दंतेवाड़ा : साल 2024 का यह अंतिम सप्ताह चल रहा है. इस साल के अंत और नए साल 2025 की शुरुआत से पहले बड़ी संख्या में श्रद्धालु बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर पहुंच रहे हैं. मां दंतेश्वरी मंदिर में न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक समेत कई राज्यों से भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर माता के दरबार पहुंच रहे हैं.
52 शक्तिपीठों में से एक है दंतेश्वरी मंदिर : मां आदिशक्ति के 52 शक्तिपीठों में से एक दंतेश्वरी मंदिर भी है. मान्यता है कि मां दंतेश्वरी माता दुर्गा की ही रूप हैं. इस वजह से मां दंतेश्वरी माता के प्रति लोगों की आस्था प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. पर्यटक नगरी होने की वजह से दंतेवाड़ा में बाहर से श्रद्धालु माता के दर्शन आते हैं. दर्शन करने के बाद पर्यटक यहां के प्राकृतिक नजारों का लुफ्त उठाते हैं. यहां फागुन मेला, चैत्र और शारदीय नवरात्र के बाद दिसंबर और जनवरी के महीने में सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं.
नए साल के पहले उमड़ी भक्तों की भीड़ : नए साल के पहले दिन बस्तरवासी माता दंतेश्वरी देवी के दर्शन कर आशीर्वाद लेते हैं. मान्यता है कि जो श्रद्धालु सच्ची श्रद्धा से माता की पूजा कर अपनी मनोकामना मांगता है, माता उसे जरूर पूरा करती हैं. इसलिए नए साल से पहले ही माता के मंदिर में देवी दर्शन के लिए जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है. भक्तों का कहना है कि माता के दर्शन कर नए साल का जश्न मनाएंगे.
इस साल का अंत होने वाला है और 2025 आने वाला है. इसलिए हम मां दंतेश्वरी के दरबार पहुंचे हैं. 2025 हमारा अच्छा जाए, इसके लिए माता की आशीर्वाद मांगेंगे : सरिता, श्रद्धालु, रायगढ़
मनोकामना लेकर मंदिर पहुंच रहे भक्त : सुबह से ही माता की एक झलक पाने के लिए लोग कतरबद्ध होकर माता की जयकारे लगाते दिखाई दे रहे हैं. देवी दर्शन के बाद मंदिर से बाहर आए कुछ भक्तों से हमारी टीम ने बात की. भक्तों का कहना है कि माता के दर्शन कर वे बेहद खुश हैं.
मेरी दंतेश्वरी माता के प्रति सच्ची आस्था है. मैं पहली बार अपनी फैमिली के साथ दंतेवाड़ा आया हूं. माता के दर्शन कर लिया हूं. मां सबकी मुराद पूरी करतीं हैं. मेरी भी मुराद जरूर पूरी करेंगी : राम नारायण शर्मा, श्रद्धालु, रायपुर
धर्मशाला होटल में नहीं बची जगह : साल 2024 का अंतिम सप्ताह होने और शीतकालीन छुट्टी होने की वजह से दंतेवाड़ा में भीड़ बढ़ गई है. हालात यह है कि कि लोगों को धर्मशाला और होटलों में भी जगह नहीं मिल रही है. बहुत से श्रद्धालुओं को बाहर में रात गुजारनी पड़ती है. सुबह होते ही वे माता के दर्शन के लिए यहां पहुंच रहे हैं. बाहर से आए एक श्रद्धालु ने बताया कि नगरी में धर्मशाला होटल की उचित व्यवस्था होनी चाहिए. ताकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई अव्यवस्था का सामना न करना पड़े.
दंतेश्वरी के धाम में भक्तों के लिए रुकने ठहरने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए, जो कि नहीं है. धर्मशाला में महिलाओं के लिए टॉयलेट की कमी है. जहां टॉयलेट है, वहां साफ सफाई नहीं है. रुकने की उचित व्यवस्था नहीं है. हॉल में ना तो गद्दे हैं, ना ही दरी है : राम नारायण शर्मा, श्रद्धालु, रायपुर
टेंपल कमिटी से ठहरने की व्यवस्था की मांग : रायगढ़ से दंतेवाड़ा पहुंची सरिता ने बताया कि मंदिर में इतनी भीड़ है कि होटल में रुकने की व्यवस्था नहीं है. धर्मशाला खुला है तो वहां जगह नहीं है. जिसकी वजह से हमें बाहर रात गुजारना पड़ रहा है. यहां के शासन प्रशासन और टेंपल कमिटी को श्रद्धालुओं के लिए कम से कम ठहरने की व्यवस्था करनी चाहिए. क्योंकि महिलाओं को कई प्रकार की समस्या होती है.