के ग्राम फुल गोंदी जंगल डेरा में पुलिस पार्टी के साथ मुठभेड़ हुई थी. इस घटना में डीवीसी पहाड़ सिंह, रामदास गोपी दिनेश सहित अन्य 15 लोग शामिल थे. इस घटना में राजेश भी शामिल रहा.
- सन् 2017 में थाना गातापार के ग्राम भावे घोड़ापाठ पहाड़ी जंगल में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में युगलकिशोर वर्मा और आरक्षक कृष्णलाल साहू शहीद हुए थे, जिसमें सीसी मेंबर दीपक तेलतुमड़े, SZC सदस्य सुरेंद्र दामा उर्फ सुजान सिंह, चंदू उर्फ देवचंद सहित 91 नक्सली शामिल थे. इस घटना में भी राजेश शामिल था.
- सन् 2018 को थाना गंडई के पहाड़ी जंगल में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के दौरान कमांडर नागेश सीसी गार्ड कमांडर प्रदीप, संगीता, सुभाष, नंदू योगेश अन्य नक्सली शामिल थे, जिसमें राजेश की भी अहम भूमिका रही थी.
- वहीं ग्राम डाबरी में मुखबिरी के शक में ग्रामीण की हत्या में भी राजेश शामिल था.
दी गई प्रोत्साहन राशि
ADG हिमांशु गुप्ता ने आत्मसमर्पित नक्सली को आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत फिलहाल 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी है.